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लंबे समय से पद पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ जेएमएम ने खोला मोर्चा, इस अधिकारी को हटाने की मांग की - ईटीवी भारत झारखंड

राज्य में लंबे समय से अपने पद पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ जेएमएम ने मोर्चा खोल दिया है. पार्टी ने प्रदेश के साहिबगंज जिले में तैनात जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब उनके पद से विरमित करने की मांग की है.

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Published : Apr 11, 2019, 5:21 PM IST

रांची: राज्य में लंबे समय से अपने पद पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ जेएमएम ने मोर्चा खोल दिया है. इसी क्रम में पार्टी ने प्रदेश के साहिबगंज जिले में तैनात जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब उनके पद से विरमित करने की मांग की है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर राम निवास सिंह को उनके पद से विरमित करने की मांग की है.

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भट्टाचार्य ने कहा कि सिंह 4 मार्च 2013 से अभी तक वह अपने पद पर बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह पद जिला में चलने वाले विकास योजनाओं का क्रियान्वयन और अधीक्षण का काम करता है. साथ ही यह भी कहा कि विकास योजनाएं आम जनजीवन से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी रहती है. इसलिए लोगों को प्रभावित और प्रलोभित करता है.


आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि जन योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को एक ही स्थान पर बने रहने से शासकीय दल को लाभ पहुंचाने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में साहिबगंज के जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब पद मुक्त कर दिया जाए.


आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद झामुमो ने प्रदेश के एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ लगे आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव कार्य से मुक्त करने की मांग की थी. इलेक्शन कमीशन ने कुछ समय बाद ही सीनियर आईपीएस अधिकारी गुप्ता को दिल्ली बुला लिया. उसके बाद झामुमो ने आईपीआरडी में तैनात सोशल मीडिया डायरेक्टर के पद पर अधिकारी के खिलाफ भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और यह तीसरा मामला है जब प्रमुख विपक्षी दल ने किसी अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है.

रांची: राज्य में लंबे समय से अपने पद पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ जेएमएम ने मोर्चा खोल दिया है. इसी क्रम में पार्टी ने प्रदेश के साहिबगंज जिले में तैनात जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब उनके पद से विरमित करने की मांग की है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर राम निवास सिंह को उनके पद से विरमित करने की मांग की है.

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भट्टाचार्य ने कहा कि सिंह 4 मार्च 2013 से अभी तक वह अपने पद पर बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह पद जिला में चलने वाले विकास योजनाओं का क्रियान्वयन और अधीक्षण का काम करता है. साथ ही यह भी कहा कि विकास योजनाएं आम जनजीवन से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी रहती है. इसलिए लोगों को प्रभावित और प्रलोभित करता है.


आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि जन योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को एक ही स्थान पर बने रहने से शासकीय दल को लाभ पहुंचाने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में साहिबगंज के जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब पद मुक्त कर दिया जाए.


आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद झामुमो ने प्रदेश के एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ लगे आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव कार्य से मुक्त करने की मांग की थी. इलेक्शन कमीशन ने कुछ समय बाद ही सीनियर आईपीएस अधिकारी गुप्ता को दिल्ली बुला लिया. उसके बाद झामुमो ने आईपीआरडी में तैनात सोशल मीडिया डायरेक्टर के पद पर अधिकारी के खिलाफ भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और यह तीसरा मामला है जब प्रमुख विपक्षी दल ने किसी अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है.

Intro:रांची। लंबे समय से अपने पद पर तैनात अधिकारियों के खिलाफ झामुमो ने मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में पार्टी ने प्रदेश के साहेबगंज जिले में तैनात जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब उनके पद से विरमित करने की मांग की है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस बाबत राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर राम निवास सिंह को उनके पद से विरमित करने की मांग की है।


Body:भट्टाचार्य ने कहा कि सिंह 4 मार्च 2013 से अभी तक वह अपने पद पर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह पद जिला में चलने वाले विकास योजनाओं का क्रियान्वयन और अधीक्षण का काम करता है। साथ ही यह भी कहा कि विकास योजनाएं चूंकि आम जनजीवन से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ी रहती। इसलिए लोगों को प्रभावित और प्रलोभित करता है। आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि जन योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को एक ही स्थान पर बने रहने से शासकीय दल को लाभ पहुंचने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में साहेबगंज के जिला योजना पदाधिकारी को अविलंब पद मुक्त कर दिया जाए।


Conclusion:आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद झामुमो ने प्रदेश के एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ लगे आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव कार्य से मुक्त करने की मांग की थी। इलेक्शन कमीशन ने कुछ समय बाद ही सीनियर आईपीएस अधिकारी गुप्ता को दिल्ली बुला लिया। उसके बाद झामुमो ने आईपीआरडी में तैनात सोशल मीडिया डायरेक्टर के पद पर अधिकारी के खिलाफ भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और यह तीसरा मामला है जब प्रमुख विपक्षी दल ने किसी अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।
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