मुंबई : कोरोना वायरस के कई मरीज ब्लैक फंगस नामक बीमारी का शिकार हुए. वहीं कोरोना की चपेट में आने के बाद कई मरीज जो ब्लैक फंगस का शिकार हुए उसका असर उनके चेहरे और दिगाम पर पड़ा है. ब्लैक फंगस के कुछ ऐसे मरीज थे जिनकी इस बीमारी के कारण उनकी आंखे और चेहरे की हड्डियां निकालनी पड़ी .
वहीं महाराष्ट्र के नवीन पॉल म्यूकोर्मिकोसिस के पहले मरीज थे. नवीन पॉल सितंबर में कोरोना संक्रमित हुए थे. जिसके बाद उनके दांतों और आंखों में समस्या आ गई थी उस समय डॉक्टरों के लिए ब्लैक फंगस नया था. पॉल का कहना है कि वह खुश हैं कि उनकी जान बच गई. ऑपरेशन से उसके चेहरे और आंख में एक खोखलापन आ गया है.
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पॉल का महाराष्ट्र और हैदराबाद के अस्पतालों में इलाज हुआ और इस दौरान 1.48 करोड़ रुपये इलाज पर खर्च किए. बाई आंख बाहर निकाले जाने से पहले उनकी कई बाद सर्जरी हुई. पॉल की पत्नी रेलवे में नौकरी करती हैं. पॉल ने कहा ब्लैक फंगस होने के बाद मैं अपनी आंख गवां कर भी अपनी जिंदगी बचाना चाहता था.