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ऊना में सुदृढ़ किया जाएगा यातायात सिस्टम, ट्रैफिक लाइट के लिए चिन्हित किए गए नए चौक, 40 लाख का एस्टीमेट सरकार को भेजा - एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले जिला ऊना में अस्त व्यस्त चल रही यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिला पुलिस द्वारा मास्टर प्लान तैयार किया गया है. रोड सेफ्टी मुहिम के तहत इस योजना पर जल्द सरकार और पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रुप से काम किया जाएगा. जिला में यातायात नियमों की अवहेलना के चलते होने वाले सड़क हादसों पर लगाम कसने की कड़ी में इस योजना को काफी कारगर माना जा रहा है.

ऊना में सुदृढ़ किया जाएगा यातायात सिस्टम
ऊना में सुदृढ़ किया जाएगा यातायात सिस्टम
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Published : Apr 1, 2023, 1:24 PM IST

ऊना: प्रदेश सरकार द्वारा रोड सेफ्टी को लेकर शुरू किए गए अभियान के तहत पुलिस विभाग के साथ-साथ नेशनल हाईवे अथॉरिटी और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी भी तय की गई है. जिसके चलते इन विभागों के संयुक्त प्रोएक्टिव प्रयासों के तहत सड़क सुरक्षा तय की जाएगी. इसके तहत यातायात को पूरी तरह सुचारू करने के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार ऊना पर पूरी तरह फोकस किया जा रहा है. जहां प्रतिमाह 4 से 5 लाख के आसपास वाहनों की आवाजाही होती है.

इन परिस्थितियों के बीच यातायात को सुचारू रूप में चलाए रखने के लिए जो भी व्यवस्था करनी होगी, उसके लिए प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय और प्रदेश सरकार द्वारा मांगे गए हैं. जिला पुलिस द्वारा पुलिस हेडक्वार्टर के मार्फत प्रदेश सरकार को करीब 40 लाख रुपए के यातायात प्रबंधन उपकरणों का प्रस्ताव भेजा जा रहा है. एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि जिला ऊना में यातायात को सुचारू बनाए रखने में ट्रैफिक लाइट की कमी काफी खल रही है. जिला मुख्यालय के अतिरिक्त प्रदेश के सीमांत कस्बा संतोषगढ़, औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल, जिला मुख्यालय के ही बचत भवन चौक और मुबारिकपुर चौक पर ट्रैफिक लाइट लगाने का प्रस्ताव है.

उन्होंने कहा कि इन संबंधित क्षेत्रों में ट्रैफिक लाइट लगने से यातायात को काफी सुचारू रूप से हैंडल किया जा सकता है. इससे न केवल पुलिस की चौकसी बढ़ेगी, बल्कि इसके साथ-साथ सड़क हादसों को भी कम करने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें: हादसों का शहर है ऊना, हर साल होती हैं सैकड़ों दुर्घटनाएं, बढ़ता ट्रैफिक बना परेशानी का सबब

ऊना: प्रदेश सरकार द्वारा रोड सेफ्टी को लेकर शुरू किए गए अभियान के तहत पुलिस विभाग के साथ-साथ नेशनल हाईवे अथॉरिटी और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी भी तय की गई है. जिसके चलते इन विभागों के संयुक्त प्रोएक्टिव प्रयासों के तहत सड़क सुरक्षा तय की जाएगी. इसके तहत यातायात को पूरी तरह सुचारू करने के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार ऊना पर पूरी तरह फोकस किया जा रहा है. जहां प्रतिमाह 4 से 5 लाख के आसपास वाहनों की आवाजाही होती है.

इन परिस्थितियों के बीच यातायात को सुचारू रूप में चलाए रखने के लिए जो भी व्यवस्था करनी होगी, उसके लिए प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय और प्रदेश सरकार द्वारा मांगे गए हैं. जिला पुलिस द्वारा पुलिस हेडक्वार्टर के मार्फत प्रदेश सरकार को करीब 40 लाख रुपए के यातायात प्रबंधन उपकरणों का प्रस्ताव भेजा जा रहा है. एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि जिला ऊना में यातायात को सुचारू बनाए रखने में ट्रैफिक लाइट की कमी काफी खल रही है. जिला मुख्यालय के अतिरिक्त प्रदेश के सीमांत कस्बा संतोषगढ़, औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल, जिला मुख्यालय के ही बचत भवन चौक और मुबारिकपुर चौक पर ट्रैफिक लाइट लगाने का प्रस्ताव है.

उन्होंने कहा कि इन संबंधित क्षेत्रों में ट्रैफिक लाइट लगने से यातायात को काफी सुचारू रूप से हैंडल किया जा सकता है. इससे न केवल पुलिस की चौकसी बढ़ेगी, बल्कि इसके साथ-साथ सड़क हादसों को भी कम करने में मदद मिलेगी.

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