नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मतपेटियां राष्ट्रीय राजधानी आनी शुरू हो गयी हैं. दिल्ली विधानसभा से मतपेटी सोमवार देर रात स्ट्रांग रूम लाई गयी. जबकि कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम और राजस्थान से मतपेटियां अलग-अलग व्यावसायिक उड़ानों से यहां लाई गई थीं. मतपेटियां अपने-अपने राज्यों के सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) की चौकस निगरानी में विमान में अगली पंक्ति की सीट पर रखी गई थीं. निर्वाचन आयोग ने संबंधित एआरओ के साथ उड़ानों में सीलबंद मतपेटियों की तस्वीरें पोस्ट कीं.
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तेलंगाना से मतपेटी को मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा शुरू करने से पहले हैदराबाद के एक स्ट्रांग रूम में ले जाते हुए दिखाया गया. निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि जिन राज्यों की राजधानियों से दिल्ली के लिए सुबह की सीधी उड़ानें हैं, वे मतपेटियां मंगलवार दोपहर तक यहां पहुंच जाएंगी. जिन राज्यों की दिल्ली के लिए सीधी उड़ानें नहीं हैं, वहां से मतपेटी मंगलवार शाम तक पहुंच जाएंगी। हिमाचल प्रदेश से मतपेटियों को सड़क मार्ग से लाए जाने की संभावना है.
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निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रत्येक मतपेटी को ‘मिस्टर बैलेट बॉक्स’ के नाम से एक ई-टिकट जारी किया जाता है. निर्वाचित सांसदों और विधायकों को राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने का अधिकार है, इसलिए मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होता है. निर्वाचन आयोग ने कहा कि सोमवार सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच संसद भवन और राज्य विधानसभाओं के 30 केंद्रों सहित 31 स्थानों पर मतदान हुआ। मतगणना 21 जुलाई को होनी है।