धनबादः बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को अदालत ने झटका दिया है. महिला नेता से दुष्कर्म मामले में अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें सुनवाई के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी गई.
भाजपा की पूर्व महिला नेता के साथ दुष्कर्म के मामले में जमानत याचिका पर विधायक की ओर से अधिवक्ता एसएन मुखर्जी, राधेश्याम गोस्वामी और एनके सविता ने जमानत याचिका दायर की थी. जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है. इसके पहले अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने विधायक ढुल्लू महतो की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
8 जून को विधायक की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी. सुनवाई पूरी होने के उपरांत जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया.
विधायक की ओर से दलील देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है. विधायक बिलकुल निर्दोष हैं. अधिवक्ताओं ने पूर्व के कांड की दलीलें भी पेश की. कहा गया कि 9 नवंबर 2018 को अयोध्या ठाकुर के खिलाफ छेड़खानी और दुष्कर्म का मामला कतरास थाना में दर्ज कराया गया था. जिसे गलत बताते हुए पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है. जिसके खिलाफ पीड़िता ने विधायक से शिकायत भी की थी. जबकि पुलिस अयोध्या को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. विधायक को जान-बूझकर इस मामले में फंसाया गया है. विधायक की ओर से बताया गया कि वादिनी के खिलाफ जालसाजी और ठगी के कई मामले दर्ज हैं. इस पर लोक अभियोजक ने कहा कि विधायक के खिलाफ 33 मामले दर्ज हैं. इस पर विधायक के अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने आपत्ति जताते हुए कहा उनमें से कई मामले में विधायक बरी हो चुके हैं.
हाई कोर्ट के आदेश के बाद विधायक के खिलाफ पुलिस ने 4 अक्टूबर 2019 को भाजपा की पूर्व महिला नेता की शिकायत के आलोक में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पीड़िता का 15 फरवरी को 164 के तहत बयान अदालत में लिया गया था. जिसमें पीड़िता ने अदालत को बताया था कि हिंदुस्तान जिंक टुडू के गेस्ट हाउस में 2015 के नवंबर माह में विधायक ने उसके शरीर को छुआ और उसके साथ गलत काम किया था.