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लॉकडाउन में बढ़ी अफीम-गांजे की तस्करी, झारखंड-ओडिशा बने डिलीवरी हब

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Published : Jul 8, 2020, 4:10 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 4:59 PM IST

लॉकडाउन के दौरान दूसरे देशों से आने वाले नशीले पदार्थों की सप्लाई बंद हो गई थी लेकिन नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने खुलासा किया है कि दिल्ली-एनसीआर में गांजे-अफीम की तस्करी अचानक बढ़ गई है. इसके लिए तस्कर आवश्यक सामान जैसे राशन, फल, सब्जी आदि को पहुंचाने के लिए कर्फ्यू पास जारी किए गए ट्रकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट...

drugs bust in delhi ncr
नशीले पदार्थों की सप्लाई

नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में अचानक गांजे-अफीम की मांग बढ़ने लगी. इसकी वजह को लेकर नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बड़ा खुलासा किया है. उनकी जांच में पता चला है कि लॉकडाउन के चलते देश में कोकीन एवं हेरोइन की सप्लाई लगभग बंद हो गई थी. इसकी वजह से नशा करने वालों के बीच गांजे और अफीम की मांग बढ़ी और इसकी तस्करी ज्यादा देखने को मिली. लॉकडाउन के दौरान एनसीबी ने 400 किलो अफीम एवं दो हजार किलो गांजा तस्करों से बरामद किया है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

एयर रुट से लाई गई कोकीन-हेरोइन
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि भारत में कोकीन और हेरोइन की तस्करी के लिए सबसे ज्यादा हवाई रूट का इस्तेमाल किया जाता है. लॉकडाउन के दैरान हवाई रूट बंद होने की वजह से यह दोनों ही ड्रग्स भारत में नहीं आ रहे थे. इस दौरान अगर कहीं पर इनकी सप्लाई हुई भी तो वह पुराना स्टॉक रहा होगा. एनसीबी का मानना है कि नशा करने वालों को जब कोकीन-हेरोइन नहीं मिली तो वह गांजे और अफीम का नशा करने लगे. इसके चलते इनकी डिमांड तेजी से बढ़ी.

कर्फ्यू पास की आड़ में तस्करी
जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सामान जैसे राशन, फल, सब्जी आदि को पहुंचाने के लिए ट्रक को कर्फ्यू पास जारी किए गए थे. तस्करों ने इसका इस्तेमाल गांजे-अफीम की तस्करी के लिए किया. वह फल-सब्जी के बीच में गांजे और अफीम की बोरियां छिपाकर लाने लगे. एक जगह तो ट्रक के टायर से अफीम को एनसीबी ने बरामद किया. अहमदाबाद, राजस्थान एवं लखनऊ यूनिट ने कई ऐसी गाड़ियों से अफीम-गांजा बरामद किया जिसमें कर्फ्यू पास के जरिये आवश्यक सामान ले जाया जा रहा था. एक मामले में तो मजदूर को छोड़ने के बहाने कर्फ्यू पास लेकर झारखंड से अफीम पंजाब ले जाने वाले गैंग को लॉकडाउन में पकड़ा गया.

झारखंड से हुई सबसे ज्यादा तस्करी
एनसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा अफीम झारखंड से लाया गया है. उनका मानना है कि लॉकडाउन के समय में झारखंड के तस्कर अफीम की बड़ी सप्लाई करने लगे हैं. एनसीबी को पता चला है कि झारखंड के कुछ इलाकों में अफीम का उत्पादन काफी तेजी से किया जा रहा है.

अधिकांश मामलों में नशे की इस खेप को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब के लिए ले जाया जा रहा था. इसके अलावा झारखंड से गांजे की भी खेप भेजी जा रही थी जो पहले इतनी मात्रा में सप्लाई नहीं होती थी. एनसीबी को पता चला है कि यहां पर अवैध रूप से अफीम की खेती होती है.

ओडिशा-आंध्रप्रदेश में गांजे के सबसे बड़े सप्लायर
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में गांजे की सबसे ज्यादा सप्लाई आंध्रप्रदेश-ओडिशा बॉर्डर से आती है. यहां पर काफी सस्ती कीमत में तस्करों को गांजा मिलता है जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के तस्कर भी वहां से गांजा लेकर आते हैं.

क्राइम ब्रांच ने कई बार ऐसे तस्करों के ट्रक पकड़े हैं, लेकिन इसके बावजूद इनका काम बदस्तूर चलता रहता है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान भी यहां से काफी मात्रा में गांजा भेजा गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते इन जगहों पर पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी के लिए छापा मारना बेहद मुश्किल होता है.

तीन से पांच फीसदी नशीले पदार्थ हो पाते हैं जब्त
देशभर में नशे का कारोबार जिस तरीके से बढ़ रहा है, उससे तमाम एजेंसियों की भी चिंता बढ़ रही है. सबसे हैरानी की बात यह है कि तस्करों द्वारा लाई जा रही ड्रग्स की खेप का महज तीन से पांच फीसदी ही एजेंसियां पकड़ पाती हैं. वहीं 95 से 97 फीसदी ड्रग्स बाजार में तस्कर खपाने में कामयाब रहते हैं.

नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में अचानक गांजे-अफीम की मांग बढ़ने लगी. इसकी वजह को लेकर नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बड़ा खुलासा किया है. उनकी जांच में पता चला है कि लॉकडाउन के चलते देश में कोकीन एवं हेरोइन की सप्लाई लगभग बंद हो गई थी. इसकी वजह से नशा करने वालों के बीच गांजे और अफीम की मांग बढ़ी और इसकी तस्करी ज्यादा देखने को मिली. लॉकडाउन के दौरान एनसीबी ने 400 किलो अफीम एवं दो हजार किलो गांजा तस्करों से बरामद किया है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

एयर रुट से लाई गई कोकीन-हेरोइन
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि भारत में कोकीन और हेरोइन की तस्करी के लिए सबसे ज्यादा हवाई रूट का इस्तेमाल किया जाता है. लॉकडाउन के दैरान हवाई रूट बंद होने की वजह से यह दोनों ही ड्रग्स भारत में नहीं आ रहे थे. इस दौरान अगर कहीं पर इनकी सप्लाई हुई भी तो वह पुराना स्टॉक रहा होगा. एनसीबी का मानना है कि नशा करने वालों को जब कोकीन-हेरोइन नहीं मिली तो वह गांजे और अफीम का नशा करने लगे. इसके चलते इनकी डिमांड तेजी से बढ़ी.

कर्फ्यू पास की आड़ में तस्करी
जोनल डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सामान जैसे राशन, फल, सब्जी आदि को पहुंचाने के लिए ट्रक को कर्फ्यू पास जारी किए गए थे. तस्करों ने इसका इस्तेमाल गांजे-अफीम की तस्करी के लिए किया. वह फल-सब्जी के बीच में गांजे और अफीम की बोरियां छिपाकर लाने लगे. एक जगह तो ट्रक के टायर से अफीम को एनसीबी ने बरामद किया. अहमदाबाद, राजस्थान एवं लखनऊ यूनिट ने कई ऐसी गाड़ियों से अफीम-गांजा बरामद किया जिसमें कर्फ्यू पास के जरिये आवश्यक सामान ले जाया जा रहा था. एक मामले में तो मजदूर को छोड़ने के बहाने कर्फ्यू पास लेकर झारखंड से अफीम पंजाब ले जाने वाले गैंग को लॉकडाउन में पकड़ा गया.

झारखंड से हुई सबसे ज्यादा तस्करी
एनसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा अफीम झारखंड से लाया गया है. उनका मानना है कि लॉकडाउन के समय में झारखंड के तस्कर अफीम की बड़ी सप्लाई करने लगे हैं. एनसीबी को पता चला है कि झारखंड के कुछ इलाकों में अफीम का उत्पादन काफी तेजी से किया जा रहा है.

अधिकांश मामलों में नशे की इस खेप को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब के लिए ले जाया जा रहा था. इसके अलावा झारखंड से गांजे की भी खेप भेजी जा रही थी जो पहले इतनी मात्रा में सप्लाई नहीं होती थी. एनसीबी को पता चला है कि यहां पर अवैध रूप से अफीम की खेती होती है.

ओडिशा-आंध्रप्रदेश में गांजे के सबसे बड़े सप्लायर
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में गांजे की सबसे ज्यादा सप्लाई आंध्रप्रदेश-ओडिशा बॉर्डर से आती है. यहां पर काफी सस्ती कीमत में तस्करों को गांजा मिलता है जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के तस्कर भी वहां से गांजा लेकर आते हैं.

क्राइम ब्रांच ने कई बार ऐसे तस्करों के ट्रक पकड़े हैं, लेकिन इसके बावजूद इनका काम बदस्तूर चलता रहता है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान भी यहां से काफी मात्रा में गांजा भेजा गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते इन जगहों पर पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी के लिए छापा मारना बेहद मुश्किल होता है.

तीन से पांच फीसदी नशीले पदार्थ हो पाते हैं जब्त
देशभर में नशे का कारोबार जिस तरीके से बढ़ रहा है, उससे तमाम एजेंसियों की भी चिंता बढ़ रही है. सबसे हैरानी की बात यह है कि तस्करों द्वारा लाई जा रही ड्रग्स की खेप का महज तीन से पांच फीसदी ही एजेंसियां पकड़ पाती हैं. वहीं 95 से 97 फीसदी ड्रग्स बाजार में तस्कर खपाने में कामयाब रहते हैं.

Last Updated : Jul 8, 2020, 4:59 PM IST
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