ऊना: निजी बस ऑपरेटर यूनियन की अहम बैठक वीरवार को आरटीओ कार्यालय परिसर में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने की. इस मौके पर बस ऑपरेटर यूनियन ने प्रदेश सरकार के समक्ष चल रहे लंबित मांगों को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की.
राजेश पराशर ने कहा कि बस ऑपरेटर्स यूनियन ने प्रदेश सरकार के समक्ष एक अगस्त 2020 से 31 मार्च 2021 तक एक मुफ्त टोकन टैक्स माफ करने की मांग उठाई थी. कोविड-19 के चलते बस ऑपरेटर्स को जितना नुकसान झेलना पड़ा है, उसके कारण न केवल ऑपरेटर, बल्कि उनके कर्मचारी भी काफी प्रभावित हुए हैं. ऐसी परिस्थिति में जहां सरकार को टैक्स भरने वाले इन ऑपरेटरों की चिंता करनी चाहिए थी.
आंदोलन की चेतावनी
वहीं, ऑपरेटर्स सरकार के समक्ष बार-बार रोना रो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार की नींद नहीं खुल रही. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नगर निगम चुनाव के चलते उनके हित में लिए जाने वाले फैसले को टाल दिया है, लेकिन चुनाव के बाद होने वाली पहली ही कैबिनेट की बैठक में यदि बस ऑपरेटर्स की मांगों को फिर से अनदेखा किया जाता है, तो ऑपरेटर्स यूनियन प्रदेश स्तर पर जन आंदोलन शुरू करने से गुरेज नहीं करेगी.
यदि अब भी उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो बस ऑपरेटर्स प्रदेश में आगामी उपचुनाव और विधानसभा चुनावों में भाजपा का खुला विरोध करेंगे. अगर सरकार यह सोचती है कि केवल मात्र बस ऑपरेटर्स ही उनसे नाराज होंगे तो वह गलतफहमी में हैं. बस ऑपरेटर्स के साथ लाखों लोग रोजगार की कड़ी में जुड़े हैं, जिनमें चालक-परिचालक से लेकर पंक्चर तक लगाने वाला कामगार शामिल हैं.
निजी बस ऑपरेटरों की ओर ध्यान दे सरकार
वैश्विक कोरोना महामारी के चलते आई आर्थिक मंदी में सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम को तो करोड़ों रुपए की राहत पैकेज के रूप में प्रदान की है, लेकिन निजी बस ऑपरेटर की तरफ सरकार का ध्यान नहीं गया. जिससे यह पता चलता है कि सरकार निजी बस ऑपरेटर के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
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