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हम विफलताओं में भी पा सकते हैं सफलता की शिक्षा : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम से छात्रों ,शिक्षकों, अभिभावकों को संबोधित किया. इस 'परीक्षा पे चर्चा 2020' कार्यक्रम में कुल 2,000 छात्रों एवं अध्यापकों ने भाग लिया. जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया था. इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें.  पढ़ें खबर विस्तार से....

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Jan 20, 2020, 7:36 AM IST

Updated : Feb 17, 2020, 5:50 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां तालकटोरा इनडोर स्टेडियम से छात्रों,शिक्षकों, अभिभावकों को संबोधित किया. 'परीक्षा पे चर्चा 2020' कार्यक्रम में मोदी ने संदेश देते हुए कहा, 'हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं.'

पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दशक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस दशक में देश जो भी कुछ करेगा, उसमें सबसे ज्यादा योगदान इस समय के 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों का रहेगा. नए सपने, नए अरमान के साथ बच्चे आगे बढ़ें. मोदी ने इस दौरान बच्चों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

मोदी का संबोधन

परीक्षा पे बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'युवा मन क्या चाहता है, वह मैं भलीभांति समझ सकता हूं. जब मैं युवाओं से बात करता हूं तो मुझे भी काफी कुछ सीखने को मिलता है.'

मोदी तालकटोरा स्टेडियम में

प्रधानमंत्री ने छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' शुरू करते हुए कहा कि छात्रों के साथ वह बिना किसी 'फिल्टर' के बातचीत करेंगे.

उन्होंने छात्रों से कहा कि वे उनके साथ खुल कर चर्चा करें. उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचलित ‘हैशटेग’ का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों और उनके बीच होने वाली चर्चा ‘हेशटेग विदाउट फिल्टर’ होगी.

प्रधानमंत्री ने परीक्षा के कारण मन व्यथित होने से जुड़े एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा, 'छात्रों को विफलता से नहीं डरना चाहिए और नाकामी को जीवन का हिस्सा मानना चाहिए.'

उन्होंने चंद्रयान मिशन की घटना का जिक्र करते हुए छात्रों को बताया कि उनके कुछ सहयोगियों ने चंद्रयान मिशन की लैंडिंग के मौके पर नहीं जाने की सलाह दी थी, क्योंकि इस अभियान की सफलता की कोई गारंटी नहीं थी.

मोदी ने कहा कि इसके बावजूद वह इसरो के मुख्यालय गए और वैज्ञानिकों के बीच में रह कर उनका भरपूर उत्साहवर्धन किया.

पढ़ें : निहित स्वार्थ वाले लोग देश को गुमराहकर अशांति फैलाना चाहते हैं : प्रधानमंत्री

दरअसल इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें. ‘परीक्षा पे चर्चा’ के तीसरे सत्र में कुल 2,000 छात्रों एवं अध्यापकों ने भागीदारी की, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया था.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां तालकटोरा इनडोर स्टेडियम से छात्रों,शिक्षकों, अभिभावकों को संबोधित किया. 'परीक्षा पे चर्चा 2020' कार्यक्रम में मोदी ने संदेश देते हुए कहा, 'हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं.'

पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दशक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस दशक में देश जो भी कुछ करेगा, उसमें सबसे ज्यादा योगदान इस समय के 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों का रहेगा. नए सपने, नए अरमान के साथ बच्चे आगे बढ़ें. मोदी ने इस दौरान बच्चों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

मोदी का संबोधन

परीक्षा पे बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'युवा मन क्या चाहता है, वह मैं भलीभांति समझ सकता हूं. जब मैं युवाओं से बात करता हूं तो मुझे भी काफी कुछ सीखने को मिलता है.'

मोदी तालकटोरा स्टेडियम में

प्रधानमंत्री ने छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' शुरू करते हुए कहा कि छात्रों के साथ वह बिना किसी 'फिल्टर' के बातचीत करेंगे.

उन्होंने छात्रों से कहा कि वे उनके साथ खुल कर चर्चा करें. उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचलित ‘हैशटेग’ का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों और उनके बीच होने वाली चर्चा ‘हेशटेग विदाउट फिल्टर’ होगी.

प्रधानमंत्री ने परीक्षा के कारण मन व्यथित होने से जुड़े एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा, 'छात्रों को विफलता से नहीं डरना चाहिए और नाकामी को जीवन का हिस्सा मानना चाहिए.'

उन्होंने चंद्रयान मिशन की घटना का जिक्र करते हुए छात्रों को बताया कि उनके कुछ सहयोगियों ने चंद्रयान मिशन की लैंडिंग के मौके पर नहीं जाने की सलाह दी थी, क्योंकि इस अभियान की सफलता की कोई गारंटी नहीं थी.

मोदी ने कहा कि इसके बावजूद वह इसरो के मुख्यालय गए और वैज्ञानिकों के बीच में रह कर उनका भरपूर उत्साहवर्धन किया.

पढ़ें : निहित स्वार्थ वाले लोग देश को गुमराहकर अशांति फैलाना चाहते हैं : प्रधानमंत्री

दरअसल इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें. ‘परीक्षा पे चर्चा’ के तीसरे सत्र में कुल 2,000 छात्रों एवं अध्यापकों ने भागीदारी की, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया था.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:26 HRS IST




             
  • परीक्षा पे चर्चा 2020: प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को छात्रों से करेंगे बातचीत



नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से बातचीत करेंगे और उनके साथ ‘‘मूल्यवान सुझाव’’ साझा करेंगे।



इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें।



दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले ‘परीक्षा पे चर्चा’ के तीसरे सत्र में मोदी छात्रों और शिक्षकों से परीक्षा के तनाव को दूर करने पर संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में कुल 2,000 छात्र एवं अध्यापक भाग लेंगे, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया है।



प्रधानमंत्री ने कई ट्वीट में कहा, ‘‘एक बार फिर से हम परीक्षाओं से जुड़े विषयों, खातसौर पर परीक्षा के दौरान कैसे हम खुश रहे और तनावमुक्त रहे पर गहन चर्चा और जानकारी से परिपूर्ण बातचीत करेंगे। मैं आप सभी को ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।



उन्होंने कहा, ‘‘ परीक्षा पे चर्चा 2020 से पहले लाखों छात्रों, अभिभावकों और बच्चों ने अपने विचार और सलाह दिए है जो बहुत ही मूल्यवान हैं और यह परीक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे परीक्षा की तैयारी, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के बाद के वक्त के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’



मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ डिस्कशन ऑन इग्जाम, इग्जामवरियर्स और परीक्षा पे चर्चा उस प्रयास का हिस्सा है जिसमें हम छात्रों को समर्थन देते हैं और उन्हें यह आश्वस्त करते हैं हम सभी उस समय उनके साथ हैं जब वे परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं। आपसे कल परीक्षा पे चर्चा 2020 पर मुलाकात होगी।’’



अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम पूर्वाह्न करीब 11 बजे आरंभ होगा और ‘यूट्यूब’ पर भी इसका प्रसारण किया जाएगा।



मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन छात्रों का चयन किया है जो पांच विषयों पर उनके द्वारा प्रस्तुत निबंधों के आधार पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछेंगे।



एचआरडी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। वे इस अनूठे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री से मूल्यवान सुझाव मिलने को लेकर भी उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्र तनावमुक्त होकर परीक्षाएं दें ताकि दीर्घकाल में बेहतर परिणाम सुनिश्चित हो सकें।’‘’



एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल करीब 1.4 लाख छात्रों की प्रविष्टियां देशभर से मिली थीं। इस बार यह संख्या बढ़कर लगभग 2.6 लाख हो गयी है।



मोदी ने 2018 में आयोजित ऐसे सत्र में छात्रों के 10 प्रश्नों के उत्तर दिये थे और पिछले साल 16 सवाल लिये थे।



पहले इस साल यह सत्र 16 जनवरी को होना था लेकिन देशभर में विभिन्न त्योहारों की वजह से इसे टाल दिया गया।




 


Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 5:50 PM IST
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