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Barkagaon firing case : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, पूर्व विधायक निर्मला देवी दोषी करार - कफन सत्याग्रह

रांची की एक अदालत ने झारखंड के बहुचर्चित बड़कागांव गोलीकांड में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया है. निर्मला देवी, पूर्व मंत्री साव की पत्नी हैं.

Barkagaon firing case
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Published : Mar 22, 2022, 3:27 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 3:52 PM IST

रांची: झारखंड के बहुचर्चित बड़कागांव गोलीकांड मामले में रांची की एक अदालत ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया है. इनकी सजा पर 24 मार्च को अदालत फैसला सुनाएगी. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

बड़कागांव गोलीकांड मामले में जहां पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी दोषी करार को दोषी करार दिया गया है. वहीं, उनके पुत्र अंकित राज साक्षी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. इस मामले में योगेंद्र साव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित हुए थे, जबकि निर्मला देवी और अंकित राज कोर्ट में मौजूद थे.

क्या है मामला
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर साल 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ कफन सत्याग्रह किया था. उस दौरान प्रशासन से आंदोलनकारियों की झड़प हुई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में प्रशासन ने दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए थे. जिसमें से 11 मामलों में योगेंद्र साव बरी हो चुके हैं.

2015 में कफन सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनों को रोक दिया था, जिसके बाद बड़कागांव इलाके की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इसी बीच गांव वाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया और बाद में फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कई ग्रामीणों की मौत हुई थी.

रांची: झारखंड के बहुचर्चित बड़कागांव गोलीकांड मामले में रांची की एक अदालत ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया है. इनकी सजा पर 24 मार्च को अदालत फैसला सुनाएगी. अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

बड़कागांव गोलीकांड मामले में जहां पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी दोषी करार को दोषी करार दिया गया है. वहीं, उनके पुत्र अंकित राज साक्षी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. इस मामले में योगेंद्र साव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित हुए थे, जबकि निर्मला देवी और अंकित राज कोर्ट में मौजूद थे.

क्या है मामला
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर साल 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ कफन सत्याग्रह किया था. उस दौरान प्रशासन से आंदोलनकारियों की झड़प हुई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में प्रशासन ने दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए थे. जिसमें से 11 मामलों में योगेंद्र साव बरी हो चुके हैं.

2015 में कफन सत्याग्रह कर रहे आंदोलनकारियों ने खनन कार्य में लगी मशीनों को रोक दिया था, जिसके बाद बड़कागांव इलाके की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इसी बीच गांव वाले निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए. पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया और बाद में फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कई ग्रामीणों की मौत हुई थी.

Last Updated : Mar 22, 2022, 3:52 PM IST
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