नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़ा विधेयक जब राज्य सभा में पारित हो रहा था, तब हंगामा करने वाले सांसद अर्बन नक्सल जैसे ही थे. नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली न तो नियम का पालन करते हैं, न संविधान को मानते हैं. गिरिराज ने कहा कि बिल्कुल वैसा ही राज्य सभा में हुआ. विपक्षी सांसद सिर्फ हंगामा करते रहे, विपक्षी दलों के सांसदों ने उपसभापति की मर्यादा पर हमला किया है.
गिरिराज ने कहा कि उस वक्त राज्य सभा में मार्शल नहीं होते, तो उपसभापति हरिवंश के साथ कुछ भी हो सकता था. उन पर साजिश के तहत हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने संविधान की हत्या की है. रुल बुक संविधान का अंग है. विपक्षी सांसदों ने रुल बुक को फाड़ा. इसका मतलब इन लोगों ने संविधान को फाड़ा. इन लोगों ने लोकतंत्र की हत्या की. यह संसद में गांधी जी की प्रतिमा के पास बैठे हैं उन्हीं की प्रतिमा को अपमानित कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हरिवंश सिर्फ बिहार के बेटे नहीं हैं, बल्कि जय प्रकाश नारायण के अनुयायी हैं. उन्होंने पूर्व पीएम चंद्रशेखर के साथ काम किया, पत्रकार रहे. जब राज्यसभा में आए उपसभापति बने, तब से संवैधानिक व्यवस्था व मर्यादा के प्रतीक बने हुए हैं. विपक्षी सांसदों ने माफी नहीं मांगी, तो बिहार इसका बदला लेगा. बिहार चुनाव में इस मुद्दे को उठाएंगे.
बता दें कि राज्य सभा में कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक पारित हो रहे थे, तो विपक्ष के सांसद लगातार हंगामा कर रहे थे. उपसभापति हरिवंश के पास जाकर नारेबाजी की. रुल बुक को फाड़ दिया. आरोप है कि हरिवंश को अपशब्द कहा गया. विपक्ष के आठ सांसदों को निलंबित भी किया गया था, जिसके बाद से वह संसद में प्रदर्शन कर रहे थे. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि किसान बिल से किसानों को लाभ नहीं होगा. पूंजीपतियों को फायदा होगा.