ऊना: पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के गृह विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़ के गांव नलवाड़ी में लोग इन दिनों बंदरों के आतंक से बहुत परेशान हैं. नलवाड़ी में बंदर किसानों की फसलों को तो पहले ही चट कर रहे थे, लेकिन अब बंदरों ने लोगों के घरों में घुस कर भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया है.
बंदरों की वजह से गांव के अधिकतर किसान खेतीबाड़ी को अलविदा कह चुके हैं. जिससे किसानों की भूमि बंजर बनती जा रही है. नलवाड़ी के निवासियों ने सरकार से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है.
हिमाचल सरकार ने बंदरों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए बंदरों को बर्मिन घोषित करके इन्हें मारने से पाबंदी हटा दी है, लेकिन आस्था के कारण बंदरों का शिकार कोई करना नहीं चाहता है. जिससे हिमाचल प्रदेश में लगातार बंदरों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है.
सरकार द्वारा बंदरों की संख्या में कमी लाने के लिए बंदर नसबंदी केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, लेकिन बंदर नसबंदी के आंकड़े महज कागजों तक ही सीमित हैं. धरातल पर लगातार बंदरों की संख्या में बढ़ौतरी होती जा रही है. जो विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है. बंदरों ने फसलों के साथ बीजों को उखाड़ना भी शुरू कर दिया है. जिससे किसानों के खेत खाली हो जा रहे हैं.
नलवाड़ी गांव के लोगों का कहना है कि बंदर इतने खूंखार हैं कि कई बार घर मे घुसकर उत्पात मचा देते हैं. बंदरों के कारण वह अपने बच्चों को स्कूल भी नही भेज पा रहे है. बंदर बच्चों को काटने के लिए पीछे दौड़ पड़ते हैं. इससे पहले भी बंदर कई ग्रामीणों को अपना शिकार बना चुके हैं.
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