भरतपुर. जिले के नदबई क्षेत्र में महाराजा सूरजमल, डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर एक बार फिर से विवाद गरमा गया है. बुधवार शाम को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और नदबई विधायक जोगिंदर अवाना की प्रेस वार्ता के बाद देर रात को लोगों ने नदबई क्षेत्र के बैलारा चौराहा पर तेल डालकर सड़क पर आग लगा दी. उधर पुलिस ने आग को बुझाकर सड़क खोलने का प्रयास किया, तो लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. ऐसे में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं, इस घटना के बाद से क्षेत्र में एक बार फिर से मूर्ति स्थापना का विवाद तुल पकड़ रहा है.
मंत्री व विधायक ने की प्रेसवार्ताः पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और नदबई विधायक जोगिंदर अवाना ने बुधवार शाम को प्रेस वार्ता की. इस दौरान मंत्री विश्वेंद्र ने कहा कि तीनों महापुरुषों की मूर्तियां लग रही हैं. इसमें दलगत राजनीति न करके उससे ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को बैलारा बाईपास चौराहे पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण होगा. उससे पहले डेहरा मोड़ पर भगवान परशुराम और महाराजा सूरजमल की मूर्तियों की पट्टियों का भूमि पूजन होगा. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अखिलेश कुमार पिप्पल ने बुधवार को डेहरा मोड़ पुलिस चौकी के पास सार्वजनिक भूमि पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाए जाने का आदेश भी जारी कर दिया. डेहरा मोड़ के साथ ही कुम्हेर रोड बाईपास चौराहे पर भी महाराजा सूरजमल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
देर रात फिर विवादः पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विधायक जोगिंदर अवाना की प्रेस वार्ता के बाद बैलारा क्षेत्र में कुछ लोगों ने असंतोष जाहिर किया. इसके बाद लोगों ने बैलारा चौराहे पर सड़क मार्ग पर तेल डालकर आग लगा दी. मौके पर कुछ पुलिसकर्मी मौजूद थे, आगजनी की घटना की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा गया. पुलिस ने सड़क मार्ग से आग को बुझा कर रास्ता खुलवाया. इससे वहां मौजूद लोग भड़क गए और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.
आंसू गैस के गोले छोड़ेः लोगों को पथराव करता देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे मौके पर माहौल गरमा गया. सूचना पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. गौर है कि बीते कई दिनों से क्षेत्रवासी महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. स्थानीय लोगों की मांग थी कि महाराजा सूरजमल की मूर्ति डेहरा मोड़ चौराहे पर स्थापित की जाए.