गिरिडीह: छत्तीसगढ़ के कांकेर में गुरुवार को हुए नक्सली हमले में गिरिडीह के देवरी प्रखंड के खारोडीह के इसरार खान भी शहीद हो गए. बीएसएफ के जवान इसरार खान के शहीद होने से पैतृक गांव के लोग गम के साथ-साथ गुस्से में भी हैं. मृतक के पैतृक गांव में शहीद के दादा आशिक खान और दादी मेहरून निशा रहती है. वहीं बाकी परिवार धनबाद के झरिया में रहता है.
कांकेर के परतापुर में सीमा सुरक्षा बल के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हो गयी. इस मुठभेड़ में बीएसएफ के चार जवान शहीद हो गए. शहीदों में गिरिडीह के खोरोडीह का मो. इसरार खान भी शामिल हैं. मृतक के पैतृक गांव में शहीद के दादा आशिक खान और दादी मेहरून निशा रहती है. वहीं, बाकी परिवार धनबाद के झरिया में रहता है. गुरुवार की देर रात को मृतक के दादा-दादी के साथ गांव वालों को घटना की जानकारी मिली. गांव के लाडले के शहीद होने की सूचना के बाद से पूरा गांव गम में डूबा हुआ है.
इस घटना के बाद से ग्रामीण सीधी कार्यवाई की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि झारखंड-छत्तीसगढ़ में आए दिन नक्सली कायराना हरकत करते हैं. ऐसे में सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए. कहा कि शहीद के परिवार को भी उचित सहायता मिलनी चहिए. शहीद इशरार खान छत्तीसगढ़ में आरक्षक के पद पर कार्यरत थे. इशरार की पहली पोस्टिंग वर्ष 2013 में मालदा में हुई थी और वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ में उसका तबदला हो गया. उसके शहीद होने की खबर से घर में मातम छा गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.