जामताड़ा: केंद्र सरकार के किसानों को लेकर लाए गए अध्यादेश के विरोध में सीपीआईएम के कार्यकर्ता और समर्थकों ने रैली निकाली और अनुमंडल कार्यालय के सामने रोष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता-समर्थकों ने जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. केंद्र सरकार को मजदूर, किसान विरोधी करार दिया.
जनविरोधी विधेयक को वापस लेने की मांग की
पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थकों ने केंद्र सरकार पर बिना बहस के सदन में विधेयक को पास कराने का आरोप लगाया. पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थकों का कहना था कि केंद्र सरकार ने बिना बहस के किसानों का विधेयक पास कराया है. जो कि पूरी तरह से किसान विरोधी है. पार्टी के कार्यकर्ता ने बताया कि विधेयक के पास होने से बड़े-बड़े पूंजीपति वर्ग अब किसानों पर मनमानी करेंगे. उपज मूल्य का निर्धारण और नियंत्रण किसानों के हाथ में नहीं रह पाएगा. पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे अविलंब किसान विरोधी विधेयक करार देते हुए सरकार से वापस लेने की मांग की. धरना प्रदर्शन कर रहे पार्टी के कार्यकर्ता केंद्र सरकार पर रेलवे और मुनाफा कमाने वाली कई कंपनी को निजीकरण के नाम पर अडानी-अंबानी जैसे कॉर्पोरेट घराने को बेचने का आरोप लगाया है.
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सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने आयकर के दायरे से बाहर रहने वाले प्रति व्यक्ति को लॉकडाउन अवधि समेत अगले छह माह तक 7,500 रुपये उनके बैंक खाते में दिए जाने, 6 माह प्रति व्यक्ति निशुल्क 10 किलो अनाज दिये जाने, मनरेगा का विस्तार का 200 दिन का काम सुनिश्चित किए जाने, मजदूरी का दर बढ़ाए जाने और शहरी क्षेत्र में रोजगार गारंटी कानून लागू किए जाने की मांग की है.