कोट्टायम: केरल के पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि ने आज अंतिम सांस ली. के एम मणि चार दशकों से केरल की गठबंधन की राजनीति में एक जबरदस्त ताकत थे. मणि विधानसभा में अबतक में 13 बार बजट पेश कर चुकें हैं जो कि एक रिकॉर्ड है.
अपने लगभग पांच दशक लंबे राजनीतिक करियर के दौरान मणि ने केरल के छह मुख्यमंत्रियों के मंत्रिमंडलों में 24 वर्षों तक वित्त और राजस्व सहित विभिन्न विभागों को संभाला. मणि केरल के पहाड़ी इलाकों में वाणिज्यिक कृषि को बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.
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राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने माल और सेवा कर (GST) पर राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह का नेतृत्व किया था जो राज्यों के बीच आम सहमति बनाने में सहायक था.
मणि राजनीतिक के साथ-साथ आर्थिक मुद्दे पर लिखने के लिए अपने विचारों के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें 'केरल की वित्तीय समस्याएं कारण और उपचारात्मक उपाय', 'द पीपुल्स सोशलिज्म', 'द आठवीं पंचवर्षीय योजना-एक वैकल्पिक दृष्टिकोण', 'टोलिंग क्लास का सिद्धांत', 'केरल का आर्थिक विकास', 'मेहनतकश वर्ग का सिद्धांत' और 'राजनीतिक और आर्थिक अध्ययन'.