नई दिल्ली : दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. संजय राय ने रविवार को कहा कि अगर भारत बायोटेक द्वारा विकसित नेजल टीका ट्रायल के दौरान म्यूकोसल इम्युनिटी (mucosal immunity) प्रदान करता है तो यह कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. बता दें, भारत के औषधि नियामक ने भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिए जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके (Intranasal COVID-19 vaccine) के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दे दी जिन्हें कोविड टीके दिए जा चुके हैं.
डॉ. राय ने कहा, 'अगर यह टीका म्यूकोसल इम्युनिटी प्रदान करता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. पूरी दुनिया में 33 टीके हैं लेकिन कोई भी संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह टीका म्यूकोसल इम्युनिटी प्रदान करेगा जो दोबारा होने वाले संक्रमण को रोक सकता है.
सोमवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. एम्स के वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ ने उम्मीद जताई है कि इस बार केंद्रीय बजट में सभी प्राथमिक, माध्यमिक स्तर और तृतीयक स्तरों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर जोर होगा. उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहना चाहिए और इससे निपटने के लिए हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है.
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित इंट्रानेजल कोविड-19 टीके बीबीवी154 (intranasal COVID vaccine BBV154) के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी अभी तक नहीं दी गई है. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 27 जनवरी को भारत बायोटेक को उसके इंट्रानेजल टीके की सुरक्षा का आकलन करने के लिए उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के तौर पर तीसरे चरण का बहुकेंद्रीय क्लीनिकल अध्ययन करने की मंजूरी दे दी थी, जिन्हें पहले 'नये औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019' के अंतर्गत नई दवाओं के तहत स्वीकृत कोविड-19 टीकों की खुराक दी जा चुकी है.
भारत बायोटेक ने दिसंबर में डीसीजीआई से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों. डीसीजीआई ने गत गुरुवार को बीबीवी-154 (इंट्रानेजल) टीके की प्रतिरक्षा क्षमता तैयार करने की शक्ति और सुरक्षा की तुलना कोवैक्सीन से करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की अनुमति भी दे दी थी. परीक्षण को नौ स्थान पर संचालित करने की अनुमति दी गई है.
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अगस्त में इंट्रानेजल टीके के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए नियामक की स्वीकृति मिली थी. भारत बायोटेक के एक सूत्र ने कहा, 'बीबीवी154 (इंट्रानेजल कोविड टीके) को तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है. परीक्षण में दोनों खुराकों के प्राथमिक कार्यक्रम और बूस्टर खुराक दोनों के लिए बीबीवी154 टीके का आकलन किया जाएगा.' भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा था कि इंट्रानेजल टीका न केवल देने में आसान होगा बल्कि सिरिंज और सुइयों के इस्तेमाल को भी घटाएगा. उन्होंने कहा था कि इससे टीकाकरण अभियान की कुल लागत पर भी असर पड़ेगा.
(एजेंसी इनपुट)