नई दिल्ली : रेल मंत्रालय (एमओआर) ने सात हाई स्पीड रेल के लिए सर्वेक्षण करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्णय लिया है. इसमें दिल्ली से वाराणसी, दिल्ली से अमृतसर, दिल्ली से अहमदाबाद, मुंबई से नागपुर, मुंबई से हैदराबाद, चेन्नई से मैसूर वाया बैंगलोर और वाराणसी से हावड़ा के रास्ते शामिल हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में इसकी जानकारी दी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सात हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) कॉरिडोर-दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर, वाराणसी-हावड़ा और दिल्ली-अमृतसर के लिए सर्वेक्षण करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है.
महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में हुई देरी
रेल मंत्री कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए अभी तक गुजरात में 954.28 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. हालांकि ये माना कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) के अमल में आने में फिलहाल थोड़ी देरी हुई है. खास तौर पर महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण में देरी और फिर ठेकों को आखिरी रूप देने सहित कई दूसरी वजहों से इसमें देर हुई है. कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के अमल में आने में देरी हुई.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान में, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल देश में एकमात्र स्वीकृत हाई स्पीड रेल परियोजना है जिसे जापान सरकार की तकनीकी और वित्तीय सहायता से क्रियान्वित किया जा रहा है. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना के लिए, रेलवे द्वारा वन्यजीव, तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) और वन मंजूरी से संबंधित सभी वैधानिक मंजूरी प्राप्त कर ली गई हैं. कुल भूमि आवश्यकता 1396 हेक्टेयर में से लगभग 1193 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि गुजरात में 954.28 हेक्टेयर में 941.13 हेक्टेयर यानी 98.62 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है जबकि दादर एवं नागर हवेली में 7.90 हेक्टेयर (100 प्रतिशत) भूमि का अधिग्रहण हो चुका है. महाराष्ट्र में 433.82 हेक्टेयर में से 247.01 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण हो सका है जो 56.39 प्रतिशत है.
किलोमीटर के हिसाब से जानिए
रेल मंत्री के अनुसार देश में बुलटे ट्रेनों के लिए 7 रूट तय हैं. इनमें मुंबई-अहमदाबाद के साथ ही दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर) और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर), मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किलोमीटर), मुंबई-पुणे-हैदराबाद , (711 किलोमीटर), चेन्नै-बेंगलुरु-मैसूर, (435 किलोमीटर) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किलोमीटर) शामिल होंगे.
गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से 508 किलोमीटर और 12 स्टेशनों की दूरी तय करेंगी. वहीं पीक आवर्स में 20 मिनट और नॉन-पीक आवर्स में 30 मिनट की फ्रीक्वेंसी के साथ हर रोज एक दिशा में 35 ट्रेनें होंगी. लिमिटेड स्टॉप (सूरत और वडोदरा में) के साथ, ट्रेन इस दूरी को 1 घंटे और 58 मिनट में तय करेगी. बाकी सभी स्टॉप के साथ 2 घंटे 57 मिनट लगेंगे. मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर साबरमती में होगा.
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