ऊना: जिले में नशाखोरी और नशा तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस ने बड़ी तैयारी की है. ऊना पुलिस अब नशा तस्करी के आरोप में दबोचे गए लोगों की जानकारी ईडी के साथ भी साझा करेगी. ईडी तक मामले को पहुंचाने से पहले पुलिस विभाग द्वारा सभी नशा तस्करों की वित्तीय जांच भी की जा रही है.
पिछले साल से ज्यााद मामले- ऊना जिले में महज 4 महीने में ऊना में एनडीपीएस एक्ट के 64 केस दर्ज हुए हैं और 99 लोग गिरफ्तार हुए हैं. जिनसे हेरोइन. अफीम, चूरा पोस्त, गांजा और चरस जैसे मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं. जबकि पिछले साल जनवरी से अप्रैल तक 4 महीने में 40 मामले दर्ज हुए थे और 59 आरोपियों की गिरफ्तार हुई है. ये आंकड़े बता रहे है कि नशे का जाल कितनी तेजी से फैल रहा है.
तस्करों की खैर नहीं- पुलिस अब नशा तस्करी से जुड़े लोगों की संपत्तियां भी खंगालेगी और फिर ईडी जैसी एंजेसी की भी मदद लेगी. पुलिस अधीक्षक अर्जित सिंह ठाकुर का कहना है कि नशा तस्करी के आरोप में पकड़े गए लोगों की संपत्तियों की जांच की जा रही है और इन सभी आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद इनमें से कुछ मामलों को प्रवर्तन निदेशालय के सुपुर्द किया जाएगा ताकि नशा कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सके.
नशे की खेप- ऊना में पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं. जिनसे भारी मात्रा में नशा बरामद हुआ है. इस साल अब तक 370.141 ग्राम हेरोइन, 1 किलो 89 ग्राम चरस, 878 ग्राम अफीम, 3.75 किलोग्राम गांजा और 126 किलोग्राम चूरा पोस्त दर्ज मामलों में जब्त किया गया है. जबकि साल 2022 में 214.576 ग्राम हेरोइन, 550 ग्राम चरस और 10 किलो 262 ग्राम चूरा पोस्त पकड़ी गई थी. आंकड़े बता रहे हैं कि एनडीपीएस के मामले और आरोपियों के साथ-साथ जब्त की जा रही नशे की खेप भी हर साल बढ़ रही है.
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