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पार्थिव मौत मामला: नया वीडियो जारी कर मॉल प्रबंधन पार्थिव की मौत को बता रहा साजिश, देखें वीडियो

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Published : Jun 27, 2019, 3:55 AM IST

न्यूक्लियस मॉल प्रकरण में मालिक विष्णु अग्रवाल पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रबंधन ने एक नया वीडियो जारी किया है इसमें कहा गया है कि 12 वर्षीय पार्थिव उर्फ हनी की मौत साजिश हो सकती है. मॉल प्रबंधन ने नए वीडियो को दर्शाते हुए कहा है कि एस्कलेटर के पास लाल रंग का सूट पहनी महिला ने बच्चे के कंधे पर हाथ रखा था. उसी समय एक सफेद रंग के कपड़े में छोटे बच्चे को गोद से उतार रही महिला के धक्के से पार्थिव एस्कलेटर से गिर गया.

मॉल प्रबंधन द्वारा जारी वीडियो

रांची: न्यूक्लियस मॉल प्रकरण में मालिक विष्णु अग्रवाल पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रबंधन ने एक नया वीडियो जारी किया है इसमें कहा गया है कि 12 वर्षीय पार्थिव उर्फ हनी की मौत साजिश हो सकती है, जबकि परिजनों ने इस वीडियो के जारी किए जाने पर कहा है कि मालिक ने जांच को भ्रमित करने के लिए वीडियो जारी किया है.

मॉल प्रबंधन द्वारा जारी वीडियो


मॉल प्रबंधन ने नए वीडियो को दर्शाते हुए कहा है कि एस्कलेटर के पास लाल रंग का सूट पहनी महिला ने बच्चे के कंधे पर हाथ रखा था. उसी समय एक सफेद रंग के कपड़े में छोटे बच्चे को गोद से उतार रही महिला के धक्के से पार्थिव एस्कलेटर से गिर गया. इससे उसकी मौत हो गई, जबकि परिजनों के अनुसार इस वीडियो की सच्चाई कुछ और ही है. बीते 22 जून की शाम घटना के समय वहां मौजूद पार्थिव की फुआ अंकिता सहित उनकी बड़ी बहनों के अनुसार सफेद रंग के कपड़े में पार्थिव की फुवा रेखा है. जो एक छोटे बच्चे को जमीन पर रख रही थी. उसी बीच एस्कलेटर ने पार्थिव को खींच लिया. इससे उलझते हुए दूसरे तल्ले से नीचे गिर गया.


पहले दिन से भ्रमित कर रहे मालिक
पार्थिव के पिता राजकुमार साह बोले कि न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल घटना के बाद से ही मामले को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. घटना के बाद जब घर पहुंचे थे तो बच्चे की मौत को आत्महत्या करार देने की कोशिश की थी. इसके अलावा सवाल उठाया था कि घटना के समय परिवार का अपना सदस्य मौजूद क्यों नहीं था. गमगीन माहौल के बावजूद बेतुके सवाल किए गए. पिता बोले कि घटना के पहले दिन वास्तविक वीडियो जारी हुआ. चार दिनों के बाद यानी एफआईआर दर्ज होने के बाद एक नया वीडियो जारी करना उनकी गलत मानसिकता को दर्शाता है.


सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है एस्कलेटर
पार्थिव के पिता एस्कलेटर को सुरक्षा मानकों के खिलाफ बताया है. कहा है कि एस्कलेटर की ऊंचाई, हाइट और हैंडरेल पट्टी गलत ढंग से इंस्टॉल किया गया है, जबकि प्रबंधन ने कहा है कि एस्कलेटर का लाइसेंस है. हालांकि, प्रबंधन से लाइसेंस की कॉपी मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं करवाया गया.


पिता ने दर्ज कराई है एफआईआर
पार्थिव के पिता राजकुमार साह ने मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल सहित प्रबंधन पर गैर इरादन हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है. राजकुमार साह ने अपने आवेदन में कहा है कि उनके बेटे पार्थिव की मौत का जिम्मेवार मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और प्रबंधन है. चूंकि मॉल में मानक के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नहीं है, जहां आवश्यक है, वहां नेट नहीं लगाया गया है. नेट लगाया जाता तो उनके बेटे की मौत नहीं होती. बीते 22 जून को पार्थिव अपनी फुआ और फूफा सहित परिवार के छह लोगों के साथ न्यूक्लियस मॉल घूमने गया था. घूमने के बाद लौटने के लिए एस्कलेटर के पास पार्थिव खड़ा था. इस दौरान वह एस्कलेटर के पास खेल रहा था. इस दौरान पार्थिव ने जब एस्कलेटर की हैंडरेल में कमर सटाकर खड़ा हुआ था तो एस्कलेटर पट्टी ने खींच लिया. पार्थिव ने एस्कलेटर की पट्टी पर लटककर जान बचाने की कोशिश की थी, लेकिन लगातार घूम रही पट्टी ने इतना मौका नहीं दिया था कि वह खुद को संभाल पाता.

मामले में उठते सवाल

  • वीडियो जारी करते हुए प्रबंधन ने अनऑफिशियल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धुंधली और अस्पष्ट वीडियो दिखाई जो सबसे ऊपरी तल्ले पर लगी सीसीटीवी कैमरे की है.
  • कहीं क्लोज व्यू के कैमरे से छेड़छाड़ कर भ्रमित करने की कोशिश तो नहीं.
  • वीडियो को बच्चे के सामने वाले व्यू से दिखाया जा रहा, पीछे के कैमरे की फुटेज कहां है?
  • घटना के तुरंत बाद जारी वीडियो पार्थिव के पीछे की व्यू से थी, उसी व्यू से पूरा घटनाक्रम क्यों नहीं दिखाया गया.
  • एफआईआर के दूसरे ही दिन न्यूक्लियस मॉल के मालिक के दीमाग में वीडियो जारी करने का ख्याल क्यों आया.

रांची: न्यूक्लियस मॉल प्रकरण में मालिक विष्णु अग्रवाल पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रबंधन ने एक नया वीडियो जारी किया है इसमें कहा गया है कि 12 वर्षीय पार्थिव उर्फ हनी की मौत साजिश हो सकती है, जबकि परिजनों ने इस वीडियो के जारी किए जाने पर कहा है कि मालिक ने जांच को भ्रमित करने के लिए वीडियो जारी किया है.

मॉल प्रबंधन द्वारा जारी वीडियो


मॉल प्रबंधन ने नए वीडियो को दर्शाते हुए कहा है कि एस्कलेटर के पास लाल रंग का सूट पहनी महिला ने बच्चे के कंधे पर हाथ रखा था. उसी समय एक सफेद रंग के कपड़े में छोटे बच्चे को गोद से उतार रही महिला के धक्के से पार्थिव एस्कलेटर से गिर गया. इससे उसकी मौत हो गई, जबकि परिजनों के अनुसार इस वीडियो की सच्चाई कुछ और ही है. बीते 22 जून की शाम घटना के समय वहां मौजूद पार्थिव की फुआ अंकिता सहित उनकी बड़ी बहनों के अनुसार सफेद रंग के कपड़े में पार्थिव की फुवा रेखा है. जो एक छोटे बच्चे को जमीन पर रख रही थी. उसी बीच एस्कलेटर ने पार्थिव को खींच लिया. इससे उलझते हुए दूसरे तल्ले से नीचे गिर गया.


पहले दिन से भ्रमित कर रहे मालिक
पार्थिव के पिता राजकुमार साह बोले कि न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल घटना के बाद से ही मामले को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. घटना के बाद जब घर पहुंचे थे तो बच्चे की मौत को आत्महत्या करार देने की कोशिश की थी. इसके अलावा सवाल उठाया था कि घटना के समय परिवार का अपना सदस्य मौजूद क्यों नहीं था. गमगीन माहौल के बावजूद बेतुके सवाल किए गए. पिता बोले कि घटना के पहले दिन वास्तविक वीडियो जारी हुआ. चार दिनों के बाद यानी एफआईआर दर्ज होने के बाद एक नया वीडियो जारी करना उनकी गलत मानसिकता को दर्शाता है.


सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है एस्कलेटर
पार्थिव के पिता एस्कलेटर को सुरक्षा मानकों के खिलाफ बताया है. कहा है कि एस्कलेटर की ऊंचाई, हाइट और हैंडरेल पट्टी गलत ढंग से इंस्टॉल किया गया है, जबकि प्रबंधन ने कहा है कि एस्कलेटर का लाइसेंस है. हालांकि, प्रबंधन से लाइसेंस की कॉपी मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं करवाया गया.


पिता ने दर्ज कराई है एफआईआर
पार्थिव के पिता राजकुमार साह ने मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल सहित प्रबंधन पर गैर इरादन हत्या की एफआईआर दर्ज कराई है. राजकुमार साह ने अपने आवेदन में कहा है कि उनके बेटे पार्थिव की मौत का जिम्मेवार मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और प्रबंधन है. चूंकि मॉल में मानक के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नहीं है, जहां आवश्यक है, वहां नेट नहीं लगाया गया है. नेट लगाया जाता तो उनके बेटे की मौत नहीं होती. बीते 22 जून को पार्थिव अपनी फुआ और फूफा सहित परिवार के छह लोगों के साथ न्यूक्लियस मॉल घूमने गया था. घूमने के बाद लौटने के लिए एस्कलेटर के पास पार्थिव खड़ा था. इस दौरान वह एस्कलेटर के पास खेल रहा था. इस दौरान पार्थिव ने जब एस्कलेटर की हैंडरेल में कमर सटाकर खड़ा हुआ था तो एस्कलेटर पट्टी ने खींच लिया. पार्थिव ने एस्कलेटर की पट्टी पर लटककर जान बचाने की कोशिश की थी, लेकिन लगातार घूम रही पट्टी ने इतना मौका नहीं दिया था कि वह खुद को संभाल पाता.

मामले में उठते सवाल

  • वीडियो जारी करते हुए प्रबंधन ने अनऑफिशियल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धुंधली और अस्पष्ट वीडियो दिखाई जो सबसे ऊपरी तल्ले पर लगी सीसीटीवी कैमरे की है.
  • कहीं क्लोज व्यू के कैमरे से छेड़छाड़ कर भ्रमित करने की कोशिश तो नहीं.
  • वीडियो को बच्चे के सामने वाले व्यू से दिखाया जा रहा, पीछे के कैमरे की फुटेज कहां है?
  • घटना के तुरंत बाद जारी वीडियो पार्थिव के पीछे की व्यू से थी, उसी व्यू से पूरा घटनाक्रम क्यों नहीं दिखाया गया.
  • एफआईआर के दूसरे ही दिन न्यूक्लियस मॉल के मालिक के दीमाग में वीडियो जारी करने का ख्याल क्यों आया.
Intro:पार्थिव मौत मामला - नया वीडियो जारी कर मॉल प्रबंधन पार्थिव की मौत को बता रहा साजिश


रांची
न्यूक्लियस मॉल प्रकरण में मालिक विष्णु अग्रवाल पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रबंधन ने एक नया वीडियो जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि 12 वर्षीय पार्थिव उर्फ हनी की मौत साजिश हो सकती है। जबकि परिजनों ने इस वीडियो के जारी किए जाने पर कहा है, मालिक ने जांच को भ्रमित करने के लिए वीडियो जारी किया है।

क्या है नए वीडियो में

मॉल प्रबंधन ने नए वीडियो को दर्शाते हुए कहा है कि एस्कलेटर के पास लाल रंग का सूट पहनी महिला ने बच्चे के कंधे पर हाथ रखा था। उसी समय एक सफेद रंग के कपड़े में छोटे बच्चे को गोद से उतार रही महिला के धक्के से पार्थिव एस्कलेटर से गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई।

परजिनों ने जताई आपत्ति

जबकि परिजनों के अनुसार इस वीडियो की सच्चाई कुछ और ही है। बीते 22 जून की शाम घटना के समय वहां मौजूद पार्थिव की फुआ अंकिता सहित उनकी बड़ी बहनों के अनुसार सफेद रंग के कपड़े में पार्थिव की फुवा रेखा है। जो एक छोटे बच्चे को जमीन पर रख रही थी, उसी बीच एस्कलेटर ने पार्थिव को खींच लिया। इससे उलझते हुए दूसरे तल्ले से नीचे गिर गया। तुरंत सिर को घुमाते हुए रेखा दौड़ीं, पीछे खड़ीं लक्ष्मी आगे बढ़ीं और अंकिता दौड़कर बचाने की कोशिश की। रेखा तीन कदम दूर, अंकिता करीब छह कदम दूर, जबकि लक्ष्मी चार से पांच कदम दूर थीं।

पिता बोले, पहले दिन से भ्रमित कर रहे मालिक

पार्थिव के पिता राजकुमार साह बोले कि न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल घटना के बाद से ही मामले को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। घटना के बाद जब घर पहुंचे थे, तो बच्चे की मौत को आत्महत्या करार देने की कोशिश की थी। इसके अलावा सवाल उठाया था कि घटना के समय परिवार का अपना सदस्य मौजूद क्यों नहीं था। गमगीन माहौल के बावजूद बेतुके सवाल किया गए। पिता बोले कि घटना के पहले दिन वास्तविक वीडियो जारी हुई, चार दिनों के बाद यानी एफआइआर दर्ज होने के बाद एक नया वीडियो जारी करना उनकी गलत मानसिकता को दर्शाता है। अब पूरे मॉल के मालिक व मॉल पर पीआइएल दायर करेंगे।

सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है एस्कलेटर
पार्थिव के पिता एस्कलेटर को सुरक्षा मानकों के खिलाफ बताया है। कहा है कि एस्कलेटर की ऊंचाई, हाइट और हैंडरेल पट्टी गलत ढंग से इंस्टॉल किया गया है। जबकि प्रबंधन ने कहा है कि एस्कलेटर का लाइसेंस है। हालांकि प्रबंधन से लाइसेंस की कॉपी मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं करवा गया।

पिता ने दर्ज कराई है एफआइआर
पार्थिव के पिता राजकुमार साह ने मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल सहित प्रबंधन पर गैर इरादन हत्या की एफआइआर दर्ज कराई है। राजकुमार साह ने अपने आवेदन में कहा है कि उनके बेटे पार्थिव की मौत का जिम्मेवार मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और प्रबंधन है। चूंकि मॉल में मानक के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम नहीं है। जहां आवश्यक है, वहां नेट नहीं लगाया गया है। नेट लगाया जाता, तो उनके बेटे की मौत नहीं होती।


एस्कलेटर पर सटने से पट्टी ने खींचा था पार्थिव को :

बीते 22 जून को पार्थिव अपनी फुआ और फूफा सहित परिवार के छह लोगों के साथ न्यूक्लियस मॉल घूमने गया था। घूमने के बाद लौटने के लिए एस्कलेटर के पास पार्थिव खड़ा था। इस दौरान वह एस्कलेटर के पास खेल रहा था। इस दौरान पार्थिव ने जब एस्कलेटर की हैंडरेल में कमर सटाकर खड़ा हुआ था। इसबीच हैंडरेल की घूमती हुई एस्कलेटर पट्टी ने खींच लिया। पार्थिव ने एस्कलेटर की पट्टी पर लटककर जान बचाने की कोशिश की थी। लेकिन लगातार घूम रही पट्टी ने इतना मौका नहीं दिया था कि वह खुद को संभाल पाता। वह सिर के बल सीधे दो तल्ले से नीचे गिर गया। अस्पताल ले जाने के क्रम में ही उसकी मौत हो गई थी। पार्थिव ब्रिजफोर्ड स्कूल में छठी कक्षा का छात्र था।



मामले में उठते सवाल

-वीडियो जारी करते हुए प्रबंधन ने अनऑफिशियल प्रेस कांफ्रेंस कर धुंधली और अस्पष्ट वीडियो दिखाई। जो सबसे ऊपरी तल्ले पर लगी सीसीटीवी कैमरे की है।

-कहीं क्लोज व्यू के कैमरे से छेड़छाड़ कर भ्रमित करने की कोशिश तो नहीं।

-वीडियो को बच्चे के सामने वाले व्यू से दिखाया जा रहा, पीछे के कैमरे की फुटेज कहां है।

-घटना के तुरंत बाद जारी वीडियो पार्थिव के पीछे की व्यू से थी, उसी व्यू से पूरा घटनाक्रम क्यों नहीं दिखाया गया।

-एफआइआर के दूसरे ही दिन न्यूक्लियस मॉल के मालिक के दीमाग में वीडियो जारी करने का ख्याल क्यों आया।


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