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बोकारो में मोर्टार जैसी चीज मिलने से मचा हड़कंप, जांच के बाद मिली राहत

बोकारो के जारंगडीह में एक मोर्टार मिलने की अफवाह फैलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी मौते पर पहुंची और उसे कब्जे में लेकर जांच किया.

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Published : Jun 10, 2019, 12:28 PM IST

मोर्रटारनुमा चीज

बोकारो: जिले के गांधीनगर थाना क्षेत्र के जारंगडीह में उस वक्त हड़कंप मच गया. जब लोगों को खेत में एक मोर्टार मिलने की सूचना मिली. जिसके बाद लोग दहशत में आ गए. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने उसे कब्जे में लिया.

जानकारी देती पुलिस

दरअसल, जारंगडीह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, यही वजह है कि मोर्टारनुमा अस्त्र मिलने के बाद लोग दहशत में आ गए. जिसके बाद गांधीनगर थाना से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उस अस्त्र को कब्जे में ले लिया. बाद में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह रोशनी फैलाने वाला एक अस्त्र है जिसे सुरक्षा बल दुर्गम स्थानों पर और अंधेरे में अपराधियों की गतिविधि को देखने के लिए या कहें एनकाउंटर के दौरान अपराधियों की पोजीशन को जानने के लिए हवा में दाग कर इसका इस्तेमाल करते हैं.

ये भी पढ़ें- 'लाल आतंक' का कहर, पोकलेन मशीन को किया आग के हवाले

आगे जांच में यह भी पता चला कि 5 जून को सीआईएसएफ ने मॉक ड्रिल में इसका इस्तेमाल किया था. उसी रोशनी करने वाले अस्त्र का यह खोखा था, नक्सल प्रभावित होने की वजह से जैसे ही मोर्टार बम मिलने की सूचना पुलिस को मिली तो अधिकारी हरकत में आ गए. एसपी अभियान उमेश कुमार ने पूरे मामले की मॉनिटरिंग खुद की, बाद में पता चला वह मोर्टार नहीं सीआईएसएफ के द्वारा इस्तेमाल किया गया रोशनी बम का खोखा था.

बोकारो: जिले के गांधीनगर थाना क्षेत्र के जारंगडीह में उस वक्त हड़कंप मच गया. जब लोगों को खेत में एक मोर्टार मिलने की सूचना मिली. जिसके बाद लोग दहशत में आ गए. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने उसे कब्जे में लिया.

जानकारी देती पुलिस

दरअसल, जारंगडीह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, यही वजह है कि मोर्टारनुमा अस्त्र मिलने के बाद लोग दहशत में आ गए. जिसके बाद गांधीनगर थाना से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उस अस्त्र को कब्जे में ले लिया. बाद में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह रोशनी फैलाने वाला एक अस्त्र है जिसे सुरक्षा बल दुर्गम स्थानों पर और अंधेरे में अपराधियों की गतिविधि को देखने के लिए या कहें एनकाउंटर के दौरान अपराधियों की पोजीशन को जानने के लिए हवा में दाग कर इसका इस्तेमाल करते हैं.

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आगे जांच में यह भी पता चला कि 5 जून को सीआईएसएफ ने मॉक ड्रिल में इसका इस्तेमाल किया था. उसी रोशनी करने वाले अस्त्र का यह खोखा था, नक्सल प्रभावित होने की वजह से जैसे ही मोर्टार बम मिलने की सूचना पुलिस को मिली तो अधिकारी हरकत में आ गए. एसपी अभियान उमेश कुमार ने पूरे मामले की मॉनिटरिंग खुद की, बाद में पता चला वह मोर्टार नहीं सीआईएसएफ के द्वारा इस्तेमाल किया गया रोशनी बम का खोखा था.

Intro:बोकारो के गांधी नगर थाना क्षेत्र के जारंगडीह में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक मोर्टार बम नुमा अस्त्र खेत में मिला। जिसके बाद पूरे इलाके में मोर्टार बम होने की सूचना फैल गई। और लोग दहशत में आ गए। गांधीनगर का जारंगडीह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यही वजह है कि मोर्टार नुमा अस्त्र मिलने के बाद लोग दहशत में आ गए। जिसके बाद गांधीनगर थाना से पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और उस मोर्टार जैसे दिखने वाले अस्त्र को कब्जे में ले लिया। बाद में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वह मोर्टार बम नहीं बल्कि रोशनी फैलाने वाला एक अस्त्र है जिसे सुरक्षा बल दुर्गम स्थानों पर और अंधेरे में अपराधियों की गतिविधि को देखने के लिए या कहें एनकाउंटर के दौरान अपराधियों की पोजीशन को जानने के लिए हवा में दाग कर इसका इस्तेमाल करते हैं। आगे जांच में यह भी पता चला कि 5 जून को सीआईएसएफ ने मॉक ड्रिल में इसका इस्तेमाल किया था। उसी रोशनी करने वाले अस्त्र का यह खोखा था। नक्सल प्रभावित होने की वजह से जैसे ही मोर्टार बम मिलने की सूचना पुलिस को मिली तो अधिकारी हरकत में आ गए। उमेश कुमार एसपी अभियान ने पूरे मामले की मॉनिटरिंग खुद की। बाद में पता चला वह मोर्टार नहीं सीआईएसएफ के द्वारा इस्तेमाल किया गया रोशनी बम का खोखा था।


Body:सुधीर कुमार राम, एसआई गांधीनगर थाना


Conclusion:सुधीर कुमार राम, एसआई गांधीनगर थाना
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