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बोकारो खदान हादसा: मौत को मात देकर 96 घंटे बाद खदान से बाहर निकले 4 मजदूर

बोकारो खदान हादसे में मौत को मात देकर 96 घंटे बाद मजूदर बाहर आ गए हैं. खदान से बाहर आए मजदूरों ने कहा कि अंदर फंसे होने के दौरान उन्होंने खदान का ही पानी पिया और टॉर्च की रोशनी में बाहर निकले के लिए खुदाई करते रहे.

laborers trapped in mine came out safely after 96 hours
laborers trapped in mine came out safely after 96 hours
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Published : Nov 30, 2021, 9:28 AM IST

Updated : Dec 1, 2021, 2:59 PM IST

बोकारो: खदान हादसे में मौत को मात देकर 96 घंटे बाद मजूदर बाहर आ गए हैं. इन चार लोगों में श्रावण रजवार, लक्ष्मण रजवार, अनादि सिंह और भरत सिंह शामिल हैं. अमलाबाद ओपी इलाके के बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लॉक से 4 मजदूर लगभग 96 घंटे के तक खदान में फंसे रहे थे.

जानकारी के अनुसार, 26 नवंबर को बोकारो में खदान हादसा हुआ था. इस दौरान खदान धंस गया जिसमें चारों मजदूर अंदर फंस गए. शुरुआत में मामले की जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू नहीं किया जिससे स्थानीय लोगों में भी नाराजगी दिखी. हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए 27 नवंबर को जांच के आदेश दिए गए. जिसके बाद 28 नवंबर की NDRF की टीम मौके पर पहुंची. हालांकि स्थानीय जटिलताओं को देखते हुए उन्होंने बचाव कार्य रोक दिया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: Parvatpur Coal Block Bokaro: अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसी, फंसे चार लोग लगा रहे बचाने की गुहार

NDRF की टीम लोगों को बचाने के लिए रणनीति है तैयार कर रही थी कि इसी बीच चारों मजदूर खुद ही खदान से बाहर निकल आए. श्रावण रजवार, लक्ष्मण रजवार, अनादि सिंह और भरत सिंह के बाहर निकलते ही चारों तरफ जश्न जैसा माहौल हो गया. लोग खुशी से झूमने लगे. मौत को चकमा देकर निकले इन चारों मजदूरों ने बताया कि इन्होंने खुद ही खदान से बाहर निकलने का रास्ता बनाया.

laborers trapped in mine came out safely after 96 hours
खदान में फंस मजदूरों के परिजन

खदान में फंसे मजदूर ने बताया कि उन्हें तीन दिनों तक खदान का पानी पीकर रहना पड़ा, लेकिन इन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और निकलने के लिए लगातार नया रास्ता बनाने में लगे रहे. उन्होंने बताया कि हादसे के बाद उन चारों के पास एक-एक टॉर्च थे उन लोगों ने फैसला किया कि इनमें से एक बार एक ही टॉर्च का इस्तेमाल करना है, ताकि अन्य तीन की बैट्री बची रहे, क्योंकि जब तक रोशनी रहेगी तब तक बाहर निकलने के लिए खुदाई होगी.

laborers trapped in mine came out safely after 96 hours
खदान में फंस मजदूरों के परिजन

मजदूरों के खदान से बाहर निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की. हालांकि मजदूरों ने किसी भी अन्य स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल जाने से इनकार कर दिया.

laborers trapped in mine came out safely after 96 hours
खदान के बाहर जमा लोग

जिले के चंदनकियारी प्रखंड स्थित बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लाक में लंबे समय से अवैध खनन चलता है. 26 नवंबर को अवैध खनन के दौरान ही खदान धंस गया और उसमें काम कर रहे लोग फंस गए. कुछ लोगों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया लेकिन चार लोग अंदर ही फंस गए.

अंदर फंसे रावण रजवार की पत्नी मीरा देवी ने बताया कि शुक्रवार को किसी व्यक्ति ने उसके पति को यहां बुलाया था, जब वह घर नहीं लौटा तो वे लोग यहां आए. यहां पहुंचने पर उसकी आवाज सुरंग से आ रहा थी. वहीं रिश्तेदार प्रदीप रजवार ने बताया कि शनिवार सुबह मौके पर पहुंचे, आवाज लगाने पर भीतर से चाल में फंसे लोग बचाने की गुहार लगा रहे हैं. स्थानीय लोग अपने स्तर से ऐसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद की लेकिन किसी भी प्रकार की कामयाबी उन्हें नहीं मिल पाई.

बोकारो: खदान हादसे में मौत को मात देकर 96 घंटे बाद मजूदर बाहर आ गए हैं. इन चार लोगों में श्रावण रजवार, लक्ष्मण रजवार, अनादि सिंह और भरत सिंह शामिल हैं. अमलाबाद ओपी इलाके के बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लॉक से 4 मजदूर लगभग 96 घंटे के तक खदान में फंसे रहे थे.

जानकारी के अनुसार, 26 नवंबर को बोकारो में खदान हादसा हुआ था. इस दौरान खदान धंस गया जिसमें चारों मजदूर अंदर फंस गए. शुरुआत में मामले की जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू नहीं किया जिससे स्थानीय लोगों में भी नाराजगी दिखी. हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए 27 नवंबर को जांच के आदेश दिए गए. जिसके बाद 28 नवंबर की NDRF की टीम मौके पर पहुंची. हालांकि स्थानीय जटिलताओं को देखते हुए उन्होंने बचाव कार्य रोक दिया.

देखें वीडियो

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NDRF की टीम लोगों को बचाने के लिए रणनीति है तैयार कर रही थी कि इसी बीच चारों मजदूर खुद ही खदान से बाहर निकल आए. श्रावण रजवार, लक्ष्मण रजवार, अनादि सिंह और भरत सिंह के बाहर निकलते ही चारों तरफ जश्न जैसा माहौल हो गया. लोग खुशी से झूमने लगे. मौत को चकमा देकर निकले इन चारों मजदूरों ने बताया कि इन्होंने खुद ही खदान से बाहर निकलने का रास्ता बनाया.

laborers trapped in mine came out safely after 96 hours
खदान में फंस मजदूरों के परिजन

खदान में फंसे मजदूर ने बताया कि उन्हें तीन दिनों तक खदान का पानी पीकर रहना पड़ा, लेकिन इन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और निकलने के लिए लगातार नया रास्ता बनाने में लगे रहे. उन्होंने बताया कि हादसे के बाद उन चारों के पास एक-एक टॉर्च थे उन लोगों ने फैसला किया कि इनमें से एक बार एक ही टॉर्च का इस्तेमाल करना है, ताकि अन्य तीन की बैट्री बची रहे, क्योंकि जब तक रोशनी रहेगी तब तक बाहर निकलने के लिए खुदाई होगी.

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खदान में फंस मजदूरों के परिजन

मजदूरों के खदान से बाहर निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की. हालांकि मजदूरों ने किसी भी अन्य स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल जाने से इनकार कर दिया.

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खदान के बाहर जमा लोग

जिले के चंदनकियारी प्रखंड स्थित बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लाक में लंबे समय से अवैध खनन चलता है. 26 नवंबर को अवैध खनन के दौरान ही खदान धंस गया और उसमें काम कर रहे लोग फंस गए. कुछ लोगों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया लेकिन चार लोग अंदर ही फंस गए.

अंदर फंसे रावण रजवार की पत्नी मीरा देवी ने बताया कि शुक्रवार को किसी व्यक्ति ने उसके पति को यहां बुलाया था, जब वह घर नहीं लौटा तो वे लोग यहां आए. यहां पहुंचने पर उसकी आवाज सुरंग से आ रहा थी. वहीं रिश्तेदार प्रदीप रजवार ने बताया कि शनिवार सुबह मौके पर पहुंचे, आवाज लगाने पर भीतर से चाल में फंसे लोग बचाने की गुहार लगा रहे हैं. स्थानीय लोग अपने स्तर से ऐसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद की लेकिन किसी भी प्रकार की कामयाबी उन्हें नहीं मिल पाई.

Last Updated : Dec 1, 2021, 2:59 PM IST
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