कांकेर: जिले के जंगलवार कॉलेज कांकेर में बस्तर फाइटर्स की वॉर ट्रेनिंग के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. वॉर ट्रेनिंग के दौरान आईईडी ब्लास्ट में पत्थर के टुकड़े लगने से दो जवान घायल हो गए हैं. घायल जवानों को तत्काल जिला अस्पताल कांकेर में इलाज के लिए लाया गया है.
कैसे हुआ हादसा: जंगलवार कॉलेज कांकेर में बस्तर फाइटर्स के जवान अपनी 45 दिन की अंतिम ट्रेनिंग में थे. इस दौरान उन्हें शुक्रवार को जंगल में लड़ाई की ट्रेनिंग दी जा रही थी. जवानों के ऊपर से लगातार गोलियां बरसाई जा रही थी. वहीं उनके नजदीक आईईडी भी ब्लास्ट हो रहे थे. इसी दौरान आईईडी ब्लास्ट से उड़े पत्थर के टुकड़े जवान शंकर लाल और ललित कुमार के कमर और पैर में जा लगे. जिसके चलते जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. जिसके बाद घायल जवानों को तत्काल एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल कांकेर भेजा गया. जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. दोनों जवान बस्तरिया बटालियन के ट्रेनी जवान हैं.
बस्तर फाइटर्स के बारे में जानिए: बस्तर संभाग और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुकाबले के लिए बस्तर फाइटर्स का गठन किया गया है. बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर और बीजापुर जैसे जिले में नक्सलियों से सीधी लड़ाई के लिए बस्तर फाइटर्स को स्वरूप में लाया गया है. इस बल में भर्ती के लिए हर जिले से 300 स्थानीय युवाओं का चयन किया गया है. इनकी लगातार ट्रेनिंग जारी है.
बस्तर फाइटर्स के गठन का उद्देश्य: बस्तर फाइटर्स के गठन का खास मकसद यह था कि बस्तर के लोग बस्तर की भौगौलिक स्थिति को अच्छी तरह से जानते हैं. जो किसी भी फोर्स के ऑपरेशन के लिए बेहद जरूरी होता है. इससे पहले इसी तरह डीआरजी यानी की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड का गठन किया गया था. अब बस्तर फाइटर्स के तहत ट्रेनिंग के बाद जवान सीधे नक्सलगढ़ में तैनात हो रहे हैं. 16 अप्रैल को जगदलपुर में 2100 बस्तर फाइटर्स ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है और वह सेवा में आ गए हैं. इनमें 9 ट्रांसजेंडर्स भी शामिल हैं.