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बोकारो के 'अमृत' योजना से बने पार्क में बह रहा विष, जाने से कतराते हैं लोग

बोकारो का चास नगर निगम क्षेत्र के भोलू बांध में अमृत पार्क बनाया गया है. बदहाली और अव्यवस्था के कारण पार्क की स्थिति दयनीय हो चुकी है. जिस तालाब किनारे यह पार्क बना है, इस तालाब के पानी में इतनी दुर्गंध है कि यहां लोग चाह कर भी आना नहीं पसंद करते हैं.

bad condition of amrit park in bokaro
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Published : Dec 13, 2020, 4:26 PM IST

बोकारो: चास नगर निगम क्षेत्र के भोलू बांध में बना अमृत पार्क फेज 4 निगम की उदासीनता के कारण अव्यवस्था का शिकार हो चुका है. इस पार्क की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने जिस उद्देश्य से इस योजना को धरातल पर उतारने का काम किया था, उसकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो पाई है.

देखें स्पेशल खबर

सैर करने के उद्देश्य से बना था अमृत पार्क
केंद्र की मोदी सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और आम लोगों के सैर करने के उद्देश्य से अमृत योजना के तहत पार्क निर्माण कार्य करने का निर्णय लिया था. इस योजना के तहत चास नगर निगम क्षेत्र में चार पार्क का निर्माण किया गया, लेकिन वर्तमान में सभी पार्कों की स्थिति दयनीय हो चुकी है.

अव्यवस्था का शिकार अमृत पार्क

चास नगर निगम के मेन रोड स्थित भोलूर बांध में बने अमृत पार्क की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि यहां आम लोगों के लिए कुछ भी बचा नहीं हुआ है. जिस तालाब किनारे यह पार्क बना है, इस तालाब के पानी में इतनी दुर्गंध है कि यहां लोग चाह कर भी आना पसंद नहीं करते. पार्क में लगे सभी सामान उजड़ चुके हैं. निगम के अधिकारियों की अनुभवहीनता के कारण पार्क के अंदर से नाली निर्माण कराया जा रहा है, जो पूर्व में ही किया जाना चाहिए था. निगम ने इस पार्क की देखरेख और रखरखाव तक करना उचित नहीं समझा, जिस कारण स्थिति आज यहां बिल्कुल उलट हो चुकी है.

अभी तक नहीं हो पाई जांच
स्थानीय अमर स्वर्णकार का कहना है कि इस पार्क के निर्माण में नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से सिर्फ पैसे कमाने का काम किया गया है. इस पार्क निर्माण की जांच के लिए पत्र भी लिखा गया, लेकिन इसकी जांच अभी तक नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि इस पार्क के उद्घाटन में राज्य के शिक्षा मंत्री ने ही जब तालाब के गंदे पानी पर सवाल उठा दिया था. इसके बावजूद निगम के अधिकारियों ने इस पर अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

चास नगर निगम की स्थिति बद से बदतर

चास नगर निगम के निवर्तमान डिप्टी मेयर अविनाश कुमार ने कहा कि जब से प्रशासक की नियुक्ति निगम में हुई है, तब से निगम की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. इस पार्क की भी देखरेख निगम नहीं कर रहा है. ऐसे में पूरी व्यवस्था चौपट हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस पार्क का हैंड ओवर निगम ने लिया है. इसके साथ ही जो निविदा में कार्य करने थे, वह काम नहीं हुए और अधिकारियों ने डीपीआर बनाने में भारी गलती की. जिसके कारण आज तालाब में गंदा पानी भरा पड़ा है.

ये भी पढ़े- बोकारो: बंद रेलवे क्वार्टर में जेवरात समेत लाखों की चोरी, शादी समारोह में गए थे परिवार के सदस्य


गंदे नाले का पानी निकालने की व्यवस्था

चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा ने कहा कि पार्क के रखरखाव के लिए निविदा नहीं निकाली जा सकी थी. जिस कारण दिक्कत हुई है. उन्होंने कहा कि तालाब में गंदे नाले का पानी नहीं गिरे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है.

बोकारो: चास नगर निगम क्षेत्र के भोलू बांध में बना अमृत पार्क फेज 4 निगम की उदासीनता के कारण अव्यवस्था का शिकार हो चुका है. इस पार्क की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने जिस उद्देश्य से इस योजना को धरातल पर उतारने का काम किया था, उसकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो पाई है.

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सैर करने के उद्देश्य से बना था अमृत पार्क
केंद्र की मोदी सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और आम लोगों के सैर करने के उद्देश्य से अमृत योजना के तहत पार्क निर्माण कार्य करने का निर्णय लिया था. इस योजना के तहत चास नगर निगम क्षेत्र में चार पार्क का निर्माण किया गया, लेकिन वर्तमान में सभी पार्कों की स्थिति दयनीय हो चुकी है.

अव्यवस्था का शिकार अमृत पार्क

चास नगर निगम के मेन रोड स्थित भोलूर बांध में बने अमृत पार्क की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि यहां आम लोगों के लिए कुछ भी बचा नहीं हुआ है. जिस तालाब किनारे यह पार्क बना है, इस तालाब के पानी में इतनी दुर्गंध है कि यहां लोग चाह कर भी आना पसंद नहीं करते. पार्क में लगे सभी सामान उजड़ चुके हैं. निगम के अधिकारियों की अनुभवहीनता के कारण पार्क के अंदर से नाली निर्माण कराया जा रहा है, जो पूर्व में ही किया जाना चाहिए था. निगम ने इस पार्क की देखरेख और रखरखाव तक करना उचित नहीं समझा, जिस कारण स्थिति आज यहां बिल्कुल उलट हो चुकी है.

अभी तक नहीं हो पाई जांच
स्थानीय अमर स्वर्णकार का कहना है कि इस पार्क के निर्माण में नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से सिर्फ पैसे कमाने का काम किया गया है. इस पार्क निर्माण की जांच के लिए पत्र भी लिखा गया, लेकिन इसकी जांच अभी तक नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि इस पार्क के उद्घाटन में राज्य के शिक्षा मंत्री ने ही जब तालाब के गंदे पानी पर सवाल उठा दिया था. इसके बावजूद निगम के अधिकारियों ने इस पर अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

चास नगर निगम की स्थिति बद से बदतर

चास नगर निगम के निवर्तमान डिप्टी मेयर अविनाश कुमार ने कहा कि जब से प्रशासक की नियुक्ति निगम में हुई है, तब से निगम की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. इस पार्क की भी देखरेख निगम नहीं कर रहा है. ऐसे में पूरी व्यवस्था चौपट हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस पार्क का हैंड ओवर निगम ने लिया है. इसके साथ ही जो निविदा में कार्य करने थे, वह काम नहीं हुए और अधिकारियों ने डीपीआर बनाने में भारी गलती की. जिसके कारण आज तालाब में गंदा पानी भरा पड़ा है.

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गंदे नाले का पानी निकालने की व्यवस्था

चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा ने कहा कि पार्क के रखरखाव के लिए निविदा नहीं निकाली जा सकी थी. जिस कारण दिक्कत हुई है. उन्होंने कहा कि तालाब में गंदे नाले का पानी नहीं गिरे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है.

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