नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में भारी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई है. गौरतलब है कि आज सुबह ही शाहीन बाग और जाफराबाद में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर धरना स्थल को खाली कराया गया था.
यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर लगातार करीब तीन महीनों से प्रदर्शन जारी है. कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन कर दिया गया है. दिल्ली में धारा 144 लागू है.
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए यहां विरोध कर रहे कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया.
राजधानी दिल्ली में पिछले 100 दिनों से ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई की हैंं. प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शाहीन बाग में लगे टेंट को हटा दिया, साथ ही सभी प्रदर्शनकारियों को भी हटने के लिए कहा गया है. इसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है.
गौरतलब है, संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा है.
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बता दें कि कोरोना वायरस के चलते दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में लॉकडाउन किया गया है और सभी को घर में रहने की सलाह दी गई है. लेकिन इन सब के बावजूद शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे. इन पर कार्रवाई करते हुए सभी को हटने का अनुरोध किया गया. शाहीन बाग में बड़ी तादाद में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
गौरतलब है कि 16 मार्च, 2020 (सोमवार) को दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'यह शाहीन बाग पर भी लागू होता है.'
प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि किसी भी समय 50 से अधिक महिलाएं विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं.
प्रदर्शनकारियों को कहना है कि यहां पर्याप्त संख्या में सैनिटाइटर और मास्क की व्यवस्था की गई है और प्रदर्शन स्थल को नियमित अंतराल पर संक्रमण-मुक्त किया जा रहा है.