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शिक्षा विभाग का फैसला, 10 हजार की आबादी पर सूबे में होगा एक प्लस टू स्कूल

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Published : Sep 22, 2020, 3:59 PM IST

राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राज्य के तमाम जिलों में उपायुक्तों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी राज्य में दस हजार की आबादी और 7-8 किलोमीटर की परिधि में एक प्लस टू स्कूल खोलने के लिए योजना बनाएगी. कमेटी इसे लेकर 30 सितंबर तक शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी.

Plus two schools to be opened in all districts of the state
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद

रांची: राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी राज्य में दस हजार की आबादी पर और 7-8 किलोमीटर की परिधि में एक प्लस टू स्कूल खोले जाने को लेकर योजना बनाएगी और इससे जुड़ी रिपोर्ट 30 सितंबर तक शिक्षा विभाग को सौंपेगी.

स्कूली शिक्षा को बेहतर करने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास तेज किए जा रहे हैं. ऑनलाइन क्लासेज बेहतर तरीके से हो इसे लेकर प्राथमिक शिक्षकों के साथ-साथ प्लस टू स्कूल के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. दीक्षा पोर्टल के जरिए तमाम शिक्षकों को ऑनलाइन तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, तो वहीं अब शिक्षा विभाग ने एक योजना के तहत राज्य में 10,000 की आबादी पर 7-8 किलोमीटर की परिधि में एक प्लस टू स्कूल खोलने को लेकर काम कर रही है.

ये भी पढ़ें-सदन में बाबूलाल मरांडी की बात नहीं सुनने पर विपक्ष नाराज, सुदेश महतो ने कहा- गलत परिपाटी की शुरुआत

इस योजना को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से जिला वार उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी प्लस टू स्कूल के लिए स्कूलों का चयन कर अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर तक शिक्षा विभाग को देगी. शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने मामले को लेकर जानकारी बढ़ा दी है. इस योजना को धरातल पर उतारने को लेकर लगातार मंथन किया जा रहा है. तमाम डीसी और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इसे लेकर निर्देश भी दिया गया है.

तय दूरी पर इंटर कॉलेज होने पर नहीं खोले जाएंगे नए प्लस टू स्कूल

किसी भी स्कूल के 8 किलोमीटर की परिधि में स्वीकृति प्राप्त इंटर कॉलेज है तो नए प्लस टू स्कूल वहां नहीं खोले जाएंगे. इसके लिए अपग्रेडेशन की अनुशंसा भी नहीं होगी. कमेटी को निर्णय लेना है कि किन स्कूलों को अपग्रेड करना है और किन स्कूलों के भवन की मरम्मत करवानी है. भवन निर्माण के लिए अलग से जमीन की जरूरत अगर होगी तो उसे भी सरकार की ओर से मुहैया कराया जाएगा. जिस जमीन पर स्कूल का भवन है. इसका भी आंकलन कमेटी को करना है. कमरों की संख्या विद्यार्थियों की संख्या, आबादी का आंकलन करने के बाद ही शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपनी है.

गौरतलब है कि राज्य में वर्तमान में 510 सरकारी प्लस टू हाई स्कूल है. इसके बावजूद विद्यार्थियों को प्लस टू स्तर की शिक्षा हासिल करने के लिए एक लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और इसी समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से एक योजना बनाई जा रही है. इस योजना के तहत राज्य में 10,000 की आबादी पर एक प्लस टू स्कूल खोला जाना है.

रांची: राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी राज्य में दस हजार की आबादी पर और 7-8 किलोमीटर की परिधि में एक प्लस टू स्कूल खोले जाने को लेकर योजना बनाएगी और इससे जुड़ी रिपोर्ट 30 सितंबर तक शिक्षा विभाग को सौंपेगी.

स्कूली शिक्षा को बेहतर करने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास तेज किए जा रहे हैं. ऑनलाइन क्लासेज बेहतर तरीके से हो इसे लेकर प्राथमिक शिक्षकों के साथ-साथ प्लस टू स्कूल के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. दीक्षा पोर्टल के जरिए तमाम शिक्षकों को ऑनलाइन तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, तो वहीं अब शिक्षा विभाग ने एक योजना के तहत राज्य में 10,000 की आबादी पर 7-8 किलोमीटर की परिधि में एक प्लस टू स्कूल खोलने को लेकर काम कर रही है.

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इस योजना को अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से जिला वार उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी प्लस टू स्कूल के लिए स्कूलों का चयन कर अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर तक शिक्षा विभाग को देगी. शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने मामले को लेकर जानकारी बढ़ा दी है. इस योजना को धरातल पर उतारने को लेकर लगातार मंथन किया जा रहा है. तमाम डीसी और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इसे लेकर निर्देश भी दिया गया है.

तय दूरी पर इंटर कॉलेज होने पर नहीं खोले जाएंगे नए प्लस टू स्कूल

किसी भी स्कूल के 8 किलोमीटर की परिधि में स्वीकृति प्राप्त इंटर कॉलेज है तो नए प्लस टू स्कूल वहां नहीं खोले जाएंगे. इसके लिए अपग्रेडेशन की अनुशंसा भी नहीं होगी. कमेटी को निर्णय लेना है कि किन स्कूलों को अपग्रेड करना है और किन स्कूलों के भवन की मरम्मत करवानी है. भवन निर्माण के लिए अलग से जमीन की जरूरत अगर होगी तो उसे भी सरकार की ओर से मुहैया कराया जाएगा. जिस जमीन पर स्कूल का भवन है. इसका भी आंकलन कमेटी को करना है. कमरों की संख्या विद्यार्थियों की संख्या, आबादी का आंकलन करने के बाद ही शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपनी है.

गौरतलब है कि राज्य में वर्तमान में 510 सरकारी प्लस टू हाई स्कूल है. इसके बावजूद विद्यार्थियों को प्लस टू स्तर की शिक्षा हासिल करने के लिए एक लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और इसी समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से एक योजना बनाई जा रही है. इस योजना के तहत राज्य में 10,000 की आबादी पर एक प्लस टू स्कूल खोला जाना है.

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