रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या मामले की जांच (Dhanbad judge murder probe) में धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने सीबीआई को एक बार फिर फटकार लगाई और उसे हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. सीबीआई ने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि ऑटो चालक एवं उसके सहयोगी ने धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या उनका मोबाइल फोन छीनने के उद्देश्य से की होगी लेकिन अभी इस दृष्टिकोण से मामले की जांच जारी है.
शुक्रवार को सीबीआई ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ को बताया कि जज उत्तम आनंद की हत्या मामले की जांच (Dhanbad judge Uttam Anand) में नए घटनाक्रम सामने आए हैं. सीबीआई ने 'नए तथ्यों' को पेश करने के लिए समय की मांग की.
सीबीआई ने अदालत को बताया कि न्यायाधीश की हत्या के लिए जिम्मेदार साजिशकर्ताओं की पहचान का पता लगाने के लिए पिछले कुछ महीनों में 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है. सीबीआई ने अदालत को बताया कि हत्या के दिन घटनास्थल के निकट के मोबाइल टावर से जुड़े सभी मोबाइल धारकों से पूछताछ की गई है.
जांच प्रक्रिया के विवरण पर सीबीआई ने कहा कि आरोपियों की दोबारा ब्रेन मैपिंग और नार्को जांच कराई गई है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही अदालत को पुख्ता जानकारी दी जाएगी. सीबीआई ने कहा कि मोबाइल फोन छीनने के उद्देश्य से न्यायाधीश की हत्या किए जाने की आशंका की जांच की जा रही है.
पीठ ने कहा, 'इस मामले का खुलासा नहीं होने से हम चिंतित हैं. सीबीआई की ओर से अब एक नई कहानी सामने आ रही है. लेकिन सीसीटीवी फुटेज देखने पर ऐसा कुछ प्रतीत नहीं हो रहा है.'
अदालत ने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि यदि अपराधियों का मोबाइल ही छीनने का उद्देश्य होता तो टक्कर मारने के बाद अपराधी मोबाइल फोन न्यायाधीश से ले लेते. इसने कहा कि सीबीआई की ओर से दी जा रही इस तरह की दलीलों से प्रतीत हो रहा है कि मामले की जांच पूरी नहीं हो पाएगी.
पीठ ने कहा कि सीबीआई को इस मामले में पहले ही चेताया गया था कि समय बहुत महत्वपूर्ण है और समय बीतने पर अपराधी तथा षड्यंत्रकारियों को बचने की योजना बनाने का मौका मिल जाता है.
अदालत ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने हम पर भरोसा जताया था, लेकिन हम उन्हें (उच्चतम न्यायालय) कुछ परिणाम नहीं दे पा रहे हैं. सीबीआई कह रही है कि हमने इतना काम किया, पर परिणाम कुछ नहीं निकला है. अब डर है कि यह मामला अबूझ पहेली बनकर न रह जाए.' पीठ ने कहा कि मामला अभी तक इसी ओर जाता दिख रहा है.
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 जनवरी तय की. सीबीआई को नए घटनाक्रम पर हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
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हाईकोर्ट ने कहा, 'इस मामले में सीबीआई ने अब तक सिर्फ दो लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. उसमें भी बिना मंशा के हत्या किए जाने की बात कही है. ऐसे में उन्हें धारा 302 के तहत सजा दिलाना लगभग असंभव है.' न्यायाधीश की हत्या के मामले में जांच को लेकर इससे पूर्व भी अनेक बार झारखंड उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया है.
सीबीआई ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि बड़े षड्यंत्र का खुलासा करने में समय लगता है. अदालत ने सीबीआई से यह भी पूछा कि जब हत्या में शामिल ऑटो चालक और उसके सहयोगी की न्यायाधीश से कोई दुश्मनी नहीं थी तो वह उनकी हत्या क्यों करेंगे? उच्च न्यायालय ने सीबीआई से इस मामले में हत्या की मंशा का जल्द पता लगाने को कहा.
बता दें कि जुलाई, 2021 में धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम (District and Sessions Judge) उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. इसी दौरान उन्हें एक ऑटो ने टक्कर मार दी, जिसके बाद वे गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर गिर गए.
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कुछ देर बाद एक ऑटो चालक ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस एक्टिव हो गई है. उत्तम आनंद चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे.
(पीटीआई-भाषा)