चंदीगढ़ : हरियाणा के झज्जर में कबलाना गांव के वीर सपूत गौरव दत्त शर्मा ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. वह इंडियन नेवी में बीते आठ वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे. गौरव भारतीय नेवी में जेसीओ के पद पर कार्यरत थे.
परिजनों के मुताबिक गौरव की सोमालिया जाने वाले पोत पर ड्यूटी थी और जहाज में प्रेशर किट फटने से उनकी मौत हो गई. गौरव के शहीद होने की सूचना पर परिवार सहित पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया.
गौरव क्रिकेट, वालीबाल के बेहतरीन खिलाड़ी थे, जिसके चलते कई बार इंडियन नेवी द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया गया था. गत फरवरी में ही गौरव की शादी हुई थी. परिजनों का रो-रो कर जहां बुरा हाल है वहीं पूरे गांव में गमगीन माहौल बना हुआ है.
परिजनों और ग्रामीणों को अपने बेटे की शहादत पर गर्व भी था और आंखें भी नम थीं. सोमवार को गौरव का पार्थिव शरीर गांव में लाया गया.
सैकड़ों की संख्या में मोटरसाइकिल पर सवार युवाओं का काफिला अपने वीर भाई के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचा और भारत माता के नारों से गांव कबलाना का स्टेडियम गूंज उठा. बाद में राजकीय सम्मान के साथ शहीद गौरव का अंतिम संस्कार किया गया.
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गांव में स्टेडियम का नाम शहीद के नाम पर रखने की मांग
शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान नेवी से तमाम अधिकारी, स्थानीय विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, गुरुग्राम डिप्टी मेयर गजे सिंह कबलाना के अलावा तमाम राजनीतिक दलों के नेता व सामाजिक लोगों ने पंहुचकर श्रद्धांजलि दी. इंडियन नेवी और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने भी फायर करके श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस दौरान गांव के लोगों ने सरकार से शहीद गौरव के नाम पर स्टेडियम का नाम रखने के साथ-साथ उन्हें शौर्य चक्र देने की भी मांग की. वहीं कांग्रेस विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा, 'हमारे भाई गौरव शर्मा ने अपनी शहादत देकर न केवल कबलाना गांव बल्कि प्रदेश का नाम रोशन किया है. इन्हीं की शहादत की बदोलत आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं.' भुक्कल ने भी सरकार से गौरव के परिवार को हर संभव सहायता करने की मांग की.