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कोरोना संकट: आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े, -10 से -25 फीसदी रह सकती है विकास दर

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उपभोक्ता मांग और निजी निवेश में कमी आई है जिसके कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत की विकास दर 40 साल से भी ज्यादा नीचे जा सकती है. कोरोना वायरस संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

कोरोना संकट: आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े, -10 से -25 फीसदी रह सकती है विकास दर
कोरोना संकट: आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े, -10 से -25 फीसदी रह सकती है विकास दर
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Published : Aug 31, 2020, 10:33 AM IST

हैदराबाद: केंद्र सरकार आज शाम को जून तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रोथ के आंकड़े जारी करेगी. तमाम एजेंसियों ने जून तिमाही के जीडीपी में -10 फीसदी से लेकर -25 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की चेतावनी दी है.

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उपभोक्ता मांग और निजी निवेश में कमी आई है जिसके कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत की विकास दर 40 साल से भी ज्यादा नीचे जा सकती है. कोरोना वायरस संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

कोरोना संकट: आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े, -10 से -25 फीसदी रह सकती है विकास दर
एजेंसियों का अनुमान

ये भी पढ़ें- 1979 के बाद पहली बार जीडीपी वृद्धि में संकुचन के लिए तैयार भारत

बैंकों और रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि जीडीपी के आंकड़ें में कोविड-19 के आर्थिक दुष्प्रभाव झलकेंगे. वहीं, लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों के चलते पहली तिमाही के आर्थिक प्रदर्शन को लेकर काफी अनिश्चितताएं देखने को मिल सकती है.

किन सेक्टरों में ज्यादा गिरावट का अनुमान

केयर रेटिंग ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि कृषि, वानिकी, मत्स्यपालन और लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि और बाकी क्षेत्रों में भी गिरावट का अनुमान है.

जीडीपी में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट के आसार

इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति भी आशंका जता चुके हैं की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी.

अमेरिका, जापान और यूके का भी बुरा हाल

अप्रैल से जून की तिमाही में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में 33 फीसदी की भारी गिरावट आई है. वहीं, जापान की जीडीपी में 27.8 फीसदी और ब्रिटेन की जीडीपी में 20.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. अप्रैल-जून में आई गिरावट अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है

हैदराबाद: केंद्र सरकार आज शाम को जून तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रोथ के आंकड़े जारी करेगी. तमाम एजेंसियों ने जून तिमाही के जीडीपी में -10 फीसदी से लेकर -25 फीसदी तक ही ग्रोथ रहने की चेतावनी दी है.

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उपभोक्ता मांग और निजी निवेश में कमी आई है जिसके कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत की विकास दर 40 साल से भी ज्यादा नीचे जा सकती है. कोरोना वायरस संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

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एजेंसियों का अनुमान

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बैंकों और रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि जीडीपी के आंकड़ें में कोविड-19 के आर्थिक दुष्प्रभाव झलकेंगे. वहीं, लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों के चलते पहली तिमाही के आर्थिक प्रदर्शन को लेकर काफी अनिश्चितताएं देखने को मिल सकती है.

किन सेक्टरों में ज्यादा गिरावट का अनुमान

केयर रेटिंग ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि कृषि, वानिकी, मत्स्यपालन और लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि और बाकी क्षेत्रों में भी गिरावट का अनुमान है.

जीडीपी में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट के आसार

इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति भी आशंका जता चुके हैं की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी.

अमेरिका, जापान और यूके का भी बुरा हाल

अप्रैल से जून की तिमाही में अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में 33 फीसदी की भारी गिरावट आई है. वहीं, जापान की जीडीपी में 27.8 फीसदी और ब्रिटेन की जीडीपी में 20.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. अप्रैल-जून में आई गिरावट अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है

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