ऊना: बीपीएल श्रेणी का लाभ पात्र लोगों तक सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा है. SDM ऊना विश्व मोहन देव चौहान द्वारा अब BPL फर्जीवाड़े को रोकने के लिए 'नेम एंड शेम' टैग लाइन के साथ जल्द ही नया अभियान शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं. जिसमें BPL श्रेणी में बैठे अपात्र लोगों को चिन्हित कर उनके नाम ही सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे, अपितु उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा. एसडीएम ऊना ने तमाम पंचायतों में बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए लोगों का आंकड़ा खंगालने का फैसला लिया है. जिसमें बीपीएल श्रेणी के लिए तय किए गए. मापदंडों को पूरी तरह से जांचा जाएगा.
एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान का कहना है कि बीपीएल को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं जिसमें पात्र लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि अपात्र लोग लंबे अरसे से बीपीएल श्रेणी में बैठे गलत तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. बीपीएल श्रेणी में बैठे अपात्र लोगों को 'नेम एंड शेम' टैगलाइन के साथ शुरू किए जा रहे अभियान के तहत बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.
उपमंडल ऊना के SDM ने इस अभियान को शुरू करने का फैसला लिया है. जिसके तहत BPL श्रेणी में केवल मात्र अपात्र लोगों को लाभ सुनिश्चित करने का अभियान चलाया जा रहा है. गौरतलब है कि बीपीएल श्रेणी को लेकर जिला प्रशासन के पास लगातार शिकायतें आ रही थी. जिसमें अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा था. इसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आई है. बहरहाल अब बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए लोगों का आंकड़ा खंगाला जाएगा और इसके साथ ही साथ बीपीएल श्रेणी में शामिल किए जाने वाले तमाम मापदंडों को वह पूरा करते हैं या नहीं, इस चीज का भी आकलन करते हुए नए सिरे से इन सूचियों को तैयार करने का फैसला लिया गया है.
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इस अभियान को लेकर जानकारी देते हुए SDM ऊना विश्वमोहन देव चौहान ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं. जिनमें बीपीएल श्रेणी से पात्र लोग बाहर रखे जा रहे हैं, जबकि अपात्र लोगों को इस वर्ग की सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीपीएल श्रेणी में शामिल होने के लिए मासिक आय 2500 रुपये से कम होना, सिंचित भूमि 1 हेक्टेयर से कम होना, गैर सिंचित भूमि 2 हेक्टेयर से कम होना, पक्का मकान नहीं होना और किसी भी प्रकार का वाहन नहीं होना तय किया गया है. इसके साथ ही सबसे बड़ा क्लाउज जो इसमें जोड़ा गया है उसमें बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए लोगों को 20 दिन तक मनरेगा के तहत काम करना अनिवार्य है, लेकिन अकसर ऐसा देखने में आता है कि इन तमाम चीजों को दरकिनार करते हुए लोगों को बीपीएल श्रेणी का लाभ दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इस चीज का आंकलन कर बीपीएल श्रेणी में सुधार किया जाएगा. जिसके बाद शहरी क्षेत्रों में भी इन्हीं मापदंडों के अनुसार 'नेम एंड शेम' टैगलाइन के तहत BPL श्रेणी में सुधार अभियान छेड़ा जाएगा. उन्होंने बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए अपात्र लोगों को हिदायत दी है कि वह अपने आप इस श्रेणी से बाहर हो जाएं अन्यथा प्रशासन कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएगा. वहीं, ग्राम पंचायतों के नोटिस बोर्ड पर 'नेम एंड शेम' टैगलाइन के तहत उनके नाम लिखे जाएंगे.
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