ETV Bharat / state

ऊना में कोविड-19 सैंपलिंग की अनिवार्यता पर हंगामा, कारोबारियों ने बताया तुगलकी फरमान

ऊना में कोविड-19 सैंपलिंग की अनिवार्यता पर कारोबारियों ने हंगामा किया. एसडीएम का कहना है कि वर्तमान में बिना लक्षणों के कई मरीज सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर कारोबारियों के सैंपल अनिवार्य रूप से करवाने का फैसला लिया गया है. अगर व्यापारी प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करेंगे, तो उनपर कार्रवाई भी की जा सकती है.

Traders protest against random sampling in una
रेंडम सैंपलिंग के विरोध में उतरे कारोबारी
author img

By

Published : Apr 8, 2021, 7:23 PM IST

ऊनाः स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए जिला मुख्यालय के विभिन्न बाजारों में सैंपलिंग बढ़ा दी है. कारोबारियों को अनिवार्य रूप से कोरोना की टेस्टिंग करवाने के निर्देश देने गई टीम को विरोध का सामना करना पड़ा है.

एसडीएम डॉ. निधि पटेल के सामने ही कारोबारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. कारोबारियों ने खुलकर प्रशासनिक आदेशों को तुगलकी फरमान करार देना शुरू कर दिया. कारोबारियों का कहना है कि जो व्यापारी स्वेच्छा से सैंपल देना चाहे, केवल उन्हीं की टेस्टिंग करवाई जाए. इस दौरान व्यापारियों ने दुकानें बंद करनी शुरू कर दी.

वीडियो.

रैंडम सैंपलिंग का किया विरोध

कारोबारियों का कहना है कि केवल उन दुकानदारों के ही सैंपल करवाए जाएं, जिनमें कोविड-19 के लक्षण हो या जो स्वेच्छा से सैंपलिंग करवाना चाहें. सभी के सैंपल करवाने के आदेश सरासर गलत हैं. इससे कारोबार भी प्रभावित होगा. लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबार जगत ही रहा है. अब ऐसे में अगर सैंपलिंग की अनिवार्यता थोपी जाती है, तो उन्हें और भी ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा है.

कोरोना की रोकथाम के लिए हो रहा काम

एसडीएम ऊना निधि पटेल का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान जारी है. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी लोगों की सैंपलिंग करवाना अनिवार्य है. इसी से संक्रमित लोग सामने आएंगे और एहतियात बरतने में मदद मिलेगी.

एसडीएम का कहना है कि वर्तमान में बिना लक्षणों के कई मरीज सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर कारोबारियों के सैंपल अनिवार्य रूप से करवाने का फैसला लिया गया है. अगर व्यापारी प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करेंगे, तो उनपर कार्रवाई भी की जा सकती है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल को रास नहीं आई "आप", पहाड़ पर पहली चढ़ाई में फिसले केजरीवाल

ऊनाः स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए जिला मुख्यालय के विभिन्न बाजारों में सैंपलिंग बढ़ा दी है. कारोबारियों को अनिवार्य रूप से कोरोना की टेस्टिंग करवाने के निर्देश देने गई टीम को विरोध का सामना करना पड़ा है.

एसडीएम डॉ. निधि पटेल के सामने ही कारोबारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. कारोबारियों ने खुलकर प्रशासनिक आदेशों को तुगलकी फरमान करार देना शुरू कर दिया. कारोबारियों का कहना है कि जो व्यापारी स्वेच्छा से सैंपल देना चाहे, केवल उन्हीं की टेस्टिंग करवाई जाए. इस दौरान व्यापारियों ने दुकानें बंद करनी शुरू कर दी.

वीडियो.

रैंडम सैंपलिंग का किया विरोध

कारोबारियों का कहना है कि केवल उन दुकानदारों के ही सैंपल करवाए जाएं, जिनमें कोविड-19 के लक्षण हो या जो स्वेच्छा से सैंपलिंग करवाना चाहें. सभी के सैंपल करवाने के आदेश सरासर गलत हैं. इससे कारोबार भी प्रभावित होगा. लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबार जगत ही रहा है. अब ऐसे में अगर सैंपलिंग की अनिवार्यता थोपी जाती है, तो उन्हें और भी ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा है.

कोरोना की रोकथाम के लिए हो रहा काम

एसडीएम ऊना निधि पटेल का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान जारी है. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी लोगों की सैंपलिंग करवाना अनिवार्य है. इसी से संक्रमित लोग सामने आएंगे और एहतियात बरतने में मदद मिलेगी.

एसडीएम का कहना है कि वर्तमान में बिना लक्षणों के कई मरीज सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर कारोबारियों के सैंपल अनिवार्य रूप से करवाने का फैसला लिया गया है. अगर व्यापारी प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करेंगे, तो उनपर कार्रवाई भी की जा सकती है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल को रास नहीं आई "आप", पहाड़ पर पहली चढ़ाई में फिसले केजरीवाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.