नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने National Monetisation Pipeline को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि पीएम ने सबकुछ बेच दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में जनता की मदद नहीं की.
कांग्रेस नेता ने कहा, नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि '70 साल में कुछ नहीं हुआ' और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी, उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया.'
उन्होंने कहा, 'हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का तर्क था. हमने रणनीतिक उद्योगों का निजीकरण नहीं किया और हम रेलवे को रणनीतिक उद्योग मानते हैं क्योंकि यह लाखों और करोड़ लोगों को ट्रांसपोर्ट करता है और बहुत से लोगों को रोजगार भी देता है.'
राहुल गांधी ने कहा कि हमने लंबे समय से घाटे में चल रहे उद्योगों का निजीकरण किया. हमने उन कंपनियों का निजीकरण किया जिनकी बाजार हिस्सेदारी न्यूनतम थी. हमने किसी विशेष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के एकाधिकार को रोकने की क्षमता वाले सरकारी उद्यमों का निजीकरण नहीं किया.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने (सरकार) मूल रूप से यूपीए द्वारा बनाई गई चीजों को नष्ट कर दिया है और अब अंतिम उपाय के रूप में, वे वह सब कुछ बेच रहे हैं जो हमने बनाने में मदद की थी. मेरे लिए, यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है.
उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में इस देश ने जो कुछ बनाया है, वह दिया जा रहा है. उनके पास एक बहाना है कि हम इन्हें पट्टे पर दे रहे हैं. ... सरकार ने स्पष्ट रूप से अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से संभाला और नहीं जानती कि क्या करना है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का शुभारंभ किया. इसके जरिए अगले चार वर्षों में बेची जाने वाली सरकार की बुनियादी ढांचा संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी.
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि हम राष्ट्रीय मुद्राकरण पाइपलाइन को सफलता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि बेहतर संचालन और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्र को लाना बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हम योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन के तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) के 25 हवाईअड्डे, जिनमें चेन्नई, भोपाल, वाराणसी और वडोदरा में हवाईअड्डे शामिल हैं, साथ ही 40 रेलवे स्टेशन, 15 रेलवे स्टेडियम और अज्ञात संख्या में रेलवे कॉलोनियों की निजी निवेश लिए पहचान की गई है.