ETV Bharat / state

खेतों के बाद अब घरों में घुसने लगे हैं बंदर, ग्रामीणों ने सरकार से लाई मदद की गुहार

नलवाड़ी के लोगों को बंदरों के आतंक से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. फसलों को तबाह करने के साथ-साथ अब लोगों के घरों में घुस कर भी उत्पात मचा रहे है.

नलवाड़ी के लोगों को बंदरों के आतंक से परेशान लोग
author img

By

Published : Oct 12, 2019, 5:20 PM IST

ऊना: पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के गृह विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़ के गांव नलवाड़ी में लोग इन दिनों बंदरों के आतंक से बहुत परेशान हैं. नलवाड़ी में बंदर किसानों की फसलों को तो पहले ही चट कर रहे थे, लेकिन अब बंदरों ने लोगों के घरों में घुस कर भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया है.

बंदरों की वजह से गांव के अधिकतर किसान खेतीबाड़ी को अलविदा कह चुके हैं. जिससे किसानों की भूमि बंजर बनती जा रही है. नलवाड़ी के निवासियों ने सरकार से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है.

हिमाचल सरकार ने बंदरों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए बंदरों को बर्मिन घोषित करके इन्हें मारने से पाबंदी हटा दी है, लेकिन आस्था के कारण बंदरों का शिकार कोई करना नहीं चाहता है. जिससे हिमाचल प्रदेश में लगातार बंदरों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है.

वीडियो.

सरकार द्वारा बंदरों की संख्या में कमी लाने के लिए बंदर नसबंदी केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, लेकिन बंदर नसबंदी के आंकड़े महज कागजों तक ही सीमित हैं. धरातल पर लगातार बंदरों की संख्या में बढ़ौतरी होती जा रही है. जो विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है. बंदरों ने फसलों के साथ बीजों को उखाड़ना भी शुरू कर दिया है. जिससे किसानों के खेत खाली हो जा रहे हैं.

नलवाड़ी गांव के लोगों का कहना है कि बंदर इतने खूंखार हैं कि कई बार घर मे घुसकर उत्पात मचा देते हैं. बंदरों के कारण वह अपने बच्चों को स्कूल भी नही भेज पा रहे है. बंदर बच्चों को काटने के लिए पीछे दौड़ पड़ते हैं. इससे पहले भी बंदर कई ग्रामीणों को अपना शिकार बना चुके हैं.

ये भी पढ़ें: एनआईटी में कर्मचारी ने किया आत्महत्या का प्रयास, जांच में जुटी पुलिस

ऊना: पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के गृह विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़ के गांव नलवाड़ी में लोग इन दिनों बंदरों के आतंक से बहुत परेशान हैं. नलवाड़ी में बंदर किसानों की फसलों को तो पहले ही चट कर रहे थे, लेकिन अब बंदरों ने लोगों के घरों में घुस कर भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया है.

बंदरों की वजह से गांव के अधिकतर किसान खेतीबाड़ी को अलविदा कह चुके हैं. जिससे किसानों की भूमि बंजर बनती जा रही है. नलवाड़ी के निवासियों ने सरकार से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है.

हिमाचल सरकार ने बंदरों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए बंदरों को बर्मिन घोषित करके इन्हें मारने से पाबंदी हटा दी है, लेकिन आस्था के कारण बंदरों का शिकार कोई करना नहीं चाहता है. जिससे हिमाचल प्रदेश में लगातार बंदरों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है.

वीडियो.

सरकार द्वारा बंदरों की संख्या में कमी लाने के लिए बंदर नसबंदी केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, लेकिन बंदर नसबंदी के आंकड़े महज कागजों तक ही सीमित हैं. धरातल पर लगातार बंदरों की संख्या में बढ़ौतरी होती जा रही है. जो विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है. बंदरों ने फसलों के साथ बीजों को उखाड़ना भी शुरू कर दिया है. जिससे किसानों के खेत खाली हो जा रहे हैं.

नलवाड़ी गांव के लोगों का कहना है कि बंदर इतने खूंखार हैं कि कई बार घर मे घुसकर उत्पात मचा देते हैं. बंदरों के कारण वह अपने बच्चों को स्कूल भी नही भेज पा रहे है. बंदर बच्चों को काटने के लिए पीछे दौड़ पड़ते हैं. इससे पहले भी बंदर कई ग्रामीणों को अपना शिकार बना चुके हैं.

ये भी पढ़ें: एनआईटी में कर्मचारी ने किया आत्महत्या का प्रयास, जांच में जुटी पुलिस

Intro:स्लग-- बंदरों के आतंक से खासे परेशान नलबाड़ी के बाशिंदे, खेतों और घरों में आतंक मचा रहे बंदर, बन्दरों के डर से खेतीबाड़ी को अलविदा कह चुके किसान, ग्रामीणों ने बंदरों की समस्या से निजात की उठाई मांग।
Body:एंकर-- पंचायती राज में मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र कुटलैहड़ के  गांव नलवाड़ी के बाशिंदे इन दिनों बंदरों के आतंक से बहुत परेशान है। बन्दर नलवाड़ी में किसानों की फ़सलों को तो चट कर ही रहे थे लेकिन अब बंदरों ने लोगों के घरों में घुस कर भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। बंदरों की बजह से गांव के अधिकतर किसान तो खेतीबाड़ी को अलविदा कह चुके हैं। जिससे किसानों की कई कनाल भूमि बंजर बनती जा रही है। नलवाड़ी के वाशिंदों ने सरकार सरकार से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।
वी ओ 1-- बेशक हिमाचल सरकार ने बंदरो के आतंक से छुटकारा पाने के लिए बंदरों को बर्मिन घोषित करके इन्हे मारने से पाबंदी हटा दी है। लेकिन आस्था के चलते बन्दरों का शिकार करने की कोई जहमत नहीं उठा रहा। जिससे हिमाचल प्रदेश में बन्दरों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। सरकार द्वारा बंदरों की संख्या में कमी लाने के लिए बन्दर नसबंदी केंद्र भी स्थापित किये गए है। लेकिन बन्दर नसबंदी के आंकड़े महज कागजों तक ही सीमित हैं। धरातल पर लगातार बंदरों की संख्या में बढ़ौतरी होती जा रही है। जो विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रही है। ऊना जिला में इन दिनों बंगाणा उपमंडल में बन्दरों के आतंक से नलबाड़ी गांव के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण बंदरों के उत्पात से खेतीबाड़ी का काम छोड़ चुके हैं। क्योंकि बन्दर फसलों की बिजाई के साथ ही बीजों को उखाड़ना शुरू कर देते हैं। जिससे किसानों के खेत खाली हो जाते हैं। नलबाड़ी गांव के बाशिंदों की माने तो बंदर इतने खूंखार हो चुके हैं कि कई बार घर मे घुसकर उत्पात मचा देते हैं। यही नही बन्दरों के कारण वे अपने बच्चों को अकेले स्कूल भी नही भेज सकते। क्योंकि बन्दर बच्चों को काटने के लिए पीछे दौड़ पड़ते है। यही नहीं बन्दर पहले कई ग्रामीणों को अपना शिकार बना भी चुके है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।

बाइट-- ग्रामीण  MONKEY PROBLEM 2

बाइट-- ग्रामीण   MONKEY PROBLEM 3

बाइट-- ग्रामीण  MONKEY PROBLEM 4Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.