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विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच राज्य सभा से कृषि सुधार विधेयक पारित - राज्यसभा में कृषि विधेयक

राज्य सभा की कार्यवाही
राज्य सभा की कार्यवाही
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Published : Sep 20, 2020, 9:05 AM IST

Updated : Sep 21, 2020, 1:18 PM IST

14:07 September 20

कृषि सुधार बिल पारित

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान हितैषी’ बताते हुए कहा कि किसानों की उपज की, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था के तहत खरीद हो रही है और यह आगे भी जारी रहेगी.

राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने कृषि संबंधी दो विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए आसन के समीप आकर भारी हंगामा किया. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर स्थगित करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेंगे.

इन विधेयकों पर कई विपक्षी दलों का तर्क है कि यह विधेयक एमएसपी प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को कमजोर कर देंगे और बड़ी कंपनियों द्वारा किसानों के शोषण की स्थिति को जन्म देंगे.

चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल जैसे दलों ने विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजने की मांग की.

सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी और इन विधेयकों के कारण इस व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.'

तोमर ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में एकांगी तरीके से विचार करने से किसानों का हित नहीं होगा और इसके लिये बहुत सारी पहल की गई हैं और आगे भी की जायेंगी.

बहरहाल, हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे.

विपक्षी सदस्यों ने यह भी मांग की कि विधेयकों पर मंत्री अपना जवाब कल दें.

कृषि मंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकृत करते हुए कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इससे पहले, तोमर ने कहा, 'पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में कई योजनाओं का सृजन हुआ है. उनका लाभ भी कृषि क्षेत्र को मिल रहा है.'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से लगातार किसान हितैषी कार्यों को आगे बढ़ाया. इस सिलसिले में किसानों की आमदनी दोगुना करने की दिशा में कई कार्य किये गए.

कृषि मंत्री ने कहा कि जहां तक न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवाल है, इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका नहीं रहनी चाहिए. यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की उपज की लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर एमएसपी देने की सिफारिश की थी. कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान इसे लागू नहीं किया. मोदी सरकार आने के बाद इस दिशा में निर्णय किया गया.

तोमर ने कहा कि धान, गेहूं, दलहन, सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों के लिये प्रति क्विंटल खरीद की दर में पिछले तीन-चार वर्षों में काफी वृद्धि की गई है.

उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ) की घोषणा की और इससे आने वाले दिनों में किसानों को काफी फायदा होगा.

उन्होंने सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये एक लाख करोड़ रूपये के पैकेज का भी जिक्र किया.

13:28 September 20

हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 

13:11 September 20

कृषि बिल पर हंगामा

कृषि बिल पर राज्यसभा में हंगामा. 

वेल में पहुंचे कई विपक्षी सांसद.

कुछ सांसदों ने चेयर तक जाने की कोशिश की.

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्राइन ने रुल बुक फाड़ी.

12:53 September 20

शिवसेना ने बिल पर उठाए सवाल

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर बिल में सबकुछ सही है और किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी, तो अकाली दल के मंत्री ने इस्तीफा क्यों दिया. क्या वे कान के कच्चे हैं. क्या वे अफवाह पर ही अपना कोई कदम उठा लेते हैं.

11:09 September 20

राज्य सभा की कार्यवाही LIVE

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11:09 September 20

किसानों को गुलाम बनाने की कोशिश : डीएमके सांसद

डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन

डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, देश के कुल जीडीपी में कम से कम 20% का योगदान करने वाले किसानों को इन विधेयकों द्वारा गुलाम बनाया जाएगा. यह किसानों को मार देगा और उन्हें एक वस्तु बना देगा.

11:09 September 20

किसानों के संघों से नहीं की चर्चा, विधेयक पारित करने पर जोर दे रही सरकार : सपा सांसद

किसानों के संघों से नहीं की है चर्चा

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ दल इन विधेयकों पर बहस या चर्चा नहीं चाहता है. वे केवल इन विधेयकों को पास कराना चाहते हैं. आपने किसी भी किसान संघ से चर्चा नहीं की है.

11:09 September 20

सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल : तृणमूल सांसद

तृणमूल सांसद ने कहा- सरकार की विश्वसनीयता कठघरे में

तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'पीएम ने कहा विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है. केंद्र ने कहा 2022 तक किसानों की दोगुनी आय होगी, लेकिन, वर्तमान दरों पर, किसान की आय 2028 से पहले दोगुनी नहीं होगी.' उन्होंने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'वादे करने के लिए आपकी विश्वसनीयता कम है'

10:19 September 20

कांग्रेस के कार्यकाल में क्यों घटी ग्रामीण आय : भूपेंद्र यादव

भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कृषि बिल पर रखी राय

कृषि बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद ने सवाल किया कि कांग्रेस के कार्यकाल में ग्रामीण आय क्यों घटी थी. उन्होंने पूछा कि विपक्ष आखिर इन विधेयकों का विरोध क्यों कर रहा है ?

09:55 September 20

कृषि विधेयकों को लेकर कांग्रेस सांसद की आपत्ति

कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा

कांग्रेस सांसद प्रताप बाजवा ने राज्य सभा में कहा कि किसान APMC और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों की आत्मा पर हमले की तरह हैं.

09:47 September 20

कृषि से जुड़े विधेयक राज्य सभा के पटल पर रखे गए

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पेश किए विधेयक

लोक सभा से पारित हो चुके कृषि विधेयकों को राज्य सभा के पटल पर रखा गया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयकों को सदन में पेश किया.

  • कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020
  • कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयकों के पेश करने के बाद राज्य सभा में कहा कि पेश किए गए दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसान देश में कहीं भी अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेंगे. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि यह विधेयक न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नहीं हैं. यह जारी रहेगा.

बता दें कि लोकसभा में चर्चा के बाद गुरुवार को उक्त दोनों विधेयक पारित किर दिए गए थे.

यह भी पढ़ें: किसानों से जुड़े विधेयक पर मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश, जानिए पक्ष-विपक्ष

09:01 September 20

राज्यसभा लाइव

टीएमसी सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने परीक्षा की तारीखें बदलने पर की टिप्पणी

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है. राज्य सभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. सदन में आज भी कई अहम विधायी कार्य किए जाने हैं. आज स्वास्थ्य मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय की ओर से कई अहम पत्र राज्य सभा के पटल पर रखे जाएंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयकों को भी राज्य सभा के पटल पर रखा जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा ने सदन में सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए ह्विप जारी किया है.

09:02 AM

रविवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. जनता दल-सेक्युलर (JD-S) सुप्रीमो देवेगौड़ा ने राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू की उपस्थिति में कन्नड़ भाषा में शपथ ली.

09:15 AM

सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा, 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) की परीक्षा तिथियों को बदला जाए.'

आगामी दुर्गा पूजा यानी के संदर्भ में त्रिवेदी ने कहा कि 21 अक्टूबर, 22 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को महापंचमी, महाषष्ठी, महासप्तमी का दिन होगा. उन्होंने कहा कि यह दिन न सिर्फ पश्चिम बंगाल के लिए बल्कि हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए इन तारीखों को प्रस्तावित कृपया टेस्ट को स्थगित किए जाएं.

कार्यवाही से पहले तीन जीरो आवर नोटिस

इससे पहले रविवार को राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसद विवेक ठाकुर ने 'सभी राज्यों में प्रस्तावित COVID-19 वैक्सीन के समान कार्यान्वयन पर स्पष्टता की आवश्यकता' को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल का नोटिस दिया है.

भारतीय जनता पार्टी की सांसद सरोज पांडे ने भी जीरो आवर नोटिस दिया. उन्होंने छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की मांग की है.

कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने राज्य सभा में जीरो आवर नोटिस देते हुए कोरोना महामारी के कारण आर्थिक नुकसान से निपटने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के तौर-तरीकों में संशोधन की मांग की है.

14:07 September 20

कृषि सुधार बिल पारित

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि संबंधी इन दो विधेयकों को आज मंजूरी दी गई. लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं.

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान हितैषी’ बताते हुए कहा कि किसानों की उपज की, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था के तहत खरीद हो रही है और यह आगे भी जारी रहेगी.

राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने कृषि संबंधी दो विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए आसन के समीप आकर भारी हंगामा किया. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर स्थगित करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेंगे.

इन विधेयकों पर कई विपक्षी दलों का तर्क है कि यह विधेयक एमएसपी प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को कमजोर कर देंगे और बड़ी कंपनियों द्वारा किसानों के शोषण की स्थिति को जन्म देंगे.

चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल जैसे दलों ने विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजने की मांग की.

सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी और इन विधेयकों के कारण इस व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.'

तोमर ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में एकांगी तरीके से विचार करने से किसानों का हित नहीं होगा और इसके लिये बहुत सारी पहल की गई हैं और आगे भी की जायेंगी.

बहरहाल, हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे.

विपक्षी सदस्यों ने यह भी मांग की कि विधेयकों पर मंत्री अपना जवाब कल दें.

कृषि मंत्री के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकृत करते हुए कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इससे पहले, तोमर ने कहा, 'पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में कई योजनाओं का सृजन हुआ है. उनका लाभ भी कृषि क्षेत्र को मिल रहा है.'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से लगातार किसान हितैषी कार्यों को आगे बढ़ाया. इस सिलसिले में किसानों की आमदनी दोगुना करने की दिशा में कई कार्य किये गए.

कृषि मंत्री ने कहा कि जहां तक न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवाल है, इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका नहीं रहनी चाहिए. यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की उपज की लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर एमएसपी देने की सिफारिश की थी. कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान इसे लागू नहीं किया. मोदी सरकार आने के बाद इस दिशा में निर्णय किया गया.

तोमर ने कहा कि धान, गेहूं, दलहन, सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों के लिये प्रति क्विंटल खरीद की दर में पिछले तीन-चार वर्षों में काफी वृद्धि की गई है.

उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादन संगठनों (एफपीओ) की घोषणा की और इससे आने वाले दिनों में किसानों को काफी फायदा होगा.

उन्होंने सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये एक लाख करोड़ रूपये के पैकेज का भी जिक्र किया.

13:28 September 20

हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 

13:11 September 20

कृषि बिल पर हंगामा

कृषि बिल पर राज्यसभा में हंगामा. 

वेल में पहुंचे कई विपक्षी सांसद.

कुछ सांसदों ने चेयर तक जाने की कोशिश की.

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्राइन ने रुल बुक फाड़ी.

12:53 September 20

शिवसेना ने बिल पर उठाए सवाल

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर बिल में सबकुछ सही है और किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी, तो अकाली दल के मंत्री ने इस्तीफा क्यों दिया. क्या वे कान के कच्चे हैं. क्या वे अफवाह पर ही अपना कोई कदम उठा लेते हैं.

11:09 September 20

राज्य सभा की कार्यवाही LIVE

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11:09 September 20

किसानों को गुलाम बनाने की कोशिश : डीएमके सांसद

डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन

डीएमके सांसद टीकेएस एलंगोवन ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, देश के कुल जीडीपी में कम से कम 20% का योगदान करने वाले किसानों को इन विधेयकों द्वारा गुलाम बनाया जाएगा. यह किसानों को मार देगा और उन्हें एक वस्तु बना देगा.

11:09 September 20

किसानों के संघों से नहीं की चर्चा, विधेयक पारित करने पर जोर दे रही सरकार : सपा सांसद

किसानों के संघों से नहीं की है चर्चा

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, 'ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ दल इन विधेयकों पर बहस या चर्चा नहीं चाहता है. वे केवल इन विधेयकों को पास कराना चाहते हैं. आपने किसी भी किसान संघ से चर्चा नहीं की है.

11:09 September 20

सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल : तृणमूल सांसद

तृणमूल सांसद ने कहा- सरकार की विश्वसनीयता कठघरे में

तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'पीएम ने कहा विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है. केंद्र ने कहा 2022 तक किसानों की दोगुनी आय होगी, लेकिन, वर्तमान दरों पर, किसान की आय 2028 से पहले दोगुनी नहीं होगी.' उन्होंने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'वादे करने के लिए आपकी विश्वसनीयता कम है'

10:19 September 20

कांग्रेस के कार्यकाल में क्यों घटी ग्रामीण आय : भूपेंद्र यादव

भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कृषि बिल पर रखी राय

कृषि बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद ने सवाल किया कि कांग्रेस के कार्यकाल में ग्रामीण आय क्यों घटी थी. उन्होंने पूछा कि विपक्ष आखिर इन विधेयकों का विरोध क्यों कर रहा है ?

09:55 September 20

कृषि विधेयकों को लेकर कांग्रेस सांसद की आपत्ति

कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा

कांग्रेस सांसद प्रताप बाजवा ने राज्य सभा में कहा कि किसान APMC और एमएसपी में बदलाव के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों की आत्मा पर हमले की तरह हैं.

09:47 September 20

कृषि से जुड़े विधेयक राज्य सभा के पटल पर रखे गए

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पेश किए विधेयक

लोक सभा से पारित हो चुके कृषि विधेयकों को राज्य सभा के पटल पर रखा गया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयकों को सदन में पेश किया.

  • कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020
  • कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयकों के पेश करने के बाद राज्य सभा में कहा कि पेश किए गए दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसान देश में कहीं भी अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेंगे. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि यह विधेयक न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नहीं हैं. यह जारी रहेगा.

बता दें कि लोकसभा में चर्चा के बाद गुरुवार को उक्त दोनों विधेयक पारित किर दिए गए थे.

यह भी पढ़ें: किसानों से जुड़े विधेयक पर मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश, जानिए पक्ष-विपक्ष

09:01 September 20

राज्यसभा लाइव

टीएमसी सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने परीक्षा की तारीखें बदलने पर की टिप्पणी

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है. राज्य सभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. सदन में आज भी कई अहम विधायी कार्य किए जाने हैं. आज स्वास्थ्य मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय की ओर से कई अहम पत्र राज्य सभा के पटल पर रखे जाएंगे. इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयकों को भी राज्य सभा के पटल पर रखा जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा ने सदन में सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए ह्विप जारी किया है.

09:02 AM

रविवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. जनता दल-सेक्युलर (JD-S) सुप्रीमो देवेगौड़ा ने राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू की उपस्थिति में कन्नड़ भाषा में शपथ ली.

09:15 AM

सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा, 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) की परीक्षा तिथियों को बदला जाए.'

आगामी दुर्गा पूजा यानी के संदर्भ में त्रिवेदी ने कहा कि 21 अक्टूबर, 22 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को महापंचमी, महाषष्ठी, महासप्तमी का दिन होगा. उन्होंने कहा कि यह दिन न सिर्फ पश्चिम बंगाल के लिए बल्कि हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए इन तारीखों को प्रस्तावित कृपया टेस्ट को स्थगित किए जाएं.

कार्यवाही से पहले तीन जीरो आवर नोटिस

इससे पहले रविवार को राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसद विवेक ठाकुर ने 'सभी राज्यों में प्रस्तावित COVID-19 वैक्सीन के समान कार्यान्वयन पर स्पष्टता की आवश्यकता' को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल का नोटिस दिया है.

भारतीय जनता पार्टी की सांसद सरोज पांडे ने भी जीरो आवर नोटिस दिया. उन्होंने छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की मांग की है.

कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने राज्य सभा में जीरो आवर नोटिस देते हुए कोरोना महामारी के कारण आर्थिक नुकसान से निपटने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के तौर-तरीकों में संशोधन की मांग की है.

Last Updated : Sep 21, 2020, 1:18 PM IST
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