ETV Bharat / briefs

सुविधाओं के लिए तरस रहा है लातेहार का बारी दोमुहान गांव,  न सड़क है, न पीने का पानी - latehar news

सदर प्रखंड का बारी दोमुहान गांव काफी उग्रवाद प्रभावित रहा है. इस कारण इस गांव में विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पाई. इस गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.

बारी दोमुहान गांव
author img

By

Published : Mar 9, 2019, 4:36 PM IST

लातेहार: गांव के विकास के लिए सरकार इसे अपने प्राथमिक सूची में भले शामिल कर रखी हो, लेकिन धरातल पर परिस्थिति कुछ और ही बयां करती है. ऐसा ही एक नजारा लातेहार सदर प्रखंड के बारी दोमुहान गांव में दिखता है. यह गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल है. इस गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.


दरअसल, सदर प्रखंड का बारी दोमुहान गांव काफी उग्रवाद प्रभावित रहा है. इस कारण इस गांव में विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पाई. गांव में मात्र एक हैंडपंप है जो कि एक स्कूल में लगा है और जो इस गांव के लगभग 200 लोगों के प्यास बुझाने के लिए नाकामी साबित होता है.


जर्जर सड़क के कारण पैदल चलना भी मुश्किल
गांव में दो कुआं है लेकिन गर्मी की दस्तक के साथ ही वह भी सूख जाते हैं. वहीं, गांव में पहुंचने के लिए काफी जर्जर सड़क है. जिस पर वाहनों का चलना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल होता है.


बारिश में गांव टापू में तबदील हो जाता
ग्रामीण महिला सुनीता देवी ने बताया कि गांव में हर चीज की तकलीफ है. पीने के पानी के लिए लोग तरस जाते हैं. सभी के पास गुहार लगाई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, गांव की भक्तिन रमणी देवी ने कहा कि बारिश में तो पूरा गांव टापू में बदल जाता है.

जानकारी देते ग्रा


सुकरी नदी के पार बसा यह गांव जिला मुख्यालय से पूरी तरह कटा हुआ है. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग13 किलोमीटर है. लेकिन आज तक इस गांव में सुविधा नहीं पहुंच पाई.

लातेहार: गांव के विकास के लिए सरकार इसे अपने प्राथमिक सूची में भले शामिल कर रखी हो, लेकिन धरातल पर परिस्थिति कुछ और ही बयां करती है. ऐसा ही एक नजारा लातेहार सदर प्रखंड के बारी दोमुहान गांव में दिखता है. यह गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल है. इस गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.


दरअसल, सदर प्रखंड का बारी दोमुहान गांव काफी उग्रवाद प्रभावित रहा है. इस कारण इस गांव में विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पाई. गांव में मात्र एक हैंडपंप है जो कि एक स्कूल में लगा है और जो इस गांव के लगभग 200 लोगों के प्यास बुझाने के लिए नाकामी साबित होता है.


जर्जर सड़क के कारण पैदल चलना भी मुश्किल
गांव में दो कुआं है लेकिन गर्मी की दस्तक के साथ ही वह भी सूख जाते हैं. वहीं, गांव में पहुंचने के लिए काफी जर्जर सड़क है. जिस पर वाहनों का चलना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल होता है.


बारिश में गांव टापू में तबदील हो जाता
ग्रामीण महिला सुनीता देवी ने बताया कि गांव में हर चीज की तकलीफ है. पीने के पानी के लिए लोग तरस जाते हैं. सभी के पास गुहार लगाई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, गांव की भक्तिन रमणी देवी ने कहा कि बारिश में तो पूरा गांव टापू में बदल जाता है.

जानकारी देते ग्रा


सुकरी नदी के पार बसा यह गांव जिला मुख्यालय से पूरी तरह कटा हुआ है. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग13 किलोमीटर है. लेकिन आज तक इस गांव में सुविधा नहीं पहुंच पाई.

Intro:सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं लातेहार के बारी दुमुहान गांव के ग्रामीण----
लातेहार. गांव के विकास भले ही सरकार की प्राथमिक सूची में शामिल हो परंतु धरातल परिस्थिति कुछ और ही बयां कर रहा है. ऐसा ही एक उदाहरण लातेहार सदर प्रखंड का बारी दोमुहान गांव है ।पूरी तरह आदिवासी बहुल इस गांव के लोग आज ही बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.


Body:दरअसल सदर प्रखंड का बारी दोमुहान गांव काफी उग्रवाद प्रभावित रहा है. इस कारण इस गांव में विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पाई. गांव में मात्र एक चापाकल स्कूल में लगा है जो इस गांव के लगभग 200 लोगों के प्यास बुझाने के लिए नाकाफी साबित होता है. गांव में दो कुआ है परंतु गर्मी की दस्तक के साथ है वह भी सूख जाते है. गांव में पहुंचने के लिए काफी जर्जर सड़क है. जिस पर वाहनों का चलना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल होता है. ग्रामीण महिला सुनीता देवी ने कहा कि गांव में हर चीज की तकलीफ है. पीने के पानी के लिए लोग तरस जाते हैं .सभी के पास गुहार लगाई परंतु कोई सुनवाई नहीं हुआ. वहीं गांव की भक्तिन रमणी देवी ने कहा कि बरसात में तो पूरा गांव टापू में बदल जाता है.
vo-Facilityless village-visual and byte
byte- सुनीता देवी
byte- रमनी देवी


Conclusion:सुकरी नदी के उस पार बसा यह गांव जिला मुख्यालय से पूरी तरह कटा हुआ है .जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 13 किलोमीटर है .परंतु आज तक इस गांव में सुविधा नहीं पहुंच पाई.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.