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मनोज सोनी के UPSC अध्यक्ष बनने पर बोले राहुल, 'यूनियन प्रचारक संघ कमीशन'

यूपीएससी के नए अध्यक्ष डॉ मनोज सोनी बने हैं. वह शिज्ञाविद हैं. वह मात्र 40 साल की अवस्था में ही वीसी बन गए थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. राहुल ने कहा कि वह संघ के आदमी हैं. यूपीएससी को लेकर राहुल ने कहा, यह यूनियन प्रचारक संघ कमीशन बन गया है.

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मनोज सोनी, यूपीएससी
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Published : Apr 18, 2022, 4:00 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सोमवार को केंद्र पर हमला बोला. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, 'यूनियन प्रचारक संघ कमीशन. भारत के संविधान को ध्वस्त किया जा रहा है, एक समय में एक संस्था.'

tweet of rahul
राहुल गांधी का ट्वीट

आपको बता दें कि मनोज सोनी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. आरोप लग रहे हैं कि उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जबकि यूपीएससी को एक तटस्थ निकाय होना चाहिए.

उन्हें 5 अप्रैल 2022 को यूपीएससी चेयरमैन नियुक्त किया गया था. सोनी ने प्रदीप कुमार जोशी की जगह ली है. डॉ मनोज सोनी दो विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. डॉ. मनोज का कार्यकाल 27 जून, 2023 को समाप्त होगा. डॉ मनोज सोनी यूपीएससी के 31वें अध्यक्ष हैं.

डॉ. मनोज सोनी का जीवन साहस और दृढ़ संकल्प की जीवित कहानी जैसा है. डॉ मनोज सोनी की यात्रा संघर्ष और कड़ी मेहनत की प्रेरक कहानी है. 17 फरवरी 1965 को मुंबई में पैदा हुए डॉ मनोज 5 वीं कक्षा में थे, जब उनके सिर से पिता का साया छिन गया. पिता की असामयिक मृत्यु के बाद, परिवार की जिम्मेदारी मनोज के सिर पर आ गई. मुंबई की सड़कों पर उनका संघर्ष शुरू हुआ. परिवार के भरण-पोषण के अलावा खुद की शिक्षा के लिए धन जुटाने के लिए उन्होंने मुंबई की सड़कों पर अगरबत्ती बेचनी शुरू की.12वीं में फेल हुए, पर हार नहीं मानी.

साल 1978 में डॉ मनोज सोनी की मां ने मुंबई से गुजरात के आणंद जाने का फैसला लिया. कक्षा 12वीं की विज्ञान की परीक्षा में डॉ मनोज सोनी असफल रहे. इसके बाद उन्होंने राज रत्न पीटी पटेल कॉलेज में कला संकाय का विकल्प चुना. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों (आईआर) की पढ़ाई की. अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अलावा राजनीति विज्ञान के विद्वान डॉ मनोज सोनी 1991 और 2016 के बीच सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू), वल्लभ विद्यानगर में इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई पूरी की.

डॉ मनोज सोनी एमएस विश्वविद्यालय और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) के कुलपति भी रह चुके हैं. महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के कुलपति बनने के समय उनके नाम दुर्लभ उपलब्धि हुई. डॉ मनोज सोनी 40 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने. उन्होंने 'अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल पॉलिटिकल अर्थक्वेक' (Understanding the Global Political Earthquake) नामक पुस्तक भी लिखी है. डॉ. सोनी बचपन से ही आणंद जिले के मोगरी में स्वामीनारायण संप्रदाय मिशन से भी जुड़े रहे हैं. 10 जनवरी, 2020 को उन्होंने संप्रदाय के निष्काम कर्मयोग की शुरुआत की थी.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपीएससी के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सोमवार को केंद्र पर हमला बोला. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, 'यूनियन प्रचारक संघ कमीशन. भारत के संविधान को ध्वस्त किया जा रहा है, एक समय में एक संस्था.'

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राहुल गांधी का ट्वीट

आपको बता दें कि मनोज सोनी को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है. आरोप लग रहे हैं कि उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जबकि यूपीएससी को एक तटस्थ निकाय होना चाहिए.

उन्हें 5 अप्रैल 2022 को यूपीएससी चेयरमैन नियुक्त किया गया था. सोनी ने प्रदीप कुमार जोशी की जगह ली है. डॉ मनोज सोनी दो विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. डॉ. मनोज का कार्यकाल 27 जून, 2023 को समाप्त होगा. डॉ मनोज सोनी यूपीएससी के 31वें अध्यक्ष हैं.

डॉ. मनोज सोनी का जीवन साहस और दृढ़ संकल्प की जीवित कहानी जैसा है. डॉ मनोज सोनी की यात्रा संघर्ष और कड़ी मेहनत की प्रेरक कहानी है. 17 फरवरी 1965 को मुंबई में पैदा हुए डॉ मनोज 5 वीं कक्षा में थे, जब उनके सिर से पिता का साया छिन गया. पिता की असामयिक मृत्यु के बाद, परिवार की जिम्मेदारी मनोज के सिर पर आ गई. मुंबई की सड़कों पर उनका संघर्ष शुरू हुआ. परिवार के भरण-पोषण के अलावा खुद की शिक्षा के लिए धन जुटाने के लिए उन्होंने मुंबई की सड़कों पर अगरबत्ती बेचनी शुरू की.12वीं में फेल हुए, पर हार नहीं मानी.

साल 1978 में डॉ मनोज सोनी की मां ने मुंबई से गुजरात के आणंद जाने का फैसला लिया. कक्षा 12वीं की विज्ञान की परीक्षा में डॉ मनोज सोनी असफल रहे. इसके बाद उन्होंने राज रत्न पीटी पटेल कॉलेज में कला संकाय का विकल्प चुना. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों (आईआर) की पढ़ाई की. अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अलावा राजनीति विज्ञान के विद्वान डॉ मनोज सोनी 1991 और 2016 के बीच सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू), वल्लभ विद्यानगर में इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई पूरी की.

डॉ मनोज सोनी एमएस विश्वविद्यालय और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) के कुलपति भी रह चुके हैं. महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के कुलपति बनने के समय उनके नाम दुर्लभ उपलब्धि हुई. डॉ मनोज सोनी 40 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने. उन्होंने 'अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल पॉलिटिकल अर्थक्वेक' (Understanding the Global Political Earthquake) नामक पुस्तक भी लिखी है. डॉ. सोनी बचपन से ही आणंद जिले के मोगरी में स्वामीनारायण संप्रदाय मिशन से भी जुड़े रहे हैं. 10 जनवरी, 2020 को उन्होंने संप्रदाय के निष्काम कर्मयोग की शुरुआत की थी.

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