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भारत-नेपाल सीमा के पास से 2 किलो यूरेनियम के साथ 15 तस्कर गिरफ्तार - Indo Nepal Border

बिहार में भारत-नेपाल सीमा के पास से 2 किलो यूरेनियम बरामद (2 kg Uranium Recovered Near Indo-Nepal Border) किया गया है. इसके साथ ही 15 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. जिससे यूरेनियम के संबंध में पूछताछ की जा रही है. पढे़ं पूरी खबर..

15 तस्कर 2 किलो यूरेनियम के साथ गिरफ्तार
15 तस्कर 2 किलो यूरेनियम के साथ गिरफ्तार
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Published : Jul 22, 2022, 7:11 AM IST

Updated : Jul 22, 2022, 9:17 AM IST

अररिया: काठमांडू के रास्ते भारतीय सीमा में लाई जा रही यूरेनियम की खेप को नेपाल की पुलिस ने इंडो नेपाल बॉर्डर (Indo Nepal Border) पर पकड़ा है. सीमा पर ही 15 तस्करों (15 arrested with 2 kg Uranium ) को गिरफ्तार किया गया है. बरामद यूरेनियम विस्फोटक निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला है. इसके साथ ही अन्य संदिग्ध सामान भी जब्त हुए हैं. इस खेप को भारत में पहुंचाने के लिए पकड़े गए युवाओं को बड़ी रकम दी जाती है. इस गिरफ्तारी के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और एसएसबी के जवान सक्रिय हो गए हैं. बताया जा रहा है कि तस्कर बिहार के अररिया जिले के जोगबनी बॉर्डर के आसपास से कहीं एंट्री लेने वाले थे.

ये भी पढ़ें-मोतिहारी में बोलेरो से 180 किलो गांजा जब्त, एक तस्कर गिरफ्तार

भारत में लाई जा रही थी यूरेनियम खेप: बता दें कि अलग अलग होटलों से 2 किलो यूरेनियम के साथ 15 लोगों को नेपाल के विराटनगर से गिरफ्तार किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोरंग के एसपी शांतिराज कोईराला ने इसकी पुष्टि कर दी है. इसी दौरान उन्होंने बताया कि यूरेनियम को काठमांडू के रास्ते भारतीय सीमा में एंट्री कराई जानी थी. लेकिन उससे पहले ही नेपाल पुलिस ने तस्करों को अलग-अलग होटलों से दबोच लिया. इतनी मात्रा में यूरेनियम मिलने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गईं हैं. जब्त यूरेनियम की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. गौरतलब है कि यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जाता है. हालांकि, यह प्रक्रिया आसान नहीं रहती. फिर भी यूरेनियम की बरामदगी ने खुफिया विभाग के भी कान खड़े कर दिए हैं.

परमाणु बम बनाने में होता है यूरेनियम का इस्तेमाल: अगर यह यूरेनियम गलत हाथों में लग जाए तो इसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जा सकता है. 1 किलो यूरेनियम से 24 मेगावाट की ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक हिरोशिमा और नागासाकी पर 64 किलो यूरेनियम का विस्फोट (परमाणु बम) किया गया था. ऐसे में 2 किलो यूरेनियम भी तबाही ला सकता है. आरोपी तस्कर इस खेप को कहां डिलिवर करने वाले थे? सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रहीं हैं. जब्त यूरेनियम को जांच के लिए लैब में भेजा गया है. इसकी कीमत करोड़ों रुपए बतायी जा रही है.

बॉर्डर पर बड़ी साजिश का खुलासा: भारत और नेपाल की सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से जांच कर रहीं हैं. ये जानने की कोशिश की जा रही है कि इन तस्करों का सिंडिकेट किसके लिए काम कर रहा था. यूरेनियम की सप्लाई कहां होने वाली थी और इस खेप को कहां से लेकर आ रहे थे. पूरे सिंडिकेट के सदस्यों को जांच एजेंसियां खंगाल रहीं हैं.

भारत के इन राज्यों में यूरेनियम भंडार: बता दें कि भारत के कई राज्यों में यूरेनियम के भंडार पाए जाते हैं. इनमें राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मेघालय, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश आदि हैं. वर्तमान में झारखंड और आंध्र प्रदेश में ही यूरेनियम का खनन होता है. झारखंड में यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया 1967 से यूरेनियम का खनन कर रही है.

ये भी पढ़ें-औरंगाबाद में टैंकर से पांच करोड़ का गांजा बरामद, तस्कर फरार

अररिया: काठमांडू के रास्ते भारतीय सीमा में लाई जा रही यूरेनियम की खेप को नेपाल की पुलिस ने इंडो नेपाल बॉर्डर (Indo Nepal Border) पर पकड़ा है. सीमा पर ही 15 तस्करों (15 arrested with 2 kg Uranium ) को गिरफ्तार किया गया है. बरामद यूरेनियम विस्फोटक निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला है. इसके साथ ही अन्य संदिग्ध सामान भी जब्त हुए हैं. इस खेप को भारत में पहुंचाने के लिए पकड़े गए युवाओं को बड़ी रकम दी जाती है. इस गिरफ्तारी के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और एसएसबी के जवान सक्रिय हो गए हैं. बताया जा रहा है कि तस्कर बिहार के अररिया जिले के जोगबनी बॉर्डर के आसपास से कहीं एंट्री लेने वाले थे.

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भारत में लाई जा रही थी यूरेनियम खेप: बता दें कि अलग अलग होटलों से 2 किलो यूरेनियम के साथ 15 लोगों को नेपाल के विराटनगर से गिरफ्तार किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोरंग के एसपी शांतिराज कोईराला ने इसकी पुष्टि कर दी है. इसी दौरान उन्होंने बताया कि यूरेनियम को काठमांडू के रास्ते भारतीय सीमा में एंट्री कराई जानी थी. लेकिन उससे पहले ही नेपाल पुलिस ने तस्करों को अलग-अलग होटलों से दबोच लिया. इतनी मात्रा में यूरेनियम मिलने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गईं हैं. जब्त यूरेनियम की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. गौरतलब है कि यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जाता है. हालांकि, यह प्रक्रिया आसान नहीं रहती. फिर भी यूरेनियम की बरामदगी ने खुफिया विभाग के भी कान खड़े कर दिए हैं.

परमाणु बम बनाने में होता है यूरेनियम का इस्तेमाल: अगर यह यूरेनियम गलत हाथों में लग जाए तो इसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जा सकता है. 1 किलो यूरेनियम से 24 मेगावाट की ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक हिरोशिमा और नागासाकी पर 64 किलो यूरेनियम का विस्फोट (परमाणु बम) किया गया था. ऐसे में 2 किलो यूरेनियम भी तबाही ला सकता है. आरोपी तस्कर इस खेप को कहां डिलिवर करने वाले थे? सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रहीं हैं. जब्त यूरेनियम को जांच के लिए लैब में भेजा गया है. इसकी कीमत करोड़ों रुपए बतायी जा रही है.

बॉर्डर पर बड़ी साजिश का खुलासा: भारत और नेपाल की सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से जांच कर रहीं हैं. ये जानने की कोशिश की जा रही है कि इन तस्करों का सिंडिकेट किसके लिए काम कर रहा था. यूरेनियम की सप्लाई कहां होने वाली थी और इस खेप को कहां से लेकर आ रहे थे. पूरे सिंडिकेट के सदस्यों को जांच एजेंसियां खंगाल रहीं हैं.

भारत के इन राज्यों में यूरेनियम भंडार: बता दें कि भारत के कई राज्यों में यूरेनियम के भंडार पाए जाते हैं. इनमें राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मेघालय, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश आदि हैं. वर्तमान में झारखंड और आंध्र प्रदेश में ही यूरेनियम का खनन होता है. झारखंड में यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया 1967 से यूरेनियम का खनन कर रही है.

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Last Updated : Jul 22, 2022, 9:17 AM IST
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