नई दिल्ली: इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को सितंबर तिमाही में 1,062 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. विमान पट्टा देनदारी से जुड़े खर्च बढ़ना इसकी वजह रही. कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह सूचना दी. एक साल पहले की इसी तिमाही में उसे 651.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
विज्ञप्ति के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इंटरग्लोब की कुल आय 31 प्रतिशत बढ़कर 8,539.8 करोड़ रुपये हो गई. वित्त वर्ष 2018-19 की सितंबर तिमाही में उसकी आय 6,514.1 करोड़ रुपये थी.
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने कहा कि तिमाही के दौरान आय के मोर्चे पर हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा. भारतीय लेखा मानक 116 के तहत विमान पट्टा देनदारी पर भारतीय मुद्रा के विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव और भविष्य की रखरखाव लागत के लिए अनुमान के पुनर्मूल्यांकन से घाटा हुआ.
ये भी पढ़ें- न्यायालय के फैसले पर दूरसंचार कंपनियों ने कहा- फैसला उद्योग के लिए विनाशकारी
भारतीय लेखा मानक 116 जिसे इंड एएस -116 कहा गया है , एक अप्रैल से अमल में आ गये हैं. इन मानकों में पट्टे के मामले में मान्यता , प्रस्तुतीकरण और खुलासा करने के सिद्धांत शामिल हैं.
कंपनी का कर से पहले घाटा सितंबर तिमाही में 1,031.8 करोड़ रुपये रहा, जो कि एक साल पहले की इसी तिमाही में 987.2 करोड़ रुपये था.
कंपनी ने कहा, "संपत्तियों के बाजार मूल्य में कमी और रखरखाव की अधिक लागत की वजह से कंपनी का लाभ प्रभावित हुआ."
कंपनी की कुल लागत सितंबर तिमाही में करीब 28 प्रतिशत बढ़कर 9,571.6 करोड़ रुपये हो गई.
दत्ता ने कहा, "हम अपनी वृद्धि योजना पर ध्यान देना जारी रखेंगे और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रहे हैं."
बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है.कंपनी पर पूंजीगत पट्टा देनदारी समेत कुल 19,841.8 करोड़ रुपये का कर्ज है.
विज्ञप्ति में कहा गया, "कर्ज एवं पट्टा देनदारी के बाद इंडिगो ने अपनी परिचालन गतिविधियों से सितंबर में समाप्त पहली छमाही में 3,334 करोड़ रुपये कमाए."