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कर्नाटक : रंग लाई मेहनत, अगरबत्ती विक्रेता बना सब-इंस्पेक्टर - Police Sub Inspector in karnataka

कर्नाटक में अगरबत्ती बेचने वाले सागर की मेहनत रंग लाई है, उनका चयन पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर पद के लिए हुआ है. इससे उनका परिवार काफी खुश है. पढ़ें पूरी खबर...

Agarabatti
अगरबत्ती
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Published : Sep 15, 2020, 2:14 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के गदग जिले के मुंदरागी के रहने वाले सागर अटारीवाला युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है. सागर अगरबत्ती बेचते हैं और अब उनका चयन पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) के पद के लिए हुआ है.

उन्होंने पीएसआई की परीक्षा में 173वां स्थान हासिल किया है. सागर के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. उनकी इस उपलब्धि से सागर के माता-पिता बहुत खुश हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सागर ने बताया कि बहुत छोटी उम्र से उनका लक्ष्य पुलिस विभाग में जाने का था. वह एम.कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे.

सागर के लिए बिना नौकरी पैसा कमाना और पढ़ाई के लिए कोचिंग करना दोनों ही असंभव था. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए वह पुराने प्रश्न पत्र, पुराने नोट्स, ऑनलाइन स्टडी मटेरियल, समाचार पत्र जमा किया करते थे.

सागर के पिता ने बताया कि वह एक अगरबत्ती निर्माता और विक्रेता हैं. रोजी-रोटी कमाने के लिए शहर में अगरबत्ती बेचते हैं. सागर पढ़ाई में अच्छा है, लेकिन गरीबी के चलते उसे अच्छी शिक्षा नहीं मिल सकी, बावजूद इसके उसने पीएसआई परीक्षा पास कर ली है. हम इससे खुश हैं.

पढ़ें :- खबर का असर : मंत्री ने गरीब छात्रा को भेंट किया फोन

हालांकि, यूपीएससी परीक्षा के लिए सागर को सरकार द्वारा मुफ्त कोचिंग दी जा रही थी और पिछले चार महीने से वह बेंगलुरु में कोचिंग कर रहे थे, लेकिन पीएसआई परीक्षा के लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली थी. साल 2017 से वह पुलिस विभाग से संबंधित पदों के लिए परीक्षाएं दे रहे थे.

बेंगलुरु : कर्नाटक के गदग जिले के मुंदरागी के रहने वाले सागर अटारीवाला युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है. सागर अगरबत्ती बेचते हैं और अब उनका चयन पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) के पद के लिए हुआ है.

उन्होंने पीएसआई की परीक्षा में 173वां स्थान हासिल किया है. सागर के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. उनकी इस उपलब्धि से सागर के माता-पिता बहुत खुश हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सागर ने बताया कि बहुत छोटी उम्र से उनका लक्ष्य पुलिस विभाग में जाने का था. वह एम.कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे.

सागर के लिए बिना नौकरी पैसा कमाना और पढ़ाई के लिए कोचिंग करना दोनों ही असंभव था. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए वह पुराने प्रश्न पत्र, पुराने नोट्स, ऑनलाइन स्टडी मटेरियल, समाचार पत्र जमा किया करते थे.

सागर के पिता ने बताया कि वह एक अगरबत्ती निर्माता और विक्रेता हैं. रोजी-रोटी कमाने के लिए शहर में अगरबत्ती बेचते हैं. सागर पढ़ाई में अच्छा है, लेकिन गरीबी के चलते उसे अच्छी शिक्षा नहीं मिल सकी, बावजूद इसके उसने पीएसआई परीक्षा पास कर ली है. हम इससे खुश हैं.

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हालांकि, यूपीएससी परीक्षा के लिए सागर को सरकार द्वारा मुफ्त कोचिंग दी जा रही थी और पिछले चार महीने से वह बेंगलुरु में कोचिंग कर रहे थे, लेकिन पीएसआई परीक्षा के लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली थी. साल 2017 से वह पुलिस विभाग से संबंधित पदों के लिए परीक्षाएं दे रहे थे.

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