ऊना: हिमाचल प्रदेश में बुधवार को हुई झमाझम बारिश ने सरकारी प्रबंधों की पोल खोल दी है. मात्र आधे घंटे की बारिश में ही सरकारी दावे हवा होते दिखे. भारी बारिश के कारण ऊना शहर जलमग्न हो गया. जिला मुख्यालय के कई कार्यालयों में पानी घुस गया. यहां तक कि कई सरकारी बाबूओं के आवास भी पूरी तरह से जलमग्न हो गए.
ऊना का मिनी सचिवालय, एसपी कार्यालय, एसपी का अपना चैंबर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालयों सहित अन्य सरकारी दफ्तरों के अंदर बरसात का पानी भर गया. एसपी कार्यालय में जलभराव होने से पुलिसकर्मी पानी निकालने में लगे हुए दिखे. इस मौके पर आपदा प्रबंधन भी गायब ही दिखा. मदद के लिए लोग यहां वहां घंटियां घनघनाते रहे, लेकिन घंटों बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई.
हालात यहां तक बिगड़ गए कि फायर ब्रिगेड के जवानों को मौके पर पहुंचकर न्यायधीशों और अधिकारियों के घरों में घुसे पानी को बाहर निकालने के लिए मोर्चा संभालना पड़ गया. जिला मुख्यालय में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए लंबी बैठकों के दौर और बरसात के प्रबंधन के बड़े-बड़े दावों के बावजूद शहर में हुए जलभराव को लेकर लोगों में रोष देखा गया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में हर साल बारिश की समस्या से दो-चार होना पड़ता है. लोगों ने प्रशासन पर पानी की निकासी की अनदेखी किये जाने का आरोप लगाया. साथ ही इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की.
बता दें कि प्रदेश में मौसम विभाग ने बुधवार को भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ था. अनुमान के मुताबिक प्रदेश के अधिकतर जिलों में झमाझम बारिश हुई है. नदी-नाले ऊफान पर हैं. वहीं, मैदानी इलाकों में पानी भर गया है.कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर, बिलासपुर और ऊना में मंगलवार के बाद से देर रात और बुधवार सुबह भी मूसलाधार बारिश हुई है.
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