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भ्रष्टाचार में फंसा शौचालय, परत दर परत खुल रही पदाधिकारियों की पोल - Toilet scam case in Bokaro's Chas

सरकारी उदासीनता के कारण बोकारो में शौचालय निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. कागजों पर ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. बोकारो के चास प्रखंड अंतर्गत सतनपुर पंचायत में मनरेगा के तहत 400 शौचालयों का निर्माण होना था. जिसमें 80 शौचालय बने लेकिन 76 शौचालय किसी काम के नहीं हैं, जबकि 4 शौचालय में फिलहाल काम बाकी है.

Village declared ODF without toilet construction in bokaro
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Published : Jul 26, 2020, 10:07 PM IST

बोकारोः एक नारा है जहां सोच वहीं शौचालय, लेकिन लोगों में सोच तो है पर सरकारी उदासीनता के चलते शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. जिसके कारण आज भी लोग शौचालय की मांग करते नजर आते हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने बोकारो जिला को ही ओडीएफ घोषित कर दिया है. चास का सतनपुर पंचायत जिला मुख्यालय से सटा हुआ है. लेकिन इसके बाद भी यहां अधिकारियों की उदासीनता के कारण शौचालयों का ना निर्माण हो पया और ना ही किसी पर कड़ी कार्रवाई हुई. अब विडंबना यह है कि सरकार और जिला प्रशासन पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर चुका है ऐसे में शौचालय नहीं रहने के कारण लोग बाहर शौच के लिए जाने हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ओडीएफ सिर्फ दिखावे के लिए किया गया या फिर इसकी हकीकत कुछ यही है.

देखें पूरी खबर
400 में बने मात्र 80 शौचालय

चास प्रखंड के सतनपुर गांव में 2013-14 में 400 शौचालय का निर्माण मनरेगा से शुरू हुआ था, लेकिन मात्र 80 शौचालय बने जिसमें मात्र 4 शौचालय का ही उपयोग हो रहा था. जबकि 76 शौचालय बिना काम के पड़े हुए हैं. ये रिपोर्ट जांच के तत्कालीन बीडीओ कपिल कुमार ने डीडीसी राम लखन प्रसाद गुप्ता को जांच के बाद दी थी. डीडीसी ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का निर्देश देने के बाद बीडीओ ने जन सेवक को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन इन शौचालय के निर्माण में प्रखंड कार्यालय की मिलीभगत से यह ठेकेदारी प्रथा की भेंट चढ़ गई और इसके निर्माण में काफी अनियमितता आई.

दिखावे के लिए बने कुछ शौचालय

वहीं, जब इसकी शिकायत मिली तो इसकी जांच भी कराई गई. जांच के बाद कुछ पदाधिकारियों से पैसे की रिकवरी भी की गई. जबकि तत्कालीन बीडीओ ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शत्रुघन कुमार को तत्कालीन रोजगार सेवक संजय कुंभकार के खिलाफ सेक्टर 12 थाना में मामला दर्ज कराने का आदेश भी दिया, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कर्रवाई नहीं हुई. गांव में बने शौचालय का हाल अगर देखा जाए तो यह पता ही नहीं चलेगा कि यहां कभी शौचालय भी बना था.

ये भी पढ़ें- कोरोना के खौफ के बीच झारखंड में शुरू हुआ 'मिशन एडमिशन', बाहरी संस्थानों में नहीं करना चाहते पढ़ाई

अधूरे शौचालय का हुआ निर्माण

इधर, ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि उनके नाम से शौचालय का स्किम आया था, लेकिन उसकी राशि उन्हें कभी नहीं मिली, कुछ दलाल इसका निर्माण कार्य करने आए थे जो बिना पूर्ण किए भाग गए. महिलाओं ने कहा कि कई बार इसकी शिकायत की गई. जांच में भी अधिकारी आए लेकिन आज तक शौचालय नहीं बना. महिलाओं ने बताया कि शौचालय नहीं रहने के कारण सभी को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. बाहर जाने से खतरा बना रहता है बरसात में झाड़ियों से होकर खुले मैदान में बच्चों को लेकर जाना पड़ता है. ऐसे में महिलाओं ने शौचालय की मांग कर रही हैं.

घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग

वहीं, गांव के युवक ने बताया कि 'हम चाहते हैं कि जो भी इस घोटाले में शामिल हैं उन पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि उन्हें सबक मिले. पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि उत्तम भट्टाचार्य ने बताया कि लिखित शिकायत के बाद जांच हुई लेकिन अभी तक ना तो यहां लोगों के लिए शौचालय बनाया गया और ना ही किसी पर कोई कार्रवाई की गई.' कुछ लोग से राशि की रिकवरी करने की बात सामने आई थी. उन्होंने कहा कि यहां शौचालय निर्माण में लगभग 13 लाख की राशि का घोटाला किया गया है, जिसमें बीडीओ तक शामिल थे. वहीं, जब इस मामले पर डीडीसी रवि रंजन मिश्रा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जांच कर सम्मिलित लोगों पर करवाई की जाएगी.

बोकारोः एक नारा है जहां सोच वहीं शौचालय, लेकिन लोगों में सोच तो है पर सरकारी उदासीनता के चलते शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. जिसके कारण आज भी लोग शौचालय की मांग करते नजर आते हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने बोकारो जिला को ही ओडीएफ घोषित कर दिया है. चास का सतनपुर पंचायत जिला मुख्यालय से सटा हुआ है. लेकिन इसके बाद भी यहां अधिकारियों की उदासीनता के कारण शौचालयों का ना निर्माण हो पया और ना ही किसी पर कड़ी कार्रवाई हुई. अब विडंबना यह है कि सरकार और जिला प्रशासन पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर चुका है ऐसे में शौचालय नहीं रहने के कारण लोग बाहर शौच के लिए जाने हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ओडीएफ सिर्फ दिखावे के लिए किया गया या फिर इसकी हकीकत कुछ यही है.

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400 में बने मात्र 80 शौचालय

चास प्रखंड के सतनपुर गांव में 2013-14 में 400 शौचालय का निर्माण मनरेगा से शुरू हुआ था, लेकिन मात्र 80 शौचालय बने जिसमें मात्र 4 शौचालय का ही उपयोग हो रहा था. जबकि 76 शौचालय बिना काम के पड़े हुए हैं. ये रिपोर्ट जांच के तत्कालीन बीडीओ कपिल कुमार ने डीडीसी राम लखन प्रसाद गुप्ता को जांच के बाद दी थी. डीडीसी ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का निर्देश देने के बाद बीडीओ ने जन सेवक को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन इन शौचालय के निर्माण में प्रखंड कार्यालय की मिलीभगत से यह ठेकेदारी प्रथा की भेंट चढ़ गई और इसके निर्माण में काफी अनियमितता आई.

दिखावे के लिए बने कुछ शौचालय

वहीं, जब इसकी शिकायत मिली तो इसकी जांच भी कराई गई. जांच के बाद कुछ पदाधिकारियों से पैसे की रिकवरी भी की गई. जबकि तत्कालीन बीडीओ ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शत्रुघन कुमार को तत्कालीन रोजगार सेवक संजय कुंभकार के खिलाफ सेक्टर 12 थाना में मामला दर्ज कराने का आदेश भी दिया, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कर्रवाई नहीं हुई. गांव में बने शौचालय का हाल अगर देखा जाए तो यह पता ही नहीं चलेगा कि यहां कभी शौचालय भी बना था.

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अधूरे शौचालय का हुआ निर्माण

इधर, ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि उनके नाम से शौचालय का स्किम आया था, लेकिन उसकी राशि उन्हें कभी नहीं मिली, कुछ दलाल इसका निर्माण कार्य करने आए थे जो बिना पूर्ण किए भाग गए. महिलाओं ने कहा कि कई बार इसकी शिकायत की गई. जांच में भी अधिकारी आए लेकिन आज तक शौचालय नहीं बना. महिलाओं ने बताया कि शौचालय नहीं रहने के कारण सभी को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. बाहर जाने से खतरा बना रहता है बरसात में झाड़ियों से होकर खुले मैदान में बच्चों को लेकर जाना पड़ता है. ऐसे में महिलाओं ने शौचालय की मांग कर रही हैं.

घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग

वहीं, गांव के युवक ने बताया कि 'हम चाहते हैं कि जो भी इस घोटाले में शामिल हैं उन पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि उन्हें सबक मिले. पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि उत्तम भट्टाचार्य ने बताया कि लिखित शिकायत के बाद जांच हुई लेकिन अभी तक ना तो यहां लोगों के लिए शौचालय बनाया गया और ना ही किसी पर कोई कार्रवाई की गई.' कुछ लोग से राशि की रिकवरी करने की बात सामने आई थी. उन्होंने कहा कि यहां शौचालय निर्माण में लगभग 13 लाख की राशि का घोटाला किया गया है, जिसमें बीडीओ तक शामिल थे. वहीं, जब इस मामले पर डीडीसी रवि रंजन मिश्रा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जांच कर सम्मिलित लोगों पर करवाई की जाएगी.

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