नई दिल्ली : देश में नवंबर में डीजल की खपत 7.5 प्रतिशत घट गई है. दिवाली पर ट्रक चालकों के अवकाश लेने से परिवहन क्षेत्र की मांग घटने के चलते डीजल की खपत कम हुई है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के शुरुआती आकंड़ों से यह जानकारी मिली है. नवंबर में डीजल की खपत एक साल पहले के 73.3 लाख टन से घटकर 67.8 लाख टन रह गई है. उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ ट्रक चालक अपने घर जाने के लिए दिवाली में छुट्टी लेते हैं। दिसंबर में मांग काफी हद तक पिछले स्तर पर पहुंच जाएगी.
डीजल मांग में कमी आई
डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है. इसकी सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है. देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है. त्योहारों के दौरान निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ने से तीन सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं की पेट्रोल बिक्री 7.5 प्रतिशत बढ़कर 28.6 लाख टन हो गई है. अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की मांग सालाना आधार पर नौ प्रतिशत और डीजल की बिक्री 3.2 प्रतिशत गिर गई थी. नवरात्रि/दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत से इस रुझान में बदलाव आया. नवंबर के पहले पखवाड़े में डीजल मांग में 12.1 प्रतिशत की कमी आई. हालांकि दूसरे पखवाड़े में इसमें कुछ सुधार आया.
रसोई गैस एलपीजी की बिक्री घटी
मासिक आधार पर डीजल बिक्री अक्टूबर में 65 लाख टन के मुकाबले नवंबर में 3.6 प्रतिशत अधिक रही है. नवंबर में विमान ईंधन (एटीएफ) की बिक्री सालाना आधार पर 6.1 फीसदी बढ़कर 620,000 टन हो गई. हालांकि, यह आंकड़ा नवंबर 2019 की तुलना में 7.5 प्रतिशत कम है. नवंबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 0.9 फीसदी घटकर 25.7 लाख टन रही.