कोलकाता : I-PAC व सीएम ममता बनर्जी के बीच ट्वीटर पर अनफॉलो-फॉलो का खेल चलने के बाद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. शुक्रवार सुबह मीडिया के संज्ञान में आया कि I-PAC ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अनफॉलो कर दिया है. प्रशांत किशोर ने भी अपने निजी ट्विटर हैंडल पर मुख्यमंत्री को अनफॉलो कर दिया था.
हालांकि मीडिया की खबरों के बाद राजनीतिक हलकों में विवाद शुरू हो गया. दोपहर बाद I-PAC ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ममता बनर्जी को फिर से फॉलो करना शुरू कर दिया. हालांकि प्रशांत किशोर ने अपने आधिकारिक हैंडल से अभी फॉलो नहीं किया है. हाल ही में प्रशांत किशोर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर दूरियां बढ़ी हैं. अफवाहें हैं कि किशोर की भी पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी के साथ टेलीफोन पर तीखी बहस हुई थी.
I-PAC अधिकारियों ने इस मुद्दे पर मीडिया में पूरी तरह चुप्पी बनाए रखी है. हालांकि जानकार सूत्रों ने कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद आधिकारिक अलगाव हो सकता है. इसके बाद आईपैक और तृणमूल कांग्रेस के बीच समझौता टूट जाएगा. हालांकि दिलचस्प बात यह है कि I-Pac ने शुरू में ममता बनर्जी को ट्विटर पर अनफॉलो कर दिया लेकिन यह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को हर समय फॉलो करती रही. अभिषेक बनर्जी की ओर से भी यही इशारा था.
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद I-PAC और तृणमूल कांग्रेस के बीच हुए समझौते में अभिषेक बनर्जी जिम्मेदार थे. अब सवाल यह है कि यह समझौता टूटता है तो क्या अभिषेक बनर्जी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पद भी छोड़ देंगे. I-PAC का आधिकारिक ट्विटर हैंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, भाजपा के राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजनीतिक नेताओं को फॉलो करता है. हालांकि I-PAC के साथ उनका आधिकारिक समझौता नहीं है लेकिन संगठन ने उन्हें कभी भी अनफॉलो नहीं किया. सवाल यह उठता है कि I-PAC ने ममता बनर्जी को लेकर यह फैसला क्यों लिया.
सांगठनिक जिम्मेदारी छोड़ सकते हैं अभिषेक बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस में इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि ममता बनर्जी और आई-पैक समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रहे मतभेदों को देखते हुए पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी पार्टी की संगठनात्मक जिम्मेदारियां छोड़ सकते हैं. यह भी हो सकता है कि वे केवल डायमंड हार्बर के सांसद के रूप में काम करना जारी रखें. टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव बनर्जी इस समय गोवा में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने अपने करीबी हलकों में कहा है कि गोवा में विधानसभा चुनाव होने के बाद 14 फरवरी की शाम या अगले दिन सुबह वह ट्वीट के जरिए अपनी घोषणा करेंगे. हालांकि यह निश्चित नहीं है कि घोषणा क्या होगी, लेकिन यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और उनकी आई-पैक टीम के साथ संबंध में खटास चरम पर हैं.
एक व्यक्ति एक पद ट्वीट से पार्टी में शुरू हुआ विवाद
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में कलह शुक्रवार को उस समय बढ़ गई, जब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले नेताओं ने एक व्यक्ति एक पद की खुलकर वकालत की. वहीं पार्टी के बुजुर्ग नेताओं के एक वर्ग ने उन पर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. यह विवाद पार्टी में कथित सत्ता संघर्ष और उसके नेताओं की नई और पुरानी पीढ़ी के नेताओं के एक वर्ग के बीच स्पष्ट मतभेदों की पृष्ठभूमि में हो रहा है.
पार्टी के पदाधिकारियों अदिति गायेन और आकाश बनर्जी ने ट्वीट किया कि मैं एआईटीसी में एक व्यक्ति एक पद का समर्थन करता हूं. इसके बाद शुक्रवार को ताजा विवाद खड़ा हो गया. अदिति और आकाश पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी के रिश्तेदार हैं. अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुछ अन्य नेताओं ने भी यही ट्वीट किया. अभिषेक बनर्जी पार्टी का पद संभालने के बाद से तृणमूल कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद की वकालत कर रहे हैं, जो जिसे पार्टी के बुजुर्ग नेताओं का एक वर्ग सही नहीं मानता.
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ममता मंत्रिमंडल में मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि नेताओं की सहमति के बिना पार्टी के कामकाज के बारे में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना उसके अनुशासन के उल्लंघन के समान है. हकीम ने कहा कि लोगों का एक वर्ग सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से भ्रामक संदेश फैलाने की कोशिश कर रहा है. अगर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी चाहती हैं तो वह इसे बदल सकती हैं, क्योंकि उनके पास शक्तियां हैं. पार्टी एक व्यक्ति एक पद के इस सिद्धांत का समर्थन नहीं करती है. टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने उनके सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि पार्टी का चेहरा ममता बनर्जी हैं और वह इसकी सर्वोच्च नेता हैं.