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झारखंड गठन के 20 साल, उपराष्ट्रपति-पीएम ने दी शुभकामनाएं, पढ़ें खास रिपोर्ट - झारखंड का बजट

बिहार से अलग होने के बाद तत्कालीन सूबे की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2001-02 के लिए 7,174.12 करोड़ रुपये के बजट का खाका तैयार किया. तब झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 10 हजार 451 रुपये हुआ करती थी. सरकार की ओर से आर्थिक, सामाजिक और कई क्षेत्रों में लगातार विकास किया गया. नतीजतन प्रति व्यक्ति आय में भी लगातार इजाफा होता गया. और सूबे में विकास का ग्राफ ऊपर और गरीबी का सूचकांक नीचे होता गया. पढ़ें झारखंड गठन के 20 साल पूरे होने पर विशेष रिपोर्ट

झारखंड के 20 साल
झारखंड के 20 साल
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Published : Nov 15, 2020, 9:52 AM IST

Updated : Nov 15, 2020, 11:58 AM IST

रांची: भारत की आजादी के बाद बदलते समय और प्रदेशों की मांग के आधार पर कई बार अलग-अलग राज्यों का गठन किया गया है. इन्हीं में से एक राज्य है झारखंड. आदिवासी बहुल इलाके के विकास को लेकर विशेष ध्यान देने की योजना के साथ झारखंड को आज से 20 साल पहले भारत का 28वां राज्य बनाया गया. झारखंड गठन के 20 साल पूरे होने के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि इस राज्य का देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है.

पीएम मोदी ने भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने झारखंड के लोगों के विकास, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना भी की.

  • झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर मैं यहां के सभी लोगों के सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस मौके पर पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा को भी याद किया. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि भगवान बिरसा गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया. उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे.

  • भगवान बिरसा मुंडा जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। वे गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। pic.twitter.com/9trzSfygep

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 के अंतिम दशक में आदिवासी किसान के गरीब परिवार में हुआ था. खूंटी के सुदूरवर्ती उलिहातू गांव में जन्मे बिरसा मुंडा ऐसे महानायक थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी में आदिवासियों को एकजुट कर उन्हें जागरूक किया. अंग्रेजों से लोहा लेने में सबका नेतृत्व किया.

झारखंड की स्थापना दिवस पर भगवान बिरसा को जानें

आज भी आदिवासियों के सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात बिरसा मुंडा को ही माना जाता है. बाद में साल 2000 में झारखंड की स्थापना धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर के दिन की गई.

15 नवंबर, 2000 को जब अलग राज्य के रूप में झारखंड अस्तित्व में आया, तो ऐसा लगा कि यहां के गरीब आदिवासियों के सपने अब जल्द पूरे हो जाएंगे. प्रकृति के खजाने के बीच बैठे वंचितों की तकदीर बदल जाएगी. बिरसा के सपनों के झारखंड ने आकार तो लिया लेकिन क्या वो साकार हुए. ये समझने के लिए चलिए कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं.

बिहार से अलग होने के बाद तत्कालीन सूबे की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2001-02 के लिए 7,174.12 करोड़ रुपये के बजट का खाका तैयार किया. तब झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 10 हजार 451 रुपये हुआ करती थी. सरकार की ओर से आर्थिक, सामाजिक और कई क्षेत्रों में लगातार विकास किया गया. नतीजतन प्रति व्यक्ति आय में भी लगातार इजाफा होता गया. और सूबे में विकास का ग्राफ ऊपर और गरीबी का सूचकांक नीचे होता गया.

झारखंड के 20 साल

लोगों के पलायन का सिलसिला

2000 में जब अलग झारखंड बना तो राज्य में कुल 18 जिले थे जो अब बढ़कर 24 हो चुके हैं. 2001 में झारखंड का बजट 4800.12 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 86 हजार 370 करोड़ रुपये हो गया है. इन सब के बावजूद राज्य में 39.1 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ने की दर 3 (3.1%) फीसदी से ज्यादा है. राज्य में उद्योग के कई अवसर होने के बावजूद नौकरी की तलाश में लोगों के पलायन का सिलसिला मुसलसल जारी है.

साक्षरता में सुधार

अलग राज्य बनने के बाद 2000 में झारखंड की जनसंख्या 2.69 करोड़ रुपये थी. अब 2011 की जनगणना के मुताबिक, सूबे की आबादी 3.30 करोड़ हो चुकी है. इस दौरान लिंग अनुपात में भी सुधार आया है. 2001 में प्रति 1000 हजार लड़कों पर 941 लड़कियां थीं, जो अब बढ़कर 948 तक पहुंची है. इसी तरह प्रतिव्यक्ति आय 10, 294 रुपए से बढ़कर 49,174 रुपए तक हो गई है. साक्षरता में भी सुधार दिखा और ये 53.56 फीसदी से बढ़कर 67.63 फीसदी हो गई.

विकार दर में इजाफा

राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 83,513 रुपये हो जाने का अनुमान किया है. साथ ही 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में विकास दर 10.51 प्रतिशत और राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 316730.61 करोड़ रुपये होने का अनुमान किया है.

बढ़ाया बजट का आकार

राज्य गठन के बाद से सरकार ने विकास योजनाओं को तेजी से अंजाम देने के लिए बजट का आकार भी बढ़ाया. इसके मुकाबले राजस्व की स्थिति अत्यधिक संतोषप्रद नहीं होने की वजह से सरकार ने विकास योजनाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों से अधिक कर्ज लेना शुरू किया. इससे राज्य पर कर्ज का बोझ लगाता बढ़ता गया.

विकास के ग्राफ पर आगे

अलग राज्य बनने के बाद झारखंड लगातार विकास के ग्राफ पर आगे बढ़ रहा है. सूबे के विकास के लिए अब बजट की प्रारूप बढ़ाया, तो दूसरी तरफ कर्ज का बोझ भी ₹7,519 करोड़ से बढ़कर ₹85,234 करोड़ हो गया.

पढ़ें : झारखंड के 20 साल: नक्सलवाद पर लगी लगाम, अपराधी बने चुनौती

सरकार के बजट से कम है कर्ज का आंकड़ा

कर्ज का यह बोझ सरकार के बजट से कुछ कम है. सरकार के साथ ही सूबे के हर व्यक्ति पर कर्ज का बोझ भी बढ़ता गया है. वित्तीय वर्ष 2001-02 में राज्य का हर आदमी 2,795 रुपये का कर्जदार था. अब राज्य का हर व्यक्ति 25,906 रुपये का कर्जदार हो गया है.

रांची: भारत की आजादी के बाद बदलते समय और प्रदेशों की मांग के आधार पर कई बार अलग-अलग राज्यों का गठन किया गया है. इन्हीं में से एक राज्य है झारखंड. आदिवासी बहुल इलाके के विकास को लेकर विशेष ध्यान देने की योजना के साथ झारखंड को आज से 20 साल पहले भारत का 28वां राज्य बनाया गया. झारखंड गठन के 20 साल पूरे होने के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि इस राज्य का देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है.

पीएम मोदी ने भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने झारखंड के लोगों के विकास, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना भी की.

  • झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर मैं यहां के सभी लोगों के सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस मौके पर पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा को भी याद किया. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि भगवान बिरसा गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया. उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे.

  • भगवान बिरसा मुंडा जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। वे गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। pic.twitter.com/9trzSfygep

    — Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 के अंतिम दशक में आदिवासी किसान के गरीब परिवार में हुआ था. खूंटी के सुदूरवर्ती उलिहातू गांव में जन्मे बिरसा मुंडा ऐसे महानायक थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी में आदिवासियों को एकजुट कर उन्हें जागरूक किया. अंग्रेजों से लोहा लेने में सबका नेतृत्व किया.

झारखंड की स्थापना दिवस पर भगवान बिरसा को जानें

आज भी आदिवासियों के सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात बिरसा मुंडा को ही माना जाता है. बाद में साल 2000 में झारखंड की स्थापना धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर के दिन की गई.

15 नवंबर, 2000 को जब अलग राज्य के रूप में झारखंड अस्तित्व में आया, तो ऐसा लगा कि यहां के गरीब आदिवासियों के सपने अब जल्द पूरे हो जाएंगे. प्रकृति के खजाने के बीच बैठे वंचितों की तकदीर बदल जाएगी. बिरसा के सपनों के झारखंड ने आकार तो लिया लेकिन क्या वो साकार हुए. ये समझने के लिए चलिए कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं.

बिहार से अलग होने के बाद तत्कालीन सूबे की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2001-02 के लिए 7,174.12 करोड़ रुपये के बजट का खाका तैयार किया. तब झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 10 हजार 451 रुपये हुआ करती थी. सरकार की ओर से आर्थिक, सामाजिक और कई क्षेत्रों में लगातार विकास किया गया. नतीजतन प्रति व्यक्ति आय में भी लगातार इजाफा होता गया. और सूबे में विकास का ग्राफ ऊपर और गरीबी का सूचकांक नीचे होता गया.

झारखंड के 20 साल

लोगों के पलायन का सिलसिला

2000 में जब अलग झारखंड बना तो राज्य में कुल 18 जिले थे जो अब बढ़कर 24 हो चुके हैं. 2001 में झारखंड का बजट 4800.12 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 86 हजार 370 करोड़ रुपये हो गया है. इन सब के बावजूद राज्य में 39.1 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ने की दर 3 (3.1%) फीसदी से ज्यादा है. राज्य में उद्योग के कई अवसर होने के बावजूद नौकरी की तलाश में लोगों के पलायन का सिलसिला मुसलसल जारी है.

साक्षरता में सुधार

अलग राज्य बनने के बाद 2000 में झारखंड की जनसंख्या 2.69 करोड़ रुपये थी. अब 2011 की जनगणना के मुताबिक, सूबे की आबादी 3.30 करोड़ हो चुकी है. इस दौरान लिंग अनुपात में भी सुधार आया है. 2001 में प्रति 1000 हजार लड़कों पर 941 लड़कियां थीं, जो अब बढ़कर 948 तक पहुंची है. इसी तरह प्रतिव्यक्ति आय 10, 294 रुपए से बढ़कर 49,174 रुपए तक हो गई है. साक्षरता में भी सुधार दिखा और ये 53.56 फीसदी से बढ़कर 67.63 फीसदी हो गई.

विकार दर में इजाफा

राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 83,513 रुपये हो जाने का अनुमान किया है. साथ ही 2018-19 के मुकाबले 2019-20 में विकास दर 10.51 प्रतिशत और राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 316730.61 करोड़ रुपये होने का अनुमान किया है.

बढ़ाया बजट का आकार

राज्य गठन के बाद से सरकार ने विकास योजनाओं को तेजी से अंजाम देने के लिए बजट का आकार भी बढ़ाया. इसके मुकाबले राजस्व की स्थिति अत्यधिक संतोषप्रद नहीं होने की वजह से सरकार ने विकास योजनाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों से अधिक कर्ज लेना शुरू किया. इससे राज्य पर कर्ज का बोझ लगाता बढ़ता गया.

विकास के ग्राफ पर आगे

अलग राज्य बनने के बाद झारखंड लगातार विकास के ग्राफ पर आगे बढ़ रहा है. सूबे के विकास के लिए अब बजट की प्रारूप बढ़ाया, तो दूसरी तरफ कर्ज का बोझ भी ₹7,519 करोड़ से बढ़कर ₹85,234 करोड़ हो गया.

पढ़ें : झारखंड के 20 साल: नक्सलवाद पर लगी लगाम, अपराधी बने चुनौती

सरकार के बजट से कम है कर्ज का आंकड़ा

कर्ज का यह बोझ सरकार के बजट से कुछ कम है. सरकार के साथ ही सूबे के हर व्यक्ति पर कर्ज का बोझ भी बढ़ता गया है. वित्तीय वर्ष 2001-02 में राज्य का हर आदमी 2,795 रुपये का कर्जदार था. अब राज्य का हर व्यक्ति 25,906 रुपये का कर्जदार हो गया है.

Last Updated : Nov 15, 2020, 11:58 AM IST
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