नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत चार वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का भी पुनर्गठन किया. नई सीडब्ल्यूसी में 22 सदस्य बनाए गए हैं. इनमें 26 इनवाइटी सदस्य और 10 स्पेशल इनवाइटी सदस्य बनाए गए.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है.
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटाने के साथ ही सीडब्ल्यूसी में स्थान दिया गया है.
पार्टी ने पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है. यह समिति पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी.
इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं.
सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी के नए महासचिव नियुक्त किया गया है.
हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी महासचिव, मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव, राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश प्रभारी, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार का प्रभारी और विवेक बंसल को हरियाणा प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक की जिम्मेदारी सौंप गई हैं.