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इतिहास में पहली बार एक साथ 9 जजों का शपथग्रहण

सुप्रीम कोर्ट को आज 9 और जज मिल गए. मंगलवार को सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत 34 पदों में से 33 भर गए.

swearing in of new SC judges
swearing in of new SC judges
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Published : Aug 30, 2021, 9:57 PM IST

Updated : Aug 31, 2021, 11:46 AM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट को आज 9 और जज मिल गए. मंगलवार को सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत 34 पदों में से 33 भर गए. शपथ लेने वालों में तीन महिला जस्टिस हैं, जिनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना भी हैं जो वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी. बतौर चीफ जस्टिस उनका कार्यकाल 36 दिन का रहेगा.

परंपरागत रूप से नए न्यायाधीशों को पद की शपथ प्रधान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है. मंगलवार को नौ नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय में सीजेआई समेत कुल 34 न्यायाधीश हो सकते हैं.

शपथ ग्रहण का सीधा प्रसारण
शीर्ष अदालत के जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'यह भारत के उच्चतम न्यायालय के इतिहास में पहली बार है जब नौ न्यायाधीश एक बार में पद की शपथ लेंगे. इसके अलावा, समारोह स्थल को सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह कोविड-19 मानदंडों के कठोरता से पालन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया गया है.' विज्ञप्ति में कहा गया कि शपथ ग्रहण समारोह का डीडी न्यूज, डीडी इंडिया पर सीधा प्रसारण किया जाएगा और 'लाइव वेबकास्ट' उच्चतम न्यायालय के आधिकारिक वेब पोर्टल के होम पेज पर भी उपलब्ध होगा.

शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पद की शपथ लेने वाले नौ नए न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (Justice Abhay Shreeniwas Oka) (जो कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) (जो गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (Justice Jitendra Kumar Maheshwari) (जो सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) (जो तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश थीं) और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना (Justice B V Nagarathna) (जो कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थीं) शामिल हैं.

विज्ञप्ति के मुताबिक, उनके अलावा, न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार (Justice C T Ravikumar) (जो केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश (Justice M M Sundresh) (जो मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela Trivedi) (जो गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थीं) और पीएस नरसिम्हा (Additional Solicitor General P S Narasimha) (जो एक वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे) को भी प्रधान न्यायाधीश द्वारा पद की शपथ दिलाई जाएगी.

यह भी पढ़ें- 9 सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. न्यायमूर्ति नागरत्ना का 30 अक्टूबर 1962 को जन्म हुआ और वह पूर्व प्रधान न्यायाधीश ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं. इन नौ नए न्यायाधीशों में से तीन- न्यायमूर्ति नाथ और न्यायमूर्ति नागरत्ना और न्यायमूर्ति नरसिम्हा प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 3 महिला जजों समेत 9 नामों की सिफारिश की

न्यायमूर्ति नाथ फरवरी 2027 में शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत के सेवानिवृत्त होने पर देश के प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. वर्तमान में, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शीर्ष अदालत में एकमात्र सेवारत महिला न्यायाधीश हैं, जिन्हें सात अगस्त 2018 को मद्रास उच्च न्यायालय से पदोन्नत किया गया था, जहां वह मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थीं. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं वहीं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट को आज 9 और जज मिल गए. मंगलवार को सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत 34 पदों में से 33 भर गए. शपथ लेने वालों में तीन महिला जस्टिस हैं, जिनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना भी हैं जो वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी. बतौर चीफ जस्टिस उनका कार्यकाल 36 दिन का रहेगा.

परंपरागत रूप से नए न्यायाधीशों को पद की शपथ प्रधान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है. मंगलवार को नौ नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय में सीजेआई समेत कुल 34 न्यायाधीश हो सकते हैं.

शपथ ग्रहण का सीधा प्रसारण
शीर्ष अदालत के जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'यह भारत के उच्चतम न्यायालय के इतिहास में पहली बार है जब नौ न्यायाधीश एक बार में पद की शपथ लेंगे. इसके अलावा, समारोह स्थल को सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह कोविड-19 मानदंडों के कठोरता से पालन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया गया है.' विज्ञप्ति में कहा गया कि शपथ ग्रहण समारोह का डीडी न्यूज, डीडी इंडिया पर सीधा प्रसारण किया जाएगा और 'लाइव वेबकास्ट' उच्चतम न्यायालय के आधिकारिक वेब पोर्टल के होम पेज पर भी उपलब्ध होगा.

शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पद की शपथ लेने वाले नौ नए न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (Justice Abhay Shreeniwas Oka) (जो कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) (जो गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (Justice Jitendra Kumar Maheshwari) (जो सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) (जो तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश थीं) और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना (Justice B V Nagarathna) (जो कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थीं) शामिल हैं.

विज्ञप्ति के मुताबिक, उनके अलावा, न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार (Justice C T Ravikumar) (जो केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश (Justice M M Sundresh) (जो मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela Trivedi) (जो गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश थीं) और पीएस नरसिम्हा (Additional Solicitor General P S Narasimha) (जो एक वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे) को भी प्रधान न्यायाधीश द्वारा पद की शपथ दिलाई जाएगी.

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न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. न्यायमूर्ति नागरत्ना का 30 अक्टूबर 1962 को जन्म हुआ और वह पूर्व प्रधान न्यायाधीश ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं. इन नौ नए न्यायाधीशों में से तीन- न्यायमूर्ति नाथ और न्यायमूर्ति नागरत्ना और न्यायमूर्ति नरसिम्हा प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं.

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न्यायमूर्ति नाथ फरवरी 2027 में शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत के सेवानिवृत्त होने पर देश के प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. वर्तमान में, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शीर्ष अदालत में एकमात्र सेवारत महिला न्यायाधीश हैं, जिन्हें सात अगस्त 2018 को मद्रास उच्च न्यायालय से पदोन्नत किया गया था, जहां वह मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थीं. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं वहीं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 31, 2021, 11:46 AM IST
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