गुवाहाटी : बहुचर्चित 'द कश्मीर फाइल्स' का जिक्र करते हुए अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने वर्ष 1951 में कट ऑफ डेट मानकर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को नए सिरे से अपडेट करने की आवश्यकता (Pravin Togadia stressed on need to update NRC) पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर साल 1951 को कट ऑफ डेट मानकर NRC को नए सिरे से अपडेट नहीं किया गया और 50 लाख अवैध मुस्लिम बांग्लादेशियों को निर्वासित नहीं किया गया तो असम में 32 साल पहले की कश्मीर जैसी स्थिति (Assam will have a situation like Kashmir) हो जाएगी. यह बात तोगड़िया ने मंगलवार को गुवाहाटी प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि 20 साल बाद, असम में 32 साल पहले की कश्मीर की तरह ही स्थिति बन रही है. ऐसा न हो कि फिर किसी को 'द असम फाइल्स' नाम की फिल्म बनाने का मौका मिल जाए. दक्षिणपंथी हिंदू नेता ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स पिछले 32 वर्षों में केंद्र में सरकारों की विफलता को दर्शाती (The Kashmir Files depicts failure of the govts in last 32 yrs) है. उस वक्त केंद्र में किसी भी सरकार ने न तो कश्मीरी पंडितों की समस्याओं के समाधान के लिए सोचा और न ही कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए कोई कदम उठाया.
पढ़ें : असम में विदेशी न्यायाधिकरण का फैसला, 2019 में प्रकाशित NRC अंतिम है
उन्होंने कहा कि असम में 50 लाख अवैध बांग्लादेशी मुसलमान हैं. अगर सरकार उन्हें एक साल के भीतर निर्वासित नहीं करती है, तो असम की स्थिति और खराब हो जाएगी. इसलिए सरकार को 1951 को कट ऑफ डेट के रूप में NRC को अपडेट करने के लिए तेजी से कार्य करना चाहिए.