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पेड़ लगाइए फ्री बिजली पाइए, जानिए झारखंड सरकार की क्या है योजना - Planting trees in Jharkhand

झारखंड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए घरों में लगनेवाले हरेक पेड़ पर पांच यूनिट बिजली फ्री में देने की घोषणा की. सीएम हेमंत सोरेन ने यह घोषणा 73 वें वन महोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान की है.

Planting trees in Jharkhand
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Published : Jul 22, 2022, 7:15 PM IST

रांचीः सीएम हेमंत सोरेन ने वन महोत्सव 2022 की शुरुआत की है. इस मौके पर राज्य में पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत लोगों को अपने घरों के कैंपस में पेड़ लगाने पर झारखंड सरकार प्रति पेड़ 5 यूनिट बिजली फ्री में देगी. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित 73 वें वन महोत्सव के दौरान इसकी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की.

पेड़ लगाने की अपीलः आईआईएम सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में वनों की कटाई पर चिंता जताते हुए लोगों से पेड़ लगाने की अपील की. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आईआईएम कैंपस में सखुआ का पेड़ लगाकर वन महोत्सव की शुरुआत की. इस अवसर पर हटिया विधायक नवीन जायसवाल की मौजुदगी में मुख्यमंत्री ने गुब्बारा छोड़कर वन संरक्षण के प्रति संदेश देने का काम किया.

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री


मानव ही पर्यावरण का दुश्मनः इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि आज वनों को लेकर हमलोगों की चिंता बढ़ी हुई है. दुनिया में इसको लेकर बड़ी बड़ी गोष्ठियां हो रही हैं. लेकिन मेरा मानना है कि इस धरती का कोई दुश्मन है तो मनुष्य से बड़ा कोई दुश्मन नहीं है जो बनाता भी है और बिगाड़ता भी है. मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों में उत्पन्न हुई सुखाड़ की स्थिति के लिए पर्यावरण संकट को वजह मानते हुए लोगों को सचेत किया.

देखें पूरी खबर

पेड़ बचाना भी जरूरीः उन्होंने जंगल बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि जंगल के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी आरा मिल अब नहीं लगेगा. ये आरा मिल कहीं ना कहीं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे थे. जिसकी जानकारी मिलने के बाद हमने अलग से जांच कराई. एक तरफ हम पेड़ लगाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर केन्द्र सरकार पेड़ काटे जाने को लेकर नीति बना रही है. इससे आदिवासी समाज खत्म हो जायेगा. झारखंड देश का अदभुत राज्य है. जिसकी पहचान जंगल है. इसे हम बचाने के लिए केंद्र से बात करेंगे. इस मौके पर हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि कंक्रीट का जंगल शहर बन गया है. आवश्यकता इस बात की है कि पेड़ लगाने के साथ साथ पेड़ को बचाने का भी काम हो.


इस वर्ष 2 लाख 34 हजार पेड़ लगेंगेः झारखंड का लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र वन से आच्छादित है. विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी चुनौती है. अधिक से अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है. फल, जलावन, जल संरक्षण आदि के दृष्टि से इसका खास महत्व है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इस वर्ष 2 लाख 34 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य है. लोगों से पेड़ लगाने की अपील करते हुए कहा कि हम इको टूरिज्म से रोजगार का साधन उपलब्ध करा सकते हैं.

रांचीः सीएम हेमंत सोरेन ने वन महोत्सव 2022 की शुरुआत की है. इस मौके पर राज्य में पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत लोगों को अपने घरों के कैंपस में पेड़ लगाने पर झारखंड सरकार प्रति पेड़ 5 यूनिट बिजली फ्री में देगी. वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित 73 वें वन महोत्सव के दौरान इसकी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की.

पेड़ लगाने की अपीलः आईआईएम सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में वनों की कटाई पर चिंता जताते हुए लोगों से पेड़ लगाने की अपील की. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आईआईएम कैंपस में सखुआ का पेड़ लगाकर वन महोत्सव की शुरुआत की. इस अवसर पर हटिया विधायक नवीन जायसवाल की मौजुदगी में मुख्यमंत्री ने गुब्बारा छोड़कर वन संरक्षण के प्रति संदेश देने का काम किया.

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री


मानव ही पर्यावरण का दुश्मनः इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि आज वनों को लेकर हमलोगों की चिंता बढ़ी हुई है. दुनिया में इसको लेकर बड़ी बड़ी गोष्ठियां हो रही हैं. लेकिन मेरा मानना है कि इस धरती का कोई दुश्मन है तो मनुष्य से बड़ा कोई दुश्मन नहीं है जो बनाता भी है और बिगाड़ता भी है. मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों में उत्पन्न हुई सुखाड़ की स्थिति के लिए पर्यावरण संकट को वजह मानते हुए लोगों को सचेत किया.

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पेड़ बचाना भी जरूरीः उन्होंने जंगल बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि जंगल के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी आरा मिल अब नहीं लगेगा. ये आरा मिल कहीं ना कहीं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे थे. जिसकी जानकारी मिलने के बाद हमने अलग से जांच कराई. एक तरफ हम पेड़ लगाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर केन्द्र सरकार पेड़ काटे जाने को लेकर नीति बना रही है. इससे आदिवासी समाज खत्म हो जायेगा. झारखंड देश का अदभुत राज्य है. जिसकी पहचान जंगल है. इसे हम बचाने के लिए केंद्र से बात करेंगे. इस मौके पर हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि कंक्रीट का जंगल शहर बन गया है. आवश्यकता इस बात की है कि पेड़ लगाने के साथ साथ पेड़ को बचाने का भी काम हो.


इस वर्ष 2 लाख 34 हजार पेड़ लगेंगेः झारखंड का लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र वन से आच्छादित है. विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी चुनौती है. अधिक से अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है. फल, जलावन, जल संरक्षण आदि के दृष्टि से इसका खास महत्व है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इस वर्ष 2 लाख 34 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य है. लोगों से पेड़ लगाने की अपील करते हुए कहा कि हम इको टूरिज्म से रोजगार का साधन उपलब्ध करा सकते हैं.

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