रांची: जिले में झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की आवश्यक बैठक में जिला उपाध्यक्ष अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई. अनिश्चितकालीन हड़ताल के 42 वें दिन सभी कर्मी डटे हैं. आगे की रणनीति और हड़ताल की समीक्षा पर चर्चा की गई. ग्रामीण विकास मंत्री और विभागीय पदाधिकारियों के बीच संघ कि वार्ता 3 सितंबर को हुई लेकिन कोई स्पष्ट और लिखित समझौता नहीं होने के कारण हड़ताल जारी रखने के निर्णय को सभी कर्मी ने एक स्वर में समर्थन किया और जब तक लिखित स्पष्ट सहमति पत्र नहीं मिलता है, हड़ताल जारी रखने का निर्णय देवघर जिला के मनरेगा कर्मी ने लिया.
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मौके पर श्री सूरज दुबे ने कहा कि अगर मंत्री ग्रामीण विकास की अध्यक्षता में संपन्न वार्ता सफल और सकारात्मक थी. माननीय मंत्री हमारी मांग पर सकारात्मक और संवेदनशील दिखे इसके लिए जिला कमेटी उन्हें धन्यवाद देती है, लेकिन विभागीय अधिकारी की ओर से वार्ता का मिनट जारी न करने, संघ के राज्याध्यक्ष को वार्ता में शामिल नहीं करने और वार्ता में शामिल अगुवाई साथियों की टारगेट कर उनके गृह जिले के अधिकारियों से टॉरचरिंग करवाना मनरेगाकर्मियों के इस सरकार के बीच में बन रहे सौहार्द्रपूर्ण माहौल को खराब करने की साजिश पुनः चलना निंदनीय है.
वार्ताकार कोन होगा किस संघटन से होगा यह तय करने का अधिकार राज्य कमेटी को है. वार्ताकार कोई ट्रेड यूनियन का नेता वकील या जानकर व्यक्ति या फिर अनुबंधकर्मियों का हित सोचने वाले कोई तृतीय पक्षकार हो सकता है. इस पर जबरन विभागीय हस्तक्षेप करना सर्वथा अनुचित है. सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ कर राज्यहित मजदूर हित और कर्मचारियों के हितार्थ वार्ता में बनी सहमति का पत्र जारी करे.