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अच्छी पहल : जमीन को शराबियों-जुआरियों से मुक्त कराकर खोला स्कूल

कोलकाता के अमीन अंसारी ने एक तालाब खरीदा, जिस पर बार, कैसीनो और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं का कब्जा था और फिर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग मदरसे, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.

ख्वाजा गरीब नवाज
ख्वाजा गरीब नवाज
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Published : Sep 3, 2021, 5:08 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना (southern 24 Parganas) के ऐतिहासिक शहर मटिया ब्रिज (historic city of Matia Bridge ) के निवासी अमीन अंसारी (Amin Ansari) ने कड़ी मेहनत और राष्ट्र सेवा की भावना (spirit of service to the nation) के चलते सामाजिक बुराइयों के अड्डे को एक शैक्षणिक संस्थान में बदल दिया. दरअसल, उन्होंने इलाके में एक तालाब खरीदा, जिसपर बार, कैसीनो और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं का कब्जा था और फिर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग मदरसे, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.

सामाजिक कार्यकर्ता (social worker ) और ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष (chairman of Khwaja Gharib Nawaz Educational Trust) अमीन अंसारी ने ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में मेटिया ब्रिज के मीठे तालाब और उसके आसपास शैक्षिक गतिविधियों पर चर्चा की.

अमीन ने कहा, 'मैंने देश की सेवा का काम करीब पच्चीस साल पहले शुरू किया था और यह आज तक जारी है. इसके लिए मैं अपने सहयोगियों और क्षेत्र की माताओं और बहनों का बहुत आभारी हूं.'

ईटीवी भारत से बात करते अमीन अंसारी

ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि 1998-1997 में उन्होंने इलाके में आठ मंजिला तालाब बनाया, जो असामाजिक तत्वों का अड्डा था. यहां हर तरह की बुराइयां थीं. मुस्लिम इलाके को बुराइयों से बचाने के लिए उन्होंने पूरा तालाब खरीद लिया. जमीन खरीदने के बाद उन्होंने पहले तीन मंजिलों पर एक मस्जिद बनाई (built a mosque) और फिर एक मदरसा, स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.

उनका कहना है कि समय बीतता चला गया और मुस्लिम बहुल इलाके में स्थिति में तेजी से सुधार हुआ. यहां के लड़के-लड़कियों को अब शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के इलाकों की यात्रा नहीं करनी पड़ती, उन्हें एक ही छत के नीचे सब कुछ मिलता है.

समाजसेवी का कहना है कि मस्जिद परिसर में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग मदरसा है, जहां स्थानीय बच्चों के साथ-साथ झारखंड और बिहार के छात्र (students from Jharkhand and Bihar) भी आते हैं.

उन्होंने बताया कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल (English medium school) के अलावा लड़कियों के लिए एक सिलाई केंद्र, एक मेहंदी केंद्र और एक ब्यूटी पार्लर (beauty parlor)स्थापित किया गया था. जहां उन्हें सब कुछ फ्री में सिखाया जाता है.

पढ़ें - IIT Indore: Phd छात्रों ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर से बनाया ऑटोमैटिक ड्रोन

उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट ने मदरसे में पढ़ने के लिए देश के अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों के लिए नाश्ते और दोपहर और रात के खाने की व्यवस्था की है और अभी भी छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.

अमीन अंसारी ने कहा कि वह चाहते हैं कि लड़के और लड़कियां अपने अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और मदरसे से स्नातक हों और आईपीएस, डॉक्टर बनें और राष्ट्र की सेवा करें.

ईटीवी भारत ने ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट से जुड़े अन्य लोगों से भी बात की. उन्होंने अमीन अंसारी द्वारा राष्ट्र की सेवा के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की.

उनका कहना है कि संस्थान ने शिक्षा प्राप्त करने को आसान बनाने की कोशिश की है. यहां लड़कियों और लड़कों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है. इसके अलावा, अन्य प्रशिक्षण के लिए कोई शुल्क नहीं है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना (southern 24 Parganas) के ऐतिहासिक शहर मटिया ब्रिज (historic city of Matia Bridge ) के निवासी अमीन अंसारी (Amin Ansari) ने कड़ी मेहनत और राष्ट्र सेवा की भावना (spirit of service to the nation) के चलते सामाजिक बुराइयों के अड्डे को एक शैक्षणिक संस्थान में बदल दिया. दरअसल, उन्होंने इलाके में एक तालाब खरीदा, जिसपर बार, कैसीनो और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं का कब्जा था और फिर लड़कों और लड़कियों के लिए अलग मदरसे, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.

सामाजिक कार्यकर्ता (social worker ) और ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष (chairman of Khwaja Gharib Nawaz Educational Trust) अमीन अंसारी ने ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में मेटिया ब्रिज के मीठे तालाब और उसके आसपास शैक्षिक गतिविधियों पर चर्चा की.

अमीन ने कहा, 'मैंने देश की सेवा का काम करीब पच्चीस साल पहले शुरू किया था और यह आज तक जारी है. इसके लिए मैं अपने सहयोगियों और क्षेत्र की माताओं और बहनों का बहुत आभारी हूं.'

ईटीवी भारत से बात करते अमीन अंसारी

ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि 1998-1997 में उन्होंने इलाके में आठ मंजिला तालाब बनाया, जो असामाजिक तत्वों का अड्डा था. यहां हर तरह की बुराइयां थीं. मुस्लिम इलाके को बुराइयों से बचाने के लिए उन्होंने पूरा तालाब खरीद लिया. जमीन खरीदने के बाद उन्होंने पहले तीन मंजिलों पर एक मस्जिद बनाई (built a mosque) और फिर एक मदरसा, स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए.

उनका कहना है कि समय बीतता चला गया और मुस्लिम बहुल इलाके में स्थिति में तेजी से सुधार हुआ. यहां के लड़के-लड़कियों को अब शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के इलाकों की यात्रा नहीं करनी पड़ती, उन्हें एक ही छत के नीचे सब कुछ मिलता है.

समाजसेवी का कहना है कि मस्जिद परिसर में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग मदरसा है, जहां स्थानीय बच्चों के साथ-साथ झारखंड और बिहार के छात्र (students from Jharkhand and Bihar) भी आते हैं.

उन्होंने बताया कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल (English medium school) के अलावा लड़कियों के लिए एक सिलाई केंद्र, एक मेहंदी केंद्र और एक ब्यूटी पार्लर (beauty parlor)स्थापित किया गया था. जहां उन्हें सब कुछ फ्री में सिखाया जाता है.

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उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट ने मदरसे में पढ़ने के लिए देश के अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों के लिए नाश्ते और दोपहर और रात के खाने की व्यवस्था की है और अभी भी छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.

अमीन अंसारी ने कहा कि वह चाहते हैं कि लड़के और लड़कियां अपने अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और मदरसे से स्नातक हों और आईपीएस, डॉक्टर बनें और राष्ट्र की सेवा करें.

ईटीवी भारत ने ख्वाजा गरीब नवाज एजुकेशनल ट्रस्ट से जुड़े अन्य लोगों से भी बात की. उन्होंने अमीन अंसारी द्वारा राष्ट्र की सेवा के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की.

उनका कहना है कि संस्थान ने शिक्षा प्राप्त करने को आसान बनाने की कोशिश की है. यहां लड़कियों और लड़कों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है. इसके अलावा, अन्य प्रशिक्षण के लिए कोई शुल्क नहीं है.

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