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झारखंड में भीषण गर्मी से फसल बर्बाद, किसानों में छायी मयूसी - फसल खराब

साहिबगंज के किसान इस भीषण गर्मी से मायूस हो रहे हैं. बजह यह है कि खेत की मिट्टी की उर्वरक शक्ति खत्म हो रही है. जिससे शिशु अवस्था में लगा पौधा जलकर मर रहा है. किसानों का कहना है कि इस तपती धूप से मकई, बाजरा, पटुवा को नुकसान पहुंच रहा है. जमीन के अंदर से पौधा ऊपर नहीं निकल रहा है.

जानकारी देते किसान
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Published : May 11, 2019, 4:13 AM IST

साहिबगंज: इन दिनों भीषण गर्मी से लोग जूझ रहे हैं. जिले में तापमान 41 डिग्री पार कर चुका है. लोग तपती धूप और लू से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय में जुटे हुए है, लेकिन किसान इस तपती धूप में भी अपने खेतों में लगे फसल को निहार रहे हैं कि अब क्या होगा इस गर्मी में फसल सुख जाएंगे.

जानकारी देते किसान


साहिबगंज के किसान इस भीषण गर्मी से मायूस हो रहे हैं. बजह यह है कि खेत की मिट्टी की उर्वरक शक्ति खत्म हो रही है. जिससे शिशु अवस्था में लगा पौधा जलकर मर रहा है. किसानों का कहना है कि इस तपती धूप से मकई, बाजरा, पटुवा को नुकसान पहुंच रहा है. जमीन के अंदर से पौधा ऊपर नहीं निकल रहा है.


किसानों का कहना है कि सिचाईं का दूसरा साधन नहीं है. खेत में लगा मेहनत और पूंजी को नुकसान पहुंच जाएगा. यदि यही स्थिति रही तो दियरा का सारा खेत जुताई के बाबजूद भी परती रह जाएगा. दूसरी तरफ कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी का कहना है कि फोनी तूफान से जो बारिश हुई है उससे खेत में नमी बरकरार है, लेकिन जिस तरह से तापमान में इजाफा हुआ है इससे फसल पर असर पड़ सकता है.

साहिबगंज: इन दिनों भीषण गर्मी से लोग जूझ रहे हैं. जिले में तापमान 41 डिग्री पार कर चुका है. लोग तपती धूप और लू से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय में जुटे हुए है, लेकिन किसान इस तपती धूप में भी अपने खेतों में लगे फसल को निहार रहे हैं कि अब क्या होगा इस गर्मी में फसल सुख जाएंगे.

जानकारी देते किसान


साहिबगंज के किसान इस भीषण गर्मी से मायूस हो रहे हैं. बजह यह है कि खेत की मिट्टी की उर्वरक शक्ति खत्म हो रही है. जिससे शिशु अवस्था में लगा पौधा जलकर मर रहा है. किसानों का कहना है कि इस तपती धूप से मकई, बाजरा, पटुवा को नुकसान पहुंच रहा है. जमीन के अंदर से पौधा ऊपर नहीं निकल रहा है.


किसानों का कहना है कि सिचाईं का दूसरा साधन नहीं है. खेत में लगा मेहनत और पूंजी को नुकसान पहुंच जाएगा. यदि यही स्थिति रही तो दियरा का सारा खेत जुताई के बाबजूद भी परती रह जाएगा. दूसरी तरफ कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी का कहना है कि फोनी तूफान से जो बारिश हुई है उससे खेत में नमी बरकरार है, लेकिन जिस तरह से तापमान में इजाफा हुआ है इससे फसल पर असर पड़ सकता है.

Intro:भीषण गर्मी का असर किसान के फसल पर पड़ा। मक्का,बाजरा सूखने के कगार पर, किसान को सत्ता रहा है डर।
स्टोरी-साहिबगंज-- इन दिनों भीषण गर्मी से लोग जूझ रहे है जिला में तापमान 41 डिग्री से पार कर चुका है। लोग तपती धूप और लू से बचने के लिये तरह तरह के उपाय में जुटे हुए है।लेकिन किसान इस तपती धूप में भी अपने खेतों में लगे फसल को निहार रहे है कि अब क्या होगा अगर इसी तरह उमस भरी गर्मी और सूर्य का ताप इन फसलों पर पड़ता रहा तो ये और भी सुख जायेगे।
साहिबगंज का किसान इस भीषण गर्मी से मायुष हो रहे है। बजह यह है की खेत की मिट्टी का उर्वरक शक्ति खत्म हो रहा है । जिससे शिशु अवस्था मे लगा पौधा जलकर मर रहा है या खेतो में टिप टाप हो रहा है कही पौधा निकल रहा है तो कहि खेत परती दिख रहा है।
किसान का कहना है इस तपती धूप से मकई,बाजरा,पटुवा को नुकसान पहुँच रहा है जमीन के अंदर से पौधा ऊपर नही निकल रहा है अंदर का मिट्टी सुख रहा है सिचाई का दूसरा साधन नही है। खेत मे लगा मेहनत और पूंजी को नुकसान पहुँच जाएगा। यदि यही स्थिति रहा दियरा का सारा खेत जुताई के बाबजूद भी परती रह जायेगा।
बाइट- दिलीप यादव, सुदर्शन मंडल, रामु मंडल-किसान
दूसरी तरफ कृषि विज्ञान केंद्र का पदाधिकारी का कहना है कि फोनी तूफान से जो वारिश हुई है खेत में नमी बरकरार है लेकिन जिस तरह से तापमान में इजाफा हुआ है इससे फसल पर थोड़ा बहुत असर पड़ सकता है जो फसल में दाना आना चालू हो गया वैसे स्थिति में क्षति पहुँच सकता है।
बाइट- अमृत झा,केवीके पदाधिकारी,साहिबगंज


Body:भीषण गर्मी का असर किसान के फसल पर पड़ा। मक्का,बाजरा सूखने के कगार पर, किसान को सत्ता रहा है डर।
स्टोरी-साहिबगंज-- इन दिनों भीषण गर्मी से लोग जूझ रहे है जिला में तापमान 41 डिग्री से पार कर चुका है। लोग तपती धूप और लू से बचने के लिये तरह तरह के उपाय में जुटे हुए है।लेकिन किसान इस तपती धूप में भी अपने खेतों में लगे फसल को निहार रहे है कि अब क्या होगा अगर इसी तरह उमस भरी गर्मी और सूर्य का ताप इन फसलों पर पड़ता रहा तो ये और भी सुख जायेगे।
साहिबगंज का किसान इस भीषण गर्मी से मायुष हो रहे है। बजह यह है की खेत की मिट्टी का उर्वरक शक्ति खत्म हो रहा है । जिससे शिशु अवस्था मे लगा पौधा जलकर मर रहा है या खेतो में टिप टाप हो रहा है कही पौधा निकल रहा है तो कहि खेत परती दिख रहा है।
किसान का कहना है इस तपती धूप से मकई,बाजरा,पटुवा को नुकसान पहुँच रहा है जमीन के अंदर से पौधा ऊपर नही निकल रहा है अंदर का मिट्टी सुख रहा है सिचाई का दूसरा साधन नही है। खेत मे लगा मेहनत और पूंजी को नुकसान पहुँच जाएगा। यदि यही स्थिति रहा दियरा का सारा खेत जुताई के बाबजूद भी परती रह जायेगा।
बाइट- दिलीप यादव, सुदर्शन मंडल, रामु मंडल-किसान
दूसरी तरफ कृषि विज्ञान केंद्र का पदाधिकारी का कहना है कि फोनी तूफान से जो वारिश हुई है खेत में नमी बरकरार है लेकिन जिस तरह से तापमान में इजाफा हुआ है इससे फसल पर थोड़ा बहुत असर पड़ सकता है जो फसल में दाना आना चालू हो गया वैसे स्थिति में क्षति पहुँच सकता है।
बाइट- अमृत झा,केवीके पदाधिकारी,साहिबगंज


Conclusion:यदगिक्सिद्विय
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