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जमशेदपुर: नए सब इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग देने कार्यशाला का आयोजन, डीआईजी ने किया संबोधित

पूर्वी सिंहभूम जिले में 203 नए सब इंस्पेक्टर यानी दरोगा की बहाली हुई है, जिनकी 15 अक्टूबर तक ट्रेनिंग की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें 18 अक्टूबर से अलग-अलग थानों में अस्थाई पोस्टेड किया जाएगा, इसके पहले उन्हें संपूर्ण जानकारी के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

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Published : Oct 3, 2020, 4:39 PM IST

कार्यशाला का आयोजन

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में बहाल हुए नए दरोगा को स्थाई पोस्टिंग देने से पहले कानून संबंधी जानकारियों के लिए और पुलिसिंग व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. कोल्हान डीआईजी ने कहा कि समय के साथ-साथ अपराध का स्वरूप भी बदल रहा है. वर्तमान में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए कानून संबंधी संपूर्ण जानकारी का होना जरूरी है, जिसके लिए विशेष ट्रेनिंग के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

बिष्टुपुर स्थित लोयला ऑडिटोरियम में जिला पुलिस ने 200 नए सब इंस्पेक्टरों को क्रिमिनल लॉ एंड इन्वेस्टिगेशन पर आधारित कार्यशाला में कानून संबंधित कई जानकारियां दी गई है और पुलिसिंग व्यवस्था में हुए बदलाव के बारे में यह बताया गया कि वर्तमान में अपराध का स्वरूप बदल गया है. साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है, कार्यशाला में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराधों का अनुसंधान, एनडीपीएस एक्ट, पोस्को एक्ट, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, फॉरेंसिक एंड मेडिको लीगल के अलावा साइबर क्राइम से निपटने के लिए तकनीकी जानकारी दी गई है.

कार्यशाला में कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन के अलावा पूर्वी सिंहभूम जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिलवानन, सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट, जमशेदपुर न्यायालय के लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल, एमजीएम कॉलेज के डॉक्टर विभाकर कुमार के अलावा सीआईएसफ के कमांडेंट हरिओम गांधी ने प्रशिक्षु दरोगा को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना के साथ निमोनिया की चपेट में शिक्षा मंत्री, बढ़ी चिंता

डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि सभी सब इंस्पेक्टरों को अपनी ट्रेनिंग के दौरान कोरोना काल का सामना करना पड़ा है, जिससे उन्हें कई परेशानी का सामना करना पड़ा है. इस कार्यशाला के जरिए उन्हें पूरी जानकारी दी जा रही है. वर्तमान में इनमें सीडीआर एनालिसिस की जानकारी की कमी है, जिसे इस कार्यशाला वाले के जरिए पूरी जानकारी दी जाएगी.

नए सब इंस्पेक्टर के पदस्थापित होने के बाद सभी थानों में बेहतर पुलिसिंग हो पाएगा और अपराध पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी. डीआईजी ने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि कम संसाधन में बेहतर परफॉर्मेंस देना एक बड़ी चुनौती है जिसे वर्तमान में किया जा रहा है.

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में बहाल हुए नए दरोगा को स्थाई पोस्टिंग देने से पहले कानून संबंधी जानकारियों के लिए और पुलिसिंग व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. कोल्हान डीआईजी ने कहा कि समय के साथ-साथ अपराध का स्वरूप भी बदल रहा है. वर्तमान में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए कानून संबंधी संपूर्ण जानकारी का होना जरूरी है, जिसके लिए विशेष ट्रेनिंग के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

बिष्टुपुर स्थित लोयला ऑडिटोरियम में जिला पुलिस ने 200 नए सब इंस्पेक्टरों को क्रिमिनल लॉ एंड इन्वेस्टिगेशन पर आधारित कार्यशाला में कानून संबंधित कई जानकारियां दी गई है और पुलिसिंग व्यवस्था में हुए बदलाव के बारे में यह बताया गया कि वर्तमान में अपराध का स्वरूप बदल गया है. साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है, कार्यशाला में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराधों का अनुसंधान, एनडीपीएस एक्ट, पोस्को एक्ट, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, फॉरेंसिक एंड मेडिको लीगल के अलावा साइबर क्राइम से निपटने के लिए तकनीकी जानकारी दी गई है.

कार्यशाला में कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन के अलावा पूर्वी सिंहभूम जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिलवानन, सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट, जमशेदपुर न्यायालय के लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल, एमजीएम कॉलेज के डॉक्टर विभाकर कुमार के अलावा सीआईएसफ के कमांडेंट हरिओम गांधी ने प्रशिक्षु दरोगा को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं.

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डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि सभी सब इंस्पेक्टरों को अपनी ट्रेनिंग के दौरान कोरोना काल का सामना करना पड़ा है, जिससे उन्हें कई परेशानी का सामना करना पड़ा है. इस कार्यशाला के जरिए उन्हें पूरी जानकारी दी जा रही है. वर्तमान में इनमें सीडीआर एनालिसिस की जानकारी की कमी है, जिसे इस कार्यशाला वाले के जरिए पूरी जानकारी दी जाएगी.

नए सब इंस्पेक्टर के पदस्थापित होने के बाद सभी थानों में बेहतर पुलिसिंग हो पाएगा और अपराध पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी. डीआईजी ने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि कम संसाधन में बेहतर परफॉर्मेंस देना एक बड़ी चुनौती है जिसे वर्तमान में किया जा रहा है.

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